76 वर्षीय महिला ने गंवाए 43 लाख, ठगों ने बताया नंबर पाहलगाम योजना में उपयोग
नोएडा की 76 वर्षीय महिला से साइबर ठगों ने 43 लाख की ठगी की, उनकी नंबर पाहलगाम योजना में इस्तेमाल होने का झूठा आरोप लगाया गया। घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
देश में ठगी और आर्थिक अपराध बढ़ रहे हैं, और इसका शिकार उम्रदराज लोग हो रहे हैं। ऐसी ही एक घटना सामने आई है, जिसमें 76 वर्षीय बुजुर्ग महिला को 43 लाख रुपए से अधिक की ठगी का सामना करना पड़ा। ठगों ने उसे बताया कि उसके मोबाइल नंबर का उपयोग पहलगाम योजना से जुड़ी धोखाधड़ी में किया गया है। यह खबर न केवल समाज में चिंता का विषय बनी है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि कैसे बड़े पैमाने पर ठगी की योजनाएं चल रही हैं।
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ठगी का तरीका और आरोप
ठगों ने महिला को फोन करके भरोसा दिलाया कि उनका नंबर किसी बड़ी योजना से जुड़ा हुआ है जिसके कारण उन्हें आर्थिक लाभ मिल सकता है। धीरे-धीरे वे उनसे लाखों रुपये की मांग करने लगे। महिला ने अपने सामान्य समझ से बाहर जाकर जितनी राशि उनसे मांगी गई, वह जमा कर दी। बाद में जब असलियत सामने आई तो उसे पता चला कि यह पूरी योजना एक बड़ा जालसाजी का हिस्सा थी। ठगों ने धोखे से उसका नंबर उपयोग किया और बड़ी रकम हड़प ली।
पुलिस की जांच और संबंधित पक्ष की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। स्थानीय पुलिस जांच में जुटी है और फिलहाल ठगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। पुलिस ने लोगों से भी सावधानी बरतने और किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश पर तत्काल प्रतिक्रिया न देने की सलाह दी है। वहीं पीड़ित महिला ने अपने अनुभव को साझा करते हुए अन्य लोगों को जागरूक रहने की हिदायत दी है ताकि वे ऐसे जाल में न फंसे।
साइबर अपराध और वृद्धजन
आज के डिजिटल युग में वृद्धजन सबसे अधिक साइबर अपराध और ठगी के शिकार बन रहे हैं। बिना सावधानी के मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर ये लोग जालसाजों के आसान निशाने बन जाते हैं। इस घटना ने समाज और प्रशासन दोनों को एक बार फिर सचेत किया है कि लोगों को आधुनिक तकनीकों से जुड़ी धोखाधड़ी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना अत्यंत आवश्यक है।
रोकथाम के लिए कदम
जोखिम को कम करने के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को डिजिटल सुरक्षा के बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी है। फोन कॉल, मैसेज और सोशल मीडिया पर अनजान संपर्कों से सतर्क रहने की अपील है। इसके अलावा, किसी भी वित्तीय लेन-देन या व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांचना चाहिए। सरकार द्वारा भी साइबर सुरक्षा नियमों को कड़ा करने और लोगों को शिक्षित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
समाज और प्रशासन की भूमिका
इस प्रकार की ठगी की वारदात से निपटने के लिए समाज, परिवार और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ साथ ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। समय रहते सावधानी और उचित कदम उठाने से इस तरह की धोखाधड़ी की घटनाएं कम हो सकती हैं। सभी से यही निवेदन है कि वे फर्जी सूचनाओं और ठगों से सावधान रहें।
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