BSP: क्या चुनावी रणनीति से मायावती फिर मुसलमानों का भरोसा जीत पाएंगी?

उत्तर प्रदेश में मुसलमान की आबादी 19.26% है। पश्चिमी यूपी के कई जिलों में मुसलमान की आबादी लगभग निर्णायक भूमिका में है। यहां तेरी तो की भी बड़ी भागीदारी है इसी दलित समीकरण और मुसलमान के सहारे ही बसपा ने 2007 में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का काम किया था

BSP: क्या चुनावी रणनीति से मायावती फिर मुसलमानों का भरोसा जीत पाएंगी?

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    मायावती एक बार फिर मुसलमान का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही हैं.बुधवार 29 अक्टूबर को पार्टी के लखनऊ कार्यालय पर दलित मुस्लिम भाईचारे कमेटी की बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह मुसलमान के बीच जाकर अपना काम करें वह मुसलमान को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रही है कि मुसलमान का भविष्य बहुजन समाज पार्टी  के शासनकाल में ही सुरक्षित है पे मुसलमान को उन कार्यों की लिखित जानकारी दें जो मायावती ने मुसलमान के लिए किए थे लेकिन सवाल यह है कि क्या मुसलमान एक बार फिर बसपा के साथ जाएगा 2007 में दलित ब्राह्मण और मुसलमान समीकरण के सहारे ही मायावती ने सफलता प्राप्त की थी यदि मुसलमान मायावती के साथ गया तो इसमें अखिलेश यादव और राहुल गांधी को कितना नुकसान होगा जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में मुसलमान और दलितों के समर्थन के सहारे भाजपा को गहरी चोट पहुंचाई थी?

    बीते दिनों में मुस्लिम के वोट बैंक बनने से जुड़ी कई तरह की बयान बाजी हुई है। जहां भाजपा ने सपा कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगाए हैं वही यह दोनों पार्टियों भाजपा पर बिहार में मुसलमान को टिकट न देने को लेकर निशाना साध रही है ऐसे इस दौर में मायावती की मुसलमान को अपने करीब लाने की कोशिश रंग दिखा सकती है

     

    बिना बुलडोजर मायावती जी ने चलाई थी सरकार - बसपा नेता 

    बसपा की लखनऊ मंडल प्रभारी फैजान खान ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में मायावती सरकार बेमिसाल है उन्होंने बिना किसी बुलडोजर कार्रवाई से समाज के हर वर्ग को सुरक्षा दी थी। और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई। हर समाज के लिए विकास के काम हुए और हर समाज को विकास का कार्य करने का अवसर मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि आज बुलडोजर कार्रवाई के नाम पर सरकार अपनी असफलता छुपाने का कार्य कर रही है फैजान खान ने आगे कहा की भाजपा हो या समाजवादी पार्टी सत्ता में आने पर केवल सांप्रदायिक विभाजन को गहरा करने का कार्य करती है जिससे उनकी प्रशासनिक असफलता छिपी रहे उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने सत्ता में आने के पश्चात केवल अपने परिवार के लिए कार्य किया है जबकि जहां भी मुसलमान दलितों पर अत्याचार हुए हैं वहां उन्होंने आवाज उठाने की बजाय चुप्पी साध ली उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के सत्ता के 5 साल और विपक्ष के रूप में पिछले सात आठ साल में उनके कामों को देखते हुए अब कोई भी मुसलमान सपा के साथ नहीं जाएगा

     

    मुसलमान पर हुए अत्याचार के विरोध की सबसे मुखर आवाज बने राहुल और प्रियंका गांधी - कांग्रेस 

    यूपी के कांग्रेस उपाध्यक्ष विश्व विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस आज पूरे देश में उन गरीबों दलितों पिछड़ा और मुसलमान की सबसे बड़ी आवाज बन चुकी है जिनके ऊपर अत्याचार किया जा रहा है उन्होंने कहा कि चाहे का एनआरसी का मामला रहा हो या कोई अन्य बड़ा मुद्दा उनके नेताओं प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने सड़क पर उतर को उसका विरोध किया सिंह ने आगे कहा कि बसपा या मायावती क्या काम करती है यह उनके विषय है लेकिन जहां तक दलित और मुसलमान की बात है यह कांग्रेस को छोड़कर वापस नहीं जाने वाले क्योंकि दलित और मुसलमान ने यह देख लिया है कि कांग्रेस ने ही उनकी  विचारधारा का का खुलकर विरोध किया है जिसके आधार पर उन्हें उन्हें प्रताड़ित किया जाता है

     

    मायावती की चुप्पी का राज जानता है मुसलमान - समाजवादी पार्टी   

    समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद आजम खान ने कहां की मुस्लिम समुदाय के मन में अब मायावती को लेकर कोई दुविधा नहीं है उन्होंने कहा है कि वे केवल वही काम करती है  जिससे भाजपा को लाभ पहुंचे अपनी बैठक के माध्यम से उन्होंने केवल मुसलमान बरगलाने और भ्रमित करने का काम किया है उन्होंने आगे कहा कि जब-जब मुसलमान के खिलाफ कार्रवाई होती है मायावती उस मामले पर चुप्पी साध लेती है.और ऐसे में अब उन्हें वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है

     

    मुस्लिम समाज चाहता है अब तरक्की की राजनीति 

    मोहम्मद आजम खान ने कहा कि आज मुसलमान अपने समाज के लिए तरक्की की बात करना चाहता है वह आज के नए समाज को देखते हुए शिक्षा रोजगार की बात कर रहा है लेकिन दूसरी पार्टी के पास मुसलमान के विकास का कोई पता नहीं है जबकि अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के दौरान मुसलमान को हर तरीके से मजबूत करने का काम किया था उन्होंने कहा कि अब मुसलमान के साथ-साथ दलित समुदाय भी किसी भ्रम में नहीं है और 2027 में सपा भाजपा का बजट कर देगी

    क्या मायावती मुसलमानों का भरोसा जीत पाएंगी?

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