उत्तर प्रदेश के आगरा जिले से एक ऐसा हादसा सामने आया है जिसने हर किसी को अंदर तक हिला दिया। शहर के एक मोहल्ले में घर के भीतर चार्जिंग पर रखी गई इलेक्ट्रिक स्कूटी अचानक मौत का कारण बन गई। देर रात अचानक जबरदस्त धमाका हुआ, और देखते ही देखते आग की लपटें पूरे घर में फैल गईं। इस हादसे में 90 वर्षीय भगवती प्रसाद और उनकी 85 वर्षीय पत्नी उर्मिला देवी सोते-सोते आग की चपेट में आ गए और जिन्दा जल गए। जब तक आसपास के लोग कुछ समझ पाते, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। यह घटना इतनी खौफनाक थी कि गली के लोगों का कहना है कि उन्होंने ऐसा दिल दहला देने वाला मंजर इससे पहले कभी नहीं देखा।
घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। परिवार के लोग अपने-अपने कमरों में सो रहे थे। निचले फ्लोर पर भगवती प्रसाद और उनकी पत्नी आराम कर रहे थे, जबकि ऊपरी मंजिल पर बेटे और पोते सो रहे थे। अचानक चार्जिंग पर लगी स्कूटी की बैटरी में ब्लास्ट हुआ और धमाके ने पूरे घर को दहका दिया।
पास पड़ोस के लोग नींद से जागे और मदद के लिए दौड़े। कुछ ही मिनटों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी मौके पर पहुंच गईं, लेकिन तब तक आग ने निचले फ्लोर को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया था। दमकलकर्मियों ने काफी मशक्कत कर लपटों पर काबू पाया, पर तब तक बुजुर्ग दंपति की जान जा चुकी थी।
परिवार और पड़ोसियों की आँखों के सामने उजड़ा पूरा घर
यह हादसा इतना भयावह था कि मृतक दंपति के परिजन अभी भी सदमे में हैं। पोते और बेटे का कहना है कि उन्हें पहले लगा कि शायद घर में कोई छोटा धमाका हुआ है, लेकिन जब तक वे लोगों को पुकारते और नीचे भागते, तब तक आग भयानक रूप ले चुकी थी। उनका कहना है कि कुछ ही पलों में धुएं और लपटों ने निचला हिस्सा घेर लिया। बाहर खड़े पड़ोसी बताते हैं कि परिवार के लोग दरवाजे तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अंदर से आग भड़क रही थी और बुजुर्ग माता-पिता को बचाना असंभव हो गया।
बताया जा रहा है कि स्कूटी को एक दिन पहले ही पार्ट्स की मरम्मत करवाई गई थी और बैटरी चार्जिंग पर लगाई गई थी। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि बिजली की तेज धारा के दौरान अचानक बैटरी ने जोरदार धमाका किया। हादसे की गूंज इतनी तेज थी कि दूर-दूर तक लोग जाग गए।
पड़ोसी रामनाथ नाम के शख्स ने बताया कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा कि आग इतनी तेजी से फैली कि दमकल की टीम पहुँचने तक बुजुर्गों को निकालना असंभव हो गया। पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है और लोग आजतक इस खौफनाक दृश्य को भूल नहीं पा रहे हैं।
बढ़ते इलेक्ट्रिक स्कूटी हादसों को लेकर उठ रहे सवाल
आगरा की घटना के बाद लोगों के मन में एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर इन इलेक्ट्रिक स्कूटी और ई-बाइकों की सुरक्षा पर कितनी जिम्मेदारी कंपनियां ले रही हैं। पिछले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिनमें बैटरी ब्लास्ट होने से घरों में आग लगी, कई बार लोगों की जान भी गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर लोग अपनी स्कूटी या बाइक को पूरी रात चार्जिंग पर लगा देते हैं और बैकअप पावर में खराब क्वालिटी के प्लग या तार इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बैटरी ओवरहीट होकर धमाका कर देती है। हालांकि, इस घटना में परिवार ने ब्रांडेड चार्जर ही इस्तेमाल किया था, लेकिन फिर भी हादसा हो गया। यह बात कंपनी की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़ा करती है।
लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि सरकार इस तरह के मामलों में सिर्फ आश्वासन देती है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाती। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि बैटरी के मटेरियल और चार्जिंग कंट्रोल पर बेहतर तकनीक पर काम करने की सख्त जरूरत है। वहीं, लोग अब सोच रहे हैं कि क्या उनकी स्कूटी भी उन्हें कभी दुर्घटना की ओर धकेल सकती है।
दमकल अधिकारियों और पुलिस की जांच जारी
इस दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस और दमकल विभाग ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है। मौके से धमाके के टुकड़े, जली हुई बैटरी और चार्जिंग तारों को जब्त कर लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही यह साफ होगा कि धमाका तकनीकी खराबी के कारण हुआ या बिजली सप्लाई में उतार-चढ़ाव से।
फायर ब्रिगेड ने बताया कि मौके पर पानी डालकर आग को काबू में करने में उन्हें करीब एक घंटा लगा। अगर थोड़ी देर और हो जाती तो आग ऊपर के फ्लोर तक पंहुचकर और भी बड़ा नुकसान कर सकती थी। सौभाग्य से ऊपर सो रहे बेटे और पोते समय रहते बाहर आ गए, वरना हादसा और भी खतरनाक हो सकता था।
पुलिस ने मरने वाले दंपति के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बैटरी किस कंपनी की थी और उसमें पहले से कोई तकनीकी खराबी तो दर्ज नहीं की गई थी। परिवार ने अभी किसी भी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन मोहल्ले के लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
सबक और सावधानियां जो हर किसी को सीखनी होंगी
आगरा की यह घटना एक बड़ा सबक है कि घर में इलेक्ट्रिक स्कूटी या किसी भी बैटरी वाले वाहन को चार्जिंग के दौरान पूरी तरह निगरानी में रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कभी भी बैटरी को पूरी रात के लिए चार्जिंग पर न छोड़ें। खासतौर पर घर के अंदर या कमरे में चार्जिंग करना खतरनाक साबित हो सकता है।
लोगों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हमेशा वही चार्जर इस्तेमाल करें जो मूल कंपनी का हो और सस्ते तारों या लोकल पार्ट्स से दूरी बनाएं। अगर बैटरी गर्म हो रही है तो उसे तुरंत चार्जिंग से अलग करें और ठंडी जगह पर रखकर जांच कराएं। इसके अलावा सरकार और कंपनियों से भी अपील की जा रही है कि ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाए जाएं और सुरक्षित तकनीक से लैस बैटरियां बाजार में लाई जाएं।
इस हादसे ने साफ कर दिया कि नई तकनीक भले ही सुविधाजनक हो, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। आगरा में जो हुआ, वह किसी के भी घर में हो सकता है। ऐसे में समाज और परिवार दोनों के लिए जागरूक रहना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है।