Agra-Lucknow Expressway : पर बड़ा सड़क हादसा स्लीपर बस मिनी ट्रक से टकराई, तीन लोगों की हुई मौत

कन्नौज जिले के तिर्वा थाना क्षेत्र में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर रविवार सुबह बड़ा सड़क हादसा हुआ। स्लीपर बस मिनी ट्रक से टकराने के बाद पलट गई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक यात्री घायल हो गए। घायलों को तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। हादसे का कारण बस चालक को झपकी आना बताया जा रहा है।

Agra-Lucknow Expressway : पर बड़ा सड़क हादसा स्लीपर बस  मिनी ट्रक से टकराई, तीन लोगों की हुई मौत

रविवार सुबह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर कन्नौज जिले के तिर्वा कोतवाली थाना क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसा हो गया। तेज रफ्तार में जा रही एक स्लीपर बस अनियंत्रित होकर सामने चल रहे मिनी ट्रक से टकराई और पलट गई। बस के पलटते ही यात्रियों में चीख-पुकार मच गई और घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस हादसे में तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को नजदीकी राजकीय मेडिकल कॉलेज, तिर्वा में भर्ती कराया गया है।

 

बस चालक को झपकी आने से हुआ हादसा

पुलिस जांच में यह प्राथमिक जानकारी सामने आई है कि बस चालक को झपकी आने के कारण यह दुर्घटना हुई। एक्सप्रेस वे पर बस की रफ्तार काफी तेज थी और अचानक झपकी आने से चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा। बस तेज रफ्तार में चलते हुए मिनी ट्रक से भिड़ गई और सड़क पर पलट गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बस गिरते ही यात्रियों की चीखें सुनकर आसपास के लोग दौड़े और घायलों को बाहर निकालने में मदद करने लगे।

 

घटनास्थल पर राहत व बचाव कार्य

दुर्घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और एक्सप्रेस वे प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने जेसीबी और अन्य उपकरणों की मदद से बस में फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। करीब एक घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए एंबुलेंस के जरिए राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा भेजा गया। मौके पर जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया।

 

तीन यात्रियों की मौत से परिवारों में मातम

इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि मृतकों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। अस्पताल प्रशासन और पुलिस उनके नाम-पते पता कर परिजनों को सूचना देने का प्रयास कर रही है। बस में सवार कई यात्री अन्य राज्यों के भी थे, जिसके कारण जानकारी जुटाने में समय लग रहा है। जैसे ही मृतकों की पहचान होगी, पुलिस उनकी डेड बॉडी परिवार को सौंप देगी।

 

बचे हुए यात्रियों में दहशत

इस हादसे के बाद जो यात्री बच गए, वे दहशत में हैं। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले कभी इतना खतरनाक हादसा नहीं देखा। घायल यात्रियों का कहना है कि बस चालक लगातार तेज रफ्तार में वाहन चला रहा था। रातभर सफर करने से ज्यादातर लोग सो रहे थे, तभी अचानक जोरदार आवाज के साथ बस पलटी और अफरा-तफरी मच गई।

 

अस्पताल में घायलों का इलाज जारी

राजकीय मेडिकल कॉलेज, तिर्वा में घायलों का इलाज जारी है। डॉक्टरों की एक बड़ी टीम घायलों की जांच और देखभाल में जुटी हुई है। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को पहले ट्रॉमा वार्ड और आईसीयू में शिफ्ट किया गया। जिला प्रशासन ने अस्पताल में अतिरिक्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए हैं। घायलों के परिजनों की बड़ी संख्या भी अस्पताल में मौजूद है, जहां हर कोई अपने परिवारजन की जिंदगी के लिए दुआ कर रहा है।

 

एक्सप्रेस वे पर हादसों का सिलसिला

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को देश के सबसे सुरक्षित और आधुनिक हाईवे में गिना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में यहां हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। तेज रफ्तार, नींद की झपकी और वाहन चालकों की लापरवाही हादसों का सबसे बड़ा कारण बन रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंबी दूरी की यात्रा पर वाहन चालकों को बीच-बीच में आराम करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। यह हादसा फिर वही सवाल खड़ा करता है कि हाईवे पर यात्रा करते समय सुरक्षा के नियम कितने जरूरी हैं।

 

पुलिस ने शुरू की जांच

कन्नौज पुलिस ने दुर्घटना के बाद घटनास्थल का मुआयना किया और मौके से साक्ष्य जुटाए। मिनी ट्रक और बस को कब्जे में लिया गया है। पुलिस चालक और कंडक्टर से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हादसे की मुख्य वजह क्या रही। हालांकि प्राथमिक रिपोर्ट में अभी तक झपकी आना ही कारण सामने आया है। इसके अलावा, बस के मालिक और ट्रांसपोर्ट कंपनी से भी पुलिस जांच करेगी।

 

लोगों में गुस्सा और चिंता

हादसे के बाद जिले के लोगों में गुस्सा और चिंता का माहौल है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि पुलिस और प्रशासन को एक्सप्रेस वे पर निगरानी और भी कड़ी करनी चाहिए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कई यात्रियों ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर लगातार होने वाले इन हादसों को रोकने के लिए अब तक ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए।