Ahmedabad : 7 साल के बच्चे के पेट से निकला बालों का गुच्छा और जूते का फीता, सफल सर्जरी से बची जान

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने सात साल के मासूम शुभम के पेट से बालों का गुच्छा और जूते का फीता सर्जरी के जरिए निकाला। लंबे समय तक पेट दर्द और कमजोरी से जूझ रहे शुभम की हालत अब पूरी तरह ठीक है। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक बेहद दुर्लभ बीमारी है, जिसमें बच्चे बाल या अन्य वस्तुएं निगल लेते हैं। timely इलाज से शुभम की जान बच गई और अब माता-पिता को भी राहत मिली है।

Ahmedabad : 7 साल के बच्चे के पेट से निकला बालों का गुच्छा और जूते का फीता, सफल सर्जरी से बची जान

गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सात साल का शुभम लंबे समय से पेट में दर्द और बदहजमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। परिवार को लगा कि यह सामान्य पेट दर्द है, लेकिन जब बच्चा बार-बार खाना खाने से परहेज करने लगा और वजन तेजी से घटने लगा, तब उसे अहमदाबाद के सिविल अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच के बाद अंदाजा लगाया कि मामला गंभीर है और तुरंत स्कैन की जरूरत है।

 

डॉक्टरों ने जांच के बाद किया बड़ा खुलासा

स्कैन रिपोर्ट के बाद सामने आया कि शुभम के पेट के भीतर एक अजीब सा ठोस पदार्थ जमा हो गया है। यह कोई सामान्य गैस्ट्रिक समस्या नहीं थी। डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन का फैसला लिया और करीब दो घंटे चली इस जटिल सर्जरी में सच सामने आया। शुभम के पेट से बालों का बड़ा सा गुच्छा और एक जूते का फीता बाहर निकाला गया।

 

क्या है यह दुर्लभ बीमारी जिसमें बच्चा खाने लगता है ऐसी चीजें

चिकित्सकों के मुताबिक यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसे ट्राइकोफेजिया कहा जाता है। इस बीमारी में बच्चे अनजाने में बाल चबा जाते हैं और कभी-कभी खेलने के दौरान ऐसे सामान निगल लेते हैं जो पच ही नहीं सकते। यही कारण था कि शुभम के पेट में लंबे समय से यह गुच्छा जमा हो गया। अगर समय पर इलाज न होता तो बच्चे की जान पर भी खतरा हो सकता था।

 

परिवार को पहले नहीं पता था कि बच्चा बाल निगल रहा है

शुभम के माता-पिता इस बात से हैरान रह गए कि उनका बेटा इस तरह की आदत का शिकार था। उन्हें कभी अंदाजा नहीं हुआ कि घर में खेलते समय वह बाल तोड़कर चबा लेता था या जूते की लेस मुंह में डाल लेता था। जैसे-जैसे यह चीजें पेट में जमा होती गईं, उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। माता-पिता ने बताया कि पिछले कई महीनों से उनके बेटे का स्वभाव बदल गया था और वह कमजोर होता जा रहा था।

 

सर्जरी के बाद अब बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित

अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है और कुछ ही दिनों के भीतर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। शुभम अब सामान्य खाना खाने लगा है और उसकी तबीयत पर लगातार नजर रखी जा रही है। डॉक्टरों ने परिवार को सलाह दी है कि वे बच्चे की आदतों पर ध्यान रखें ताकि भविष्य में ऐसी समस्या दोबारा पैदा न हो।

 

डॉक्टरों ने दी महत्वपूर्ण सलाह सभी माता-पिता को

डॉक्टरों ने इस घटना के बाद कहा कि माता-पिता को बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। खासकर छोटे बच्चे खेलते-खेलते कई बार ऐसी चीजें निगल लेते हैं जिनका शरीर पर बुरा असर होता है। अगर बच्चा अचानक खाने से मना करे, बार-बार पेट दर्द की शिकायत करे या उसका वजन तेजी से घटने लगे, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। समय से किया गया इलाज बच्चों की जिंदगी बचा सकता है।

 

इस मामले से क्या सीख सकते हैं अन्य परिवार

यह घटना महज अहमदाबाद तक सीमित नहीं है। देशभर में कई बार इस तरह के मामले देखने को मिले हैं जब बच्चे प्लास्टिक, सिक्के, पेंसिल का रबर या अन्य चीजें निगल जाते हैं। आमतौर पर माता-पिता इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यह गंभीर समस्या का रूप ले सकती है। शुभम के मामले ने एक बड़ा सबक दिया है कि हमें बच्चों पर हर समय सतर्क रहना चाहिए और उनकी छोटी-छोटी आदतों को समझना चाहिए।

 

अहमदाबाद का यह मामला चर्चा में क्यों है

क्योंकि इस तरह की बीमारी बहुत ही दुर्लभ होती है। बाल और जूते की लेस पेट के अंदर जाकर एक बड़े गुच्छे का रूप ले चुके थे। अगर सर्जरी न होती तो पाचन तंत्र पूरी तरह से खराब हो सकता था और मौत जैसी स्थिति बन सकती थी। यही वजह है कि अहमदाबाद के इस सात साल के मासूम का मामला इन दिनों पूरे गुजरात में चर्चा का विषय बन गया है।