Amroha accident: मां की थोड़ी लापरवाही से दो साल की बेटी की मौत, बाल्टी में मिली लाश

अमरोहा के उझारी इलाके में दो साल की यतिका खेलते-खेलते बाथरूम पहुंच गई, जहां पानी से भरी बाल्टी रखी थी। खेल-खेल में वह पानी निकालने लगी और संतुलन बिगड़ने से उसमें गिर गई। जब तक परिवार को पता चला, तब तक देर हो चुकी थी। मां विशाखा ने बाल्टी से निकालने की कोशिश की, लेकिन बच्ची की सांसें थम चुकी थीं। इस हादसे ने पूरे परिवार और समुदाय को झकझोर दिया।

Amroha accident: मां की थोड़ी लापरवाही से दो साल की बेटी की मौत, बाल्टी में मिली लाश

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक दर्दनाक घटना ने पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया है। दो साल की मासूम यतिका की मौत ने न सिर्फ उसके परिवार को बल्कि पूरे समुदाय को हिला दिया है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि घर में छोटे बच्चों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और कैसे थोड़ी सी भी लापरवाही जीवन भर का गम दे सकती है।

     

    घटना का दर्दनाक विवरण

    रविवार की दोपहर करीब 12 बजे की बात है जब अमरोहा के उझारी इलाके में रहने वाली दो साल की यतिका अपने घर के आंगन में खेल रही थी । उसकी मां विशाखा उस समय घर के अंदर कमरे में सफाई का काम कर रही थीं। मासूम बच्ची खेलते-खेलते बाथरूम की तरफ चली गई जहां पानी से भरी एक बाल्टी रखी हुई थी । खेल-खेल में जब उसने बाल्टी से पानी निकालने की कोशिश की तो वह संतुलन खोकर उसी में गिर गई 

     

    देर से मिली जानकारी

    बहुत देर तक यतिका बाल्टी में पड़ी रही और जब तक पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी [web:5]। घटना की जानकारी तब हुई जब यतिका की पांच साल की बड़ी बहन तृषा ने उसे बाल्टी में गिरा हुआ देखा और जोर से चिल्लाई । आवाज सुनकर मां विशाखा दौड़कर आईं और बच्ची को बाल्टी से बाहर निकाला लेकिन तब तक मासूम की सांसें थम चुकी थीं।

     

    परिवार की स्थिति और दुख

    यतिका के पिता रामनिवास सैनी का काम गाजियाबाद में मजदूरी करना है और वे अपने परिवार से दूर रहकर कमाई करते हैं [web:3]। घर में मां विशाखा और दो बच्चे रहते थे। इस हादसे के बाद पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और आसपास के लोग भी इस दुख में शामिल हुए हैं । परिजनों ने बिना पुलिस को जानकारी दिए ही मासूम का अंतिम संस्कार कर दिया।

     

    बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही एक आम समस्या

    यह केवल एक अकेली घटना नहीं है। हाल ही में मुजफ्फरनगर के चरथावल इलाके में भी डेढ़ साल के बच्चे अलीशान की इसी तरह पानी की बाल्टी में डूबकर मौत हो गई थी यह बताता है कि घरेलू सुरक्षा की समस्या कितनी गंभीर है और कैसे माता-पिता को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है । डॉक्टरों के अनुसार छोटे बच्चे बहुत कम पानी में भी डूब सकते हैं क्योंकि उनका सिर भारी होता है और वे खुद को संभाल नहीं पाते।

     

    घर में छुपे हुए खतरे

    घर में रखी पानी की बाल्टी, बाथटब, यहां तक कि छोटे कटोरे भी छोटे बच्चों के लिए जानलेवा हो सकते हैं । बच्चे बहुत उत्सुक होते हैं और वे हर चीज को छूना और देखना चाहते हैं। पानी देखकर उनका मन करता है कि वे उसमें हाथ डालें या खेलें। इसी जिज्ञासा में वे संतुलन खो बैठते हैं और दुर्घटना हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार दो इंच पानी भी छोटे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।

     

    माता-पिता की जिम्मेदारियां और सावधानियां

    छोटे बच्चों को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए, खासकर जब घर में पानी से भरे बर्तन हों [web:1]। माता-पिता को चाहिए कि वे हमेशा अपने बच्चों पर नजर रखें और घर के खतरनाक इलाकों को सुरक्षित बनाएं। बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना, पानी के बर्तनों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना और बच्चों के साथ लगातार बातचीत करते रहना जरूरी है। यदि कोई काम करना हो तो पहले बच्चे को सुरक्षित जगह पर बिठाना चाहिए।

     

    समुदाय और समाज की भूमिका

    केवल माता-पिता ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाएं [web:3]। पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त सभी को मिलकर एक-दूसरे को सुरक्षा के तरीकों के बारे में बताना चाहिए। स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में भी बच्चों की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। गांव और मोहल्ले में सुरक्षा कमेटी बनाकर नियमित रूप से इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए।

     

    दुर्घटना के बाद क्या करना चाहिए

    यदि कोई बच्चा पानी में गिर जाए तो तुरंत उसे बाहर निकालकर मुंह से पानी निकालना चाहिए और फौरन डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए [web:5]। हर सेकंड महत्वपूर्ण होता है और देर करने से जान का खतरा बढ़ जाता है। प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी हर परिवार के बड़े सदस्य को होनी चाहिए । CPR की तकनीक सीखना भी फायदेमंद हो सकता है। साथ ही पास के अस्पताल का फोन नंबर हमेशा तैयार रखना चाहिए।

     

    सुरक्षित घर बनाने के आसान उपाय

    घर को बच्चों के लिए सुरक्षित बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। बाथरूम के दरवाजे पर बच्चों की पहुंच से ऊपर लैच लगाना, पानी के बर्तनों को हमेशा ढककर रखना, और बच्चों के खेलने की जगह निर्धारित करना जरूरी है । घर में सुरक्षा उपकरण जैसे बेबी गेट लगाना भी अच्छा विकल्प है। सबसे जरूरी बात यह है कि बच्चों को कभी भी बिना निगरानी के अकेला न छोड़े और हमेशा उनकी आवाज सुनाई देती रहे।

    यतिका जैसी दुर्घटनाएं हमें सिखाती हैं कि बच्चों की सुरक्षा में कोई भी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। एक छोटी सी सावधानी कई जिंदगियों को बचा सकती है और परिवारों को जीवन भर के गम से बचा सकती है |

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