Comet बॉट से भड़का Amazon! Perplexity पर लगाया बड़ा आरोप, जानिए पूरा विवाद
Amazon और Perplexity के बीच Comet शॉपिंग बॉट को लेकर छिड़ा बड़ा विवाद! जानिए क्यों भड़का अमेजन, क्या है कॉमेट बॉट की खासियत और इसका ई-कॉमर्स व AI दुनिया पर क्या असर पड़ेगा।
Comet: टेक दुनिया में इन दिनों “कॉमेट” नाम का शॉपिंग बॉट चर्चा का विषय बना हुआ है। Amazon और एआई सर्च इंजन स्टार्टअप Perplexity के बीच इसे लेकर टकराव हो गया है। अमेज़न का आरोप है कि परप्लेक्सिटी का यह शॉपिंग असिस्टेंट “कॉमेट” उसके प्लेटफॉर्म पर बिना अनुमति काम कर रहा है और यूज़र्स को यह जानकारी नहीं देता कि वह एक बॉट है. जो अमेज़न की नीतियों का उल्लंघन है।
कॉमेट एक स्मार्ट शॉपिंग असिस्टेंट है, जो यूज़र्स के लिए Amazon, Flipkart और Myntra जैसी वेबसाइटों से कीमतों की तुलना कर सबसे बेहतर डील सुझाता है। इससे खरीदारी तेज़ और सुविधाजनक बन जाती है। हालांकि, यही तकनीकी सुविधा अब कानूनी विवादों के घेरे में आ गई है।
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परप्लेक्सिटी का जवाब "दादागीरी इनोवेशन नहीं"
Perplexity ने इस विवाद पर एक ब्लॉग पोस्ट जारी किया, जिसका शीर्षक था "Bullying is not innovation" यानी “दादागीरी करना इनोवेशन नहीं होता।” कंपनी का तर्क है कि अगर कोई बॉट यूजर की तरफ से काम करता है, तो उसे वही एक्सेस मिलना चाहिए जो इंसान को मिलता है। उनका मानना है कि वो सिर्फ यूजर्स की सुविधा बढ़ा रहे हैं, न कि किसी कंपनी की पॉलिसी तोड़ रहे हैं।
वहीं अमेजन का कहना है कि हर प्लेटफॉर्म या ऐप जैसे फूड डिलीवरी या ट्रैवल बुकिंग साइट्स खुद को एजेंट के रूप में बताते हैं, तो कॉमेट ऐसा क्यों नहीं कर सकता? कंपनी ने संकेत दिए हैं कि अगर स्थिति नहीं सुधरी, तो वे legal threat जारी कर कॉमेट को पूरी तरह से ब्लॉक कर सकते हैं।
कॉम्पिटिशन और मुनाफे की जंग
इस विवाद के पीछे प्रतिस्पर्धा का पहलू भी है। दरअसल, अमेजन का अपना एआई बॉट “Rufus” पहले से मौजूद है, जो ग्राहकों को प्रोडक्ट सर्च और खरीद में मदद करता है। ऐसे में “कॉमेट” का आना सीधा e-commerce बाजार में चुनौती माना जा रहा है।
Perplexity का कहना है कि अमेजन असल में अपने मुनाफे की रक्षा कर रहा है, क्योंकि बॉट्स एड्स या अचानक की जाने वाली खरीदारी (impulsive buying) पर असर डालते हैं। यानी अब यूजर्स को महंगे और अनचाहे सामान दिखाकर खरीदवाने का मौका अमेजन को कम मिलेगा।
AI और ई-कॉमर्स का बदलता भविष्य
विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले सालों में AI आधारित शॉपिंग बॉट्स बाजार की दिशा बदल सकते हैं। जैसे-जैसे ग्राहक सुविधा और पारदर्शिता चाहते हैं, वैसे-वैसे ऐसे टूल्स की मांग बढ़ेगी। भारत में भी कई स्टार्टअप “शॉपिंग बॉट” टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, ताकि ऑनलाइन शॉपिंग और भी आसान बन सके।
भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अमेजन और परप्लेक्सिटी के बीच यह जंग किसी समाधान पर खत्म होती है या टेक्नोलॉजी जगत में एक नया अध्याय लिखती है।
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मैं हूँ मानसी आर्या, GCShorts.com की एडिटर। टेक-गियर, न्यूज़ कवरेज, ये सब मेरे जिम्मे है। कंटेंट की प्लानिंग से लेकर प्रोडक्शन तक सब कुछ देखती हूँ। डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया की झलक भी है मेरे फैसलों में, जिससे खबरें जल्दी, बढ़िया और असली आपके पास पहुँचती रहें। कोई फालतू झंझट नहीं, बस काम की बातें।
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