iPhone Export: ट्रंप की चेतावनी के बावजूद भारत में बढ़ रहा आईफोन का निर्यात

भारत की अर्थव्यवस्था में विदेशी कंपनियों का निवेश और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। एप्पल ने भारत से आईफोन निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं गूगल ने आंध्र प्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर लगाने की योजना बनाई। यह दोनों घटनाएं दिखाती हैं कि भारत विदेशी दबावों के बावजूद अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत को बढ़ा रहा है। देश अब वैश्विक व्यापार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में अग्रणी बन रहा है।

iPhone Export: ट्रंप की चेतावनी के बावजूद भारत में बढ़ रहा आईफोन का निर्यात

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    नई दिल्ली से एक खास खबर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ही देश की कंपनियों, खासतौर से एप्पल को चेतावनी दी कि अगर वे भारत में उत्पादन कर रही हैं तो अमेरिका में कारोबार पर ध्यान दें। पर बात यह है कि न तो एप्पल ने उनकी बात मानी और न ही गूगल ने ट्रंप की धमकी को सुना। वे भारत में अपने काम को तेजी से बढ़ा रहे हैं। ये दोनों कंपनियां भारत की चमकती हुई अर्थव्यवस्था पर भरोसा कर रही हैं और इस भरोसे से भारत की तरक्की के नए आंकड़े सामने आ रहे हैं।

     

    आईफोन निर्यात ने तोड़ा रिकॉर्ड: छह महीनों में दस अरब डॉलर का कारोबार

    एप्पल ने इस वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में भारत से लगभग दस अरब डॉलर के आईफोन का निर्यात कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा पांच अरब डॉलर से भी कम था। यह निर्यात वृद्धि लगभग सत्तर प्रतिशत से अधिक है। सितंबर महीने में तो एप्पल ने अकेले ही 1.25 अरब डॉलर के आईफोन भारत से बाहर भेजे, जो पिछले साल सितंबर की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा है। यह तब हुआ जब भारत में नए आईफोन 17 सीरीज की घरेलू मांग अधिक थी, जिसे भारत में ही पूरा किया गया।

     

    आईफोन मॉडल अब भारत में निर्मित होकर पूरी दुनिया में जाते हैं

    बीते सालों की तुलना में इस बार निर्यात के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं। इसका कारण यह है कि पहली बार एप्पल के सभी नए मॉडल जैसे प्रो, प्रो मैक्स और एयर सहित, लॉन्च होते ही भारत की फैक्ट्रियों से पूरे विश्व के बाजारों के लिए तैयार किए जा रहे हैं। पहले जहां भारत में बनने वाले प्रो मॉडल को वैश्विक बाजार तक पहुंचने में कई महीनों का समय लगता था, वहीं अब निर्यात की इस प्रक्रिया में काफी तेजी आई है।

     

    नई फैक्ट्रियों से उत्पादन हुआ दोगुना, टाटा और फॉक्सकॉन ने बढ़ाई मशीनें

    सरकार की स्मार्टफोन प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव योजना के तहत एप्पल ने जनवरी से निर्यात में जबरदस्त वृद्धि दिखाई। इसका मुख्य कारण है अप्रैल में दो नयी फैक्ट्रियों का शुरू होना। इनमें से एक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की होसुर प्लांट है और दूसरी फॉक्सकॉन की बेंगलुरु यूनिट। अब भारत में कुल पांच फैक्ट्रियां आईफोन बनाती हैं, जो निर्यात दायरे को और मजबूत कर रही हैं।

     

    गूगल करेगा भारत में एशिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर, 10 अरब डॉलर का निवेश

    जहां एप्पल आईफोन निर्यात में रेकॉर्ड बना रहा है, वहीं गूगल भी भारत पर पूरा भरोसा दिखा रहा है। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गूगल एक बड़ा डेटा सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसका कुल निवेश करीब दस अरब डॉलर होगा। इस सेंटर की क्षमता 1 गीगावाट होगी और यह तीन अलग-अलग जगहों पर फैला होगा। माना जा रहा है कि यह डेटा सेंटर जुलाई 2028 तक चालू हो जाएगा और यह पूरे एशिया का सबसे बड़ा होगा।

     

    डेटा सेंटर के साथ नई तकनालजी का केंद्र भी बनेगा भारत

    गूगल का यह प्रोजेक्ट भारत के डिजिटल इकोनॉमी के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह सेंटर आंध्र प्रदेश के पहले इंटरनेशनल AI इंफ्रास्ट्रक्चर हब का हिस्सा होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को नया आयाम देगा। इसके साथ ही, यह सेंटर एडवांस्ड रिसर्च और डेवलपमेंट को भी बढ़ावा देगा। परियोजना के तहत सबमरीन केबल, केबल लैंडिंग स्टेशन और हाई-कैपेसिटी मेट्रो फाइबर लाइनों का निर्माण भी होगा, जो टेलीकम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाएगा।

     

    आंध्र प्रदेश सरकार जल्द ही डील को फाइनल करने वाली है

    सूत्रों के मुताबिक, गूगल के बड़े अधिकारी और आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में इस निवेश डील को अंतिम रूप देने जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश सरकार के निवेश बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। यह भारत में गूगल का सबसे बड़ा सीधे निवेश होगा, जो देश की डिजिटल संभावनाओं को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।

     

    भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ये खबरें सकारात्मक संकेत हैं

    डाटा सेंटर और आईफोन के निर्यात के आंकड़े केवल व्यापार के संकेत नहीं हैं, बल्कि वे भारत की आर्थिक मजबूती और तकनीक में अग्रणी बनने की कहानी भी बताते हैं। विदेशी निवेश का बढ़ना और उत्पादन को स्थानीय बनाने की नीति से भारत ने खुद को विश्व व्यापार का भरोसेमंद भागीदार बनाया है। ये सारे कदम यह दर्शाते हैं कि भारत अब एक बड़ी ताकत बन चुका है, जिसे कोई अनदेखा नहीं कर सकता।

     

    ट्रंप की धमकियों के बीच भारत का आत्मनिर्भर तेवर साफ नजर आता है

    डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के कारोबार को देखते हुए भारत को अपनी चेतावनी जारी की, लेकिन भारत की तरक्की ने उस धमकी को हवा में उड़ा दिया। एप्पल ने भारत में उत्पादन और निर्यात को और बढ़ाया, तो गूगल ने नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। यह दिखाता है कि भारत की रणनीति और बाजार क्षमता अब किसी भी विदेशी दबाव से ऊपर है। भारत की इस बढ़ती ताकत को नजरअंदाज करना मुश्किल है।

     

    भारतीय टेक व्यवसाय में आने वाले समय में और उछाल की उम्मीद

    ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में भारत और भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ेगा। उत्पादन और निर्यात के नए रिकॉर्ड इस बात के सबूत हैं कि भारत का भविष्य उज्जवल है। बड़ी कंपनियां भारत को अपने व्यापार का प्रमुख केंद्र मानती हैं, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यही नहीं, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती से भारत वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर अपनी एक नई पहचान बनाएगा।

     

     भारत ने दिखा दिया कि विदेशी दबावों में भी तरक्की थमती नहीं

    ट्रंप के दबावों के बावजूद भारत ने अपनी आर्थिक और तकनीकी प्रगति जारी रखी है। एप्पल के आईफोन निर्यात में बढ़ोतरी और गूगल के निवेश से साफ जाहिर होता है कि भारत अपनी ताकत के दम पर दुनिया के बड़े खिलाड़ियों के सामने मजबूती से खड़ा है। आने वाले समय में ऐसी खबरें और भी मिलेंगी जो यह बताएंगी कि भारत ने वैश्विक व्यापार में अपना दबदबा जमा लिया है।

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