Argentina : में जिंदा शख्स अपने अंतिम संस्कार में पहुंचा और लोगों से पूछा ताबूत में कौन?

अर्जेंटीना में एक हैरान करने वाली घटना हुई जब एक शख्स अपने ही अंतिम संस्कार में जिंदा पहुंच गया। उसने लोगों से पूछा कि ताबूत में कौन है। परिवार वाले और मौजूद भीड़ हक्के-बक्के रह गए। अस्पताल की गलत पहचान की वजह से यह गड़बड़ी हुई थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और सच्चाई सामने आई। यह घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई।

Argentina : में जिंदा शख्स अपने अंतिम संस्कार में पहुंचा और लोगों से पूछा ताबूत में कौन?

किसी इंसान के जिंदा होने की खबर जब उसके अंतिम संस्कार के बीच पहुंचे तो माहौल बदल जाता है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने सबको हैरान कर दिया। मैं जिंदा हूं के शब्द वहां मौजूद लोगों के कानों में गूंजे और फुसफुसाहट शुरू हो गई। भीड़ यह सोचने लगी कि अगर वह शख्स सचमुच जिंदा है तो फिर ताबूत में कौन है? ऐसे हालात में हर कोई सोच में पड़ जाता है कि सच्चाई क्या है।

 

शख्स के पहुंचने से मचा अफरातफरी

जिस वक्त सब लोग उसके शव को लेकर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे, उसी समय वो शख्स वहां आ पहुंचा। उसके आते ही माहौल एकदम बदल गया और लोग समझ ही नहीं पाए कि यह कैसे संभव हुआ। अंतिम संस्कार में पहुंचना और वहां कहना कि “मैं तो जिंदा हूं”, किसी भी परिवार के लिए सबसे हैरान करने वाली बात होती है। लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं।

 

परिवार में फैली हैरानी और डर

जैसे ही शख्स ने कहा कि वह जिंदा है, परिवार वालों ने ताबूत को देखकर सवाल करने शुरू कर दिए। उसकी मां, पिता, भाई और बाकी रिश्तेदार सभी हैरान थे। उन्हें पता ही नहीं चला कि ताबूत में आखिर कौन है। ऐसा लगा जैसे यह कोई सपना है, जिसे देखने वाले जागे हैं लेकिन यकीन नहीं कर पा रहे। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के बीच शख्स का जिंदा लौटना किसी चमत्कार से कम नहीं था।

 

ताबूत में बंद शख्स कौन था?

सबकी नजरें अब ताबूत पर थीं। भीड़ के बीच फुसफुसाहट थी कि वहां बंद इंसान कौन है। कुछ लोगों ने ताबूत खोलने की मांग की। जब धीरे-धीरे ताबूत को खोला गया और सच्चाई सामने आई तो सबकों और बड़ा झटका लगा। परिवार के लोग डर के मारे कुछ बोल भी नहीं पाए। मैं जिंदा हूं की गूंज अभी भी सबके कानों में थी।

 

शहर में फैल गई चर्चा, पुलिस को बुलाया गया

मामला इतना अजीब था कि इस घटना की खबर पूरे शहर में फैल गई। लोग कह रहे थे कि ऐसा कभी सुना नहीं था। देखते-देखते लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई ताकि सच्चाई सामने आ सके। पुलिस अफसरों ने जांच शुरू की कि ताबूत में शामिल व्यक्ति कौन है और जिंदा लौटे शख्स की कहानी क्या है।

 

गलत पहचान के चलते बड़ी गलती

जांच करने पर पता चला कि अस्पताल में पहचान की गलती हो गई थी। अस्पताल की लापरवाही की वजह से अंतिम संस्कार किसी और का हो रहा था और परिवार को लगा कि उनका अपना शख्स अब नहीं रहा। ऐसे कितने ही केस सामने आ चुके हैं, जब पहचान की गलती ने परिवारों को सदमे में डाला है। जिंदा व्यक्ति ने जब सबको सच्चाई

बताई तो सबने राहत की सांस ली, लेकिन ताबूत में बंद व्यक्ति की पहचान करना जरूरी था।

समाज के लिए एक सीख

इस तरह की घटनाएं हमें सिखाती हैं कि पहचान की प्रक्रिया कितनी जरूरी है। अगर सही से जांच की जाती तो परिवार को इतना बड़ा झटका नहीं मिलता। अस्पतालों और समाज को अपने नियमों को मजबूत करना चाहिए ताकि फिर कभी ऐसी गलती न हो। मैं जिंदा हूं का सवाल सबके मन में गहराई तक बस गया।

 

लोगों ने जताई राहत, मगर सबक भी मिला

जिंदा व्यक्ति के लौट आने पर परिवार ने राहत महसूस की, लेकिन इस घटना ने बहुत बड़ा सबक भी दे दिया। ऐसी घटनाएं हम सभी को सोचने पर मजबूर करती हैं कि छोटी सी गलती कितनी बड़ी समस्या बन जाती है। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान सतर्क रहना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और परिवार दर्द न जिए।

क्या Argentina : में जिंदा शख्स अपने अंतिम संस्कार में

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