पूराकलंदर का पगलाभारी गांव: एक घर जो ज़मींदोज हुआ, और कहानी है दिल थाम लेने वाली
दोस्तों, अयोध्या के पूराकलंदर इलाके से दिल दहला देने वाली खबर आई है। गुरुवार शाम को उस पुरानी कहानी को दोहराते हुए एक बार फिर घर में धक्का-धक्का कर ये घर धराशायी हो गया। ये कोई आम घर नहीं, बल्कि वो मकान था जिसे पहले भी विस्फोट ने हिला दिया था। इस बार भी बिगड़ती किस्मत के आगे मलबे में दबकर पांच लोग, जिनमें दो मासूम बच्चे भी थे, अपनी आखिरी सांसें लेकर चले गए। अभी भी दो लोगों की तलाश जारी है, जो शायद मलबे के नीचे दबे हुए हैं।
तो बात ये है कि उस घर के मालिक रामकुमार गुप्त का परिवार पहले भी इसी विस्फोट का सामना कर चुका था। साल भर पहले उनकी पहली बीवी, मां, और एक बच्चा भी इसी घर में हुए विस्फोट की चपेट में आ गए थे। अब तो आप समझ ही सकते हैं कि ये घर किस ख़तरे की गुत्थी है।
कैसे हुए हादसे? और कैसे चल रहा है बचाव कार्य? — एक छोटी सी मगर गंभीर सी कहानी
जैसे ही ये धमाका हुआ, पूरा मकान जमींदोज हो गया और परिवार के कई सदस्य गंभीर घायल हो गए। दो बच्चे भी इसी में शामिल थे, जिनको तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, मगर अफसोस... डॉक्टर आशीष पाठक ने उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी। इस हादसे ने गांव के लोगों के दिलों को हिला कर रख दिया।
पुलिस और दमकल की टीमें जल्दी से घटनास्थल पर पहुंचीं। उन्होंने जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाना शुरू किया है ताकि जिन दो लोगों के दबे होने की आशंका है, उन्हें बचाया जा सके। हालांकि, अभी इस विस्फोट का कारण पता नहीं चल पाया है।
मकान और परिवार की कहानी: फिर भी उम्मीद बांधे रखना — ये है जीवन का मज़ा
रामकुमार गुप्त की कहानी एक तरह से मजबूती और हिम्मत की मिसाल है। जब उनका पुराना मकान विस्फोट में गिरा, तो उन्होंने हार नहीं मानी। दूसरे शादी कर नई शुरुआत की और गांव के बाहर नया मकान बनाकर रहने लगे। लेकिन ये नया मकान भी उनकी किस्मत के खिलाफ हो गया।
ऐसे हादसे आपसे बार-बार पूछते हैं कि ज़िंदगी कितना अनिश्चित और उतार-चढ़ाव भरी होती है। घर गिरा तो परिवार टूट सकता है, लेकिन उम्मीद और जीने की चाहें अभी भी जिंदा हैं।
सोचिए, ऐसे किस्से हमें क्या सिखाते हैं?
जब आप ये कहानी पढ़ेंगे तो खुद को रोक नहीं पाएंगे कि अपने आस-पास की चीजों को और बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश करें। सुरक्षा और सावधानी सबसे बड़ा तोहफा है जो हम खुद को और अपने परिवार को दे सकते हैं।
तो ये था अयोध्या के पूराकलंदर में हुए इस हादसे की कहानी। दुःख की बात है, मगर ज़िंदगी में ऐसे मोड़ भी आते हैं जो हमें हक़ीकत से रूबरू कराते हैं। आशा करते हैं कि बचाव और राहत कार्य जल्दी सफल रहे और जो लोग अभी मलबे में दबे हैं, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जाए।
आप भी अपने आस-पास की सुरक्षा पर ध्यान दें, क्योंकि जीवन एक तंग सुरंग की तरह होता है, जिसमें उम्मीद की रोशनी बनाएं रखना बहुत ज़रूरी है।