उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में महिला पुलिस ने एक बार फिर अपनी बहादुरी का सबूत दे दिया है। मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला कर्मचारियों की एक टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए पूरी तैयारी के साथ कार्रवाई की। कुछ दिन पहले ही आरोपी ने अपनी बहन पर गंभीर हमला किया था, जिसके बाद पुलिस उसे पकड़ना चाहती थी।
चेतावनी के बाद भी सुधरने को नहीं हुआ तैयार आरोपी
जब आरोपी को पहली बार पुलिस ने पकड़ने की कोशिश की थी, तब उसे साफ शब्दों में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। महिला पुलिस ने आरोपी को बताया था कि अगर फिर से ऐसी हरकत की, तो सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन आरोपी पर पुलिस की चेतावनी का भी कोई असर नहीं हुआ। इसी वजह से दोबारा गंभीर अपराध करने के बाद पुलिस ने तुरंत कदम उठाया।
एनकाउंटर के दौरान हुआ डरावना मंजर
तड़के सुबह, जब पुलिस की महिला टीम ने आरोपी को घेर लिया, तो आरोपी ने भागने की कोशिश की और हाथ में धारदार हथियार था। पुलिस ने स्थिति को भांपते हुए सबसे पहले स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा। इसके बाद एनकाउंटर की प्रक्रिया शुरू हुई। आरोपी को काबू करने के दौरान हल्की फायरिंग भी हुई, लेकिन पुलिस ने साहसिक ढंग से आरोपी को पकड़ लिया।
आरोपी को पकड़ने में महिला पुलिस की बहादुरी
इस एनकाउंटर में महिला पुलिस के जज्बे की जमकर सराहना की जा रही है। उन्होंने न सिर्फ आरोपी को धर दबोचा, बल्कि खुद भी घायल होने से नहीं डरीं। एक महिला कॉन्स्टेबल को हल्की चोट आई, लेकिन फिर भी आरोपी को बिना कोई नुकसान पहुँचाए गिरफ्तार किया गया। घटना की सूचना मिलते ही आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की सराहना की।
मिशन शक्ति क्या है और इसका महत्व
मिशन शक्ति उत्तर प्रदेश सरकार की महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई एक खास मुहिम है। इसका मकसद महिलाओं को अपराधियों से सुरक्षित रखना और महिलाओं को कानून की पूरी ताकत देना है। बागपत की घटना में इसी मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला पुलिस की तैनाती की गई थी। महिलाओं के साथ जुड़े अपराधों में तेजी से कार्रवाई के लिए इन महिला पुलिस टीमों का गठन किया गया है।
बागपत एनकाउंटर की कहानी से बड़ी सीख
समाज में यह घटना एक मिसाल बन गई है कि महिला पुलिस कमजोर नहीं होती। अगर कोई अपराधी महिलाओं के साथ ज्यादती करता है, तो कानून की ताकत उसे छोड़ेगी नहीं। बच्चों, महिलाओं और आम जनता में भी पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ा है। अब कोई भी महिला खुलकर न्याय के लिए आगे आ सकती है, क्योंकि उसे पता है कि महिला पुलिस उसकी सुरक्षा में सदा तैयार है।
आम जनता की प्रतिक्रिया और पुलिस टीम का सम्मान
बागपत जिले के लोग महिला पुलिस की बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय अखबार तक हर जगह इस घटना की चर्चा है। खास बात यह है कि इस पूरे ऑपरेशन में महिला पुलिस ने संयम, बहादुरी और पूरी निष्ठा के साथ अपने फर्ज को निभाया। पुलिस विभाग ने भी टीम को सम्मानित करने की घोषणा की है।
इस घटना की असली ताकत: बेटियों को मिलेगी हिम्मत
आज की इस घटना के बाद बागपत जिले की बेटियों को नया हौसला मिला है। उनके परिवार वाले भी पहले से ज्यादा निश्चिंत हैं। अब हर गली, हर मोहल्ले और शहर में महिला पुलिस की मौजूदगी का असर साफ दिखने लगा है। पुलिस वालों की यही बहादुरी समाज में बुराई को रोकेगी और बेटियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।
बहादुरी से घबराएं नहीं, आवाज उठाएं
बागपत की इस घटना से यही समझा जा सकता है कि कोई भी अपराधी ज्यादा दिन तक अपने बुरे कामों से बच नहीं सकता। महिला पुलिस समाज की असली शक्ति हैं। जब महिलाएं ही अपनी सुरक्षा के लिए आगे आती हैं, तो अपराधियों की हिम्मत टूट जाती है। आम जनता को चाहिए कि ऐसे बहादुरों का सम्मान करें और जिम्मेदारी के साथ उनकी मदद करें।