हाल के महीनों में भारत के पड़ोसी देश में डेंगू के रिकॉर्ड तोड़ मामले सामने आए हैं, जिससे हर तरफ चिंता का माहौल बन गया है। अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं, डॉक्टर लगातार मरीजों की देखभाल में लगे हैं, और कई इलाकों में डेंगू का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में भारत के शहरों और गांवों में भी खतरा बढ़ गया है, क्यूंकि मानसून के मौसम में डेंगू फैलाने वाले मच्छर बड़ी तेजी से पनपते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डेटा के मुताबिक, असर आसपास के देशों में डेंगू के रिकॉर्ड मामले सामने आना भारत के लिए भी चिंता की बात है।
ये बीमारी एक बार फिर सबको याद दिलाती है कि डेंगू कोई हल्की-फुल्की बीमारी नहीं, बल्कि गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है। भारत के कई राज्यों में स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है। लोग डरे हुए हैं और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबमें डेंगू का खौफ साफ देखा जा सकता है।
डेंगू क्या है और कैसे फैलता है ये ज्ञान हर किसी को होना चाहिए
डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य तौर पर एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन के वक्त ज्यादा एक्टिव रहता है और घर के अंदर भी छिपा रहता है। डेंगू वायरस से संक्रमित होने के बाद मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, बदन टूटना, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, उल्टी और कभी-कभी शरीर पर चकत्ते भी आ जाते हैं। गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो जाती है जिससे ब्लीडिंग का खतरा रहता है। दुनिया के कई देशों में समय-समय पर डेंगू के गंभीर प्रकोप हो चुके हैं, और अभी जो हालात बने हैं, उसमें सभी को सतर्क रहना जरूरी है।
पड़ोसी देश में डेंगू के मामले कैसे बढ़े और भारत को सावधान क्यों रहना चाहिए
मानसून के मौसम में जहां पानी जगह-जगह जमा रहता है, वहां डेंगू के मच्छर आसानी से अंडे देते हैं। पड़ोसी देशों के कई इलाकों में बारिश के बाद पानी भराव की समस्या हमेशा रहती है। कुछ शहरों में साफ-सफाई की कमी और खुले में रखे पानी से मच्छरों की तादाद तेजी से बढ़ गई है। यही वजह है कि इन इलाकों में डेंगू के केस पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं।
भारत का भी मौसम और हालात कुछ ऐसे ही हैं। कई शहरों, खासतौर पर उत्तर भारत में झमाझम बारिश के बाद खुले में पानी जमा हो जाता है। अगर समय रहते साफ-सफाई न की जाए तो भारत में भी स्थिति गंभीर हो सकती है। ताजा हालात देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार दोनों लगातार लोगों को आगाह कर रहे हैं कि डेंगू के मामलों को बिल्कुल हल्के में न लें।
डेंगू के लक्षण जिले देरी हो जाए तो क्या हो सकता है
कई बार बुखार को सामान्य समझ लिया जाता है, लेकिन डेंगू का बुखार एकदम तेज और अचानक आता है। साथ में सिर, आंखों और जोड़ों में जबरदस्त दर्द रहता है। कई लोगों में उल्टी, कमजोरी और भूख न लगना जैसी दिक्कतें भी होती हैं। कुछ मामलों में नाक या मसूड़ों से खून भी आ सकता है, और त्वचा पर लाल रंग के दाने निकल आते हैं। अगर प्लेटलेट्स तेजी से कम हो रही हो तो डॉक्टर तुरंत दिखाएं।
बचाव के आसान और असरदार घरेलू उपाय, जिन्हें हर परिवार अपना सकता है
डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि घर और आसपास कहीं भी पानी न जमा होने दें। कूलर, फूलदान, बर्तन, खाली टायर या कोई भी ऐसी चीज जिसमें पानी रुक सकता है, उसमें नियमित सफाई करें। पानी की टंकी, बाल्टियों को हमेशा ढककर रखें। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं और शरीर पर मच्छर भगाने वाला क्रीम या ऑयल लगाएं।
घर के कमरों में मच्छरदानी लगाएं, अलमारी, दरवाजों और खिड़कियों में जाली जरूर लगवाएं। तेज गंध वाले पत्तों जैसे नीम, तुलसी आदि घर के पास रखें क्योंकि मच्छर इनसे दूर रहते हैं। शाम के वक्त या जहां मच्छर ज्यादा हैं, वहां खुद को पूरी तरह ढककर रखें। किसी भी हालत में बुखार को नजरअंदाज न करें और छोटे बच्चों, बुजुर्गों या गर्भवती महिलाओं को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
डॉक्टर कब दिखाएं और खुद से इलाज का खतरा क्यों है
डेंगू का इलाज घरेलू नुस्खों से करना खतरनाक हो सकता है। बुखार तीन दिन से ज्यादा रहे, प्लेटलेट्स कम हो, शरीर में कमजोरी ज्यादा हो या खून आना शुरू हो तो बिना देरी के डॉक्टर को दिखाएं। अस्पताल में टेस्ट जैसे प्लेटलेट्स, डेंगू एनएस1, आईजीजी, आईजीएम की जांच जरूरी है। खुद दवा लेने से स्थिति बिगड़ सकती है। डेंगू में दर्द की दवा या कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह के बिना न लें, क्योंकि कुछ दवाओं से खून बहने का खतरा बढ़ जाता है।
जनता को सही जानकारी और अफवाहों से बचना है जरूरी
डेंगू को लेकर कई तरह की अफवाहें फैल जाती हैं। कोई कहता है पपीते के पत्ते खाओ, कोई बोलता है ये सिर्फ गरीबों की बीमारी है। हकीकत यह है कि डेंगू किसी को भी हो सकता है और घरेलू उपायों से प्लेटलेट्स बहुत कम तो बहाल होते हैं, मगर डॉक्टर की सलाह सबसे जरूरी है। सोशल मीडिया या पड़ोसी से मिली अजीब-अजीब सलाह की बजाय नया बुखार हो, तो टेस्ट जरूर कराएं।
ऐसे बचाव करें कि कभी डेंगू की नौबत ही ना आए
हर किसी की जिम्मेदारी है कि साफ-सफाई रखें और मच्छरों को पनपने न दें। अपने घर के अलावा आस-पास वाले क्षेत्र में भी पानी जमा हो, तो मिलकर सफाई करें। मुहल्ले या सोसाइटी में समय-समय पर फॉगिंग करवाएं, नगर निगम की मुहिम में हिस्सा लें और बच्चों से लेकर बड़े तक सबको डेंगू से संबंधित जानकारी दें। छोटे-छोटे उपाय भी बड़ी बीमारी रोक सकते हैं।
याद रखिए, थोड़ी सी सतर्कता के साथ हम खुद को और अपने परिवार को डेंगू के खतरे से बचा सकते हैं। बदलते मौसम में साफ-सफाई से लेकर सावधानी तक आज हर किसी की जिम्मेदारी है। अभी समय है सजग रहने का।