बांके बिहारी जी ने दिखाई शक्ति,अदालत में स्वयं दी गवाही
जब भगवान ने अदालत में खुद दी गवाही बांके बिहारी जी की अद्भुत लीला
मथुरा, वृंदावन – भक्तों की रक्षा और उनकी श्रद्धा की शक्ति का अद्भुत उदाहरण बांके बिहारी जी की लीला में देखने को मिला। एक गरीब ब्राह्मण, जो अपनी बेटी की शादी के लिए साहूकार से उधार लिया था, अचानक झूठे केस का सामना करने को मजबूर हो गया। मामला अलीगढ़ की अदालत तक पहुँच गया।
भक्त के संकट में भगवान की प्रत्यक्ष मदद
भक्त ने संकट में बांके बिहारी जी को पुकारा और तभी अद्भुत घटना घटित हुई। भगवान स्वयं एक बालक के रूप में अदालत में उपस्थित हुए और जज के सामने सीधे खड़े होकर गवाही दी कि ब्राह्मण ने पैसे चुका दिए हैं और साहूकार झूठा इल्ज़ाम लगा रहा है।
Related Articles
जज इस अनोखी घटना से स्तब्ध रह गया। उसने अपनी कलम तोड़ दी और तुरंत वृंदावन की ओर प्रस्थान किया। वहां वह जीवनभर ठाकुर जी के चरणों में समर्पित हो गया।
मंदिर में पर्दा डालने की परंपरा
इस घटना के बाद बांके बिहारी मंदिर में पर्दा डालने की परंपरा शुरू हुई, ताकि भगवान भक्तों की भक्ति को ग्रहण करें, लेकिन सीधे उनकी मदद में भाग न लें। यह दर्शाता है कि भक्त की सच्ची श्रद्धा और विश्वास भगवान तक सीधे पहुँचती है।
भक्ति और विश्वास की सीख
यह घटना हमें यह सिखाती है कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में स्वयं प्रकट हो सकते हैं। भक्त का संकट और उनकी सच्ची भक्ति भगवान को सक्रिय कर देती है।
लोककथा से वास्तविकता तक
कई लोग इसे लोककथा मान सकते हैं, लेकिन वृंदावन के स्थानीय भक्त और मंदिर के इतिहास में इसे एक सत्य घटना के रूप में दर्ज किया गया है। बांके बिहारी जी की लीला आज भी भक्तों के हृदय में विश्वास और श्रद्धा की ज्वाला जलाती है।
-
जन्माष्टमी महोत्सव से पहले मथुरा में धार्मिक उत्साह चरम पर Mansi Arya • -
मथुरा की कला जब धर्म से परे ईश्वर की सेवा होती है Mansi Arya • -
जन्माष्टमी 2025 जानिए क्यों मनाई जाएगी 16 अगस्त को! Mansi Arya • -
वृंदावन का रहस्य जब राधा रानी बनीं बलराम जी! Mansi Arya • -
बच्चों को राधा-कृष्ण बनाना पाप या पुण्य?जानें धार्मिक दृष्टि Mansi Arya • -
जन्माष्टमी पर ये चीजें न हों तो माने अधूरी पूजा – जानिए पूरी सामग्री Mansi Arya •