Barabanki road accident: ने सोमवार देर शाम पूरे जिले को झकझोर दिया। देवा-फतेहपुर मार्ग पर कल्याणी नदी के पुल के पास हुई इस भीषण दुर्घटना में एक ही परिवार के छह लोगों की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। तेज रफ्तार ट्रक और नई अर्टिगा कार की आमने-सामने की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद सड़क पर अफरा-तफरी मच गई और वाहनों की लंबी कतार लग गई।
तेज रफ्तार ट्रक से आमने-सामने टक्कर, कार के उड़े परखच्चे
यह हादसा सोमवार शाम करीब 7 बजे हुआ, जब फतेहपुर कस्बे के भाजपा नेता गिरधर गोपाल की नई अर्टिगा कार लेकर प्रदीप रस्तोगी (55) अपने परिवार के साथ कानपुर के बिठूर से लौट रहे थे। जैसे ही उनकी कार कल्याणी नदी पुल के करीब पहुंची, सामने से आ रहे ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के गांवों के लोग मौके पर पहुंच गए।
टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह पिचक गई। पुलिस ने गैस कटर की मदद से शवों को बाहर निकाला। रिपोर्ट्स के अनुसार, मरने वालों में प्रदीप रस्तोगी, उनकी पत्नी माधुरी, बेटा नितिन, चालक श्रीकांत और दो अन्य लोग शामिल हैं। दो घायल, कृष्णा और विष्णु, को गंभीर हालत में लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है।
डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे, पुलिस ने ट्रक जब्त किया
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और एसपी अर्पित विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है और फरार चालक की तलाश जारी है। पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रक इतनी तेज रफ्तार में था कि ब्रेक लगाने के बाद भी वह कुछ मीटर तक घिसटता चला गया। हादसे के बाद ड्राइवर मौके से फरार हो गया। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं और परिजनों को सूचना दे दी गई है।
रस्तोगी परिवार में मातम, पूरे कस्बे में छाया सन्नाटा
फतेहपुर कस्बे में रहने वाला रस्तोगी परिवार इलाके में बेहद सम्मानित माना जाता था। पिता, माता और बेटे के एक साथ चले जाने की खबर सुनकर पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। देर रात तक लोगों का रेला उनके घर पहुंचता रहा। इस घटना को लेकर लोगों ने सड़क सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि इस मार्ग पर स्पीड ब्रेकर और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों। Four killed in road accident जैसे मामलों में यह इलाका पहले भी सुर्खियों में रह चुका है, जिससे यहां ट्रैफिक नियंत्रण और मॉनिटरिंग की आवश्यकता और बढ़ गई है।
सड़क सुरक्षा पर फिर सवाल, लेकिन जागरूकता अब भी कम
भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख से अधिक लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, road safety awareness, traffic rule violation, और over speeding ऐसे मुख्य कारण हैं जो इन घटनाओं को बढ़ावा देते हैं।
“तेज रफ्तार से मौत” अब सिर्फ एक हेडलाइन नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक चुनौती बन चुकी है। सड़क सुरक्षा नियम और वाहन चालकों की लापरवाही दोनों पर ही सख्ती जरूरी है। प्रशासन ने बताया है कि हादसे की जांच जारी है और पीड़ित परिवार को सहायता प्रदान की जाएगी।


