उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में एक बड़ी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा के निजी डॉक्टर नफीस खान को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक पुराने मामले में की गई है जो 15 साल पहले का है। उस समय शहर में दंगे हुए थे और अब फिर से यह मामला सुर्खियों में आ गया है।
पुलिस के अनुसार डॉ नफीस खान पर आरोप है कि उन्होंने 15 साल पहले दंगे भड़काने में मदद की थी। वे मौलाना तौकीर रजा के बहुत करीबी थे और उनके निजी चिकित्सक के रूप में काम करते थे। पुलिस ने कहा है कि वे इस मामले की जांच कर रहे थे और अब सबूत मिलने पर गिरफ्तारी की गई है।
फरहत और उसके बेटे जेल भेजे गए
बरेली पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए फरहत नाम के एक व्यक्ति और उसके बेटे को जेल भेज दिया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने मौलाना तौकीर रजा को अपने घर में शरण दी थी। पुलिस का कहना है कि जब मौलाना को गिरफ्तार करने के लिए तलाश की जा रही थी तब फरहत ने उन्हें छुपाने में मदद की थी।
यह मामला काफी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि पुलिस के अनुसार फरहत ने जानबूझकर एक आरोपी को शरण दी थी। इससे न्याय व्यवस्था में बाधा आई थी। अब अदालत में इस मामले की सुनवाई होगी और फैसला आएगा कि क्या सजा मिलेगी।
बेटियों की गुहार
फरहत की दोनों बेटियों ने एक दुखभरी अपील की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि उनके घर पर बुलडोजर न चलाया जाए। बेटियों का कहना है कि वे बिल्कुल निर्दोष हैं और उन्होंने कोई गलती नहीं की है। उनका अपने पिता के काम से कोई लेना देना नहीं है।
दोनों बेटियों ने कहा है कि वे सिर्फ अपना घर बचाना चाहती हैं। उनके पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं है। उन्होंने कहा है कि अगर उनका घर गिरा दिया गया तो वे सड़क पर आ जाएंगी। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा है कि निर्दोष लोगों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
15 साल पुराना दंगा मामला
बरेली में 15 साल पहले जो दंगे हुए थे, उसमें कई लोग घायल हुए थे और संपत्ति का नुकसान हुआ था। उस समय शहर में तनाव का माहौल था और पुलिस को स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। अब इस पुराने मामले की फिर से जांच हो रही है और नए सबूत मिले हैं।
पुलिस का कहना है कि डॉ नफीस खान ने उस समय लोगों को भड़काने का काम किया था। उन्होंने ऐसी बातें कही थीं जिससे लोग गुस्से में आ गए थे। इससे दंगे की शुरुआत हुई थी। पुलिस के पास अब इसके सबूत मिल गए हैं इसलिए गिरफ्तारी की गई है।
प्रशासन का रुख
उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वे किसी भी तरह के दंगे और अशांति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो भी व्यक्ति शांति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह गिरफ्तारी भी इसी नीति का हिस्सा है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे अभी भी इस मामले की जांच कर रहे हैं। हो सकता है कि और भी लोग इस मामले में शामिल हों और उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है। सभी आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।
समाज पर प्रभाव
इस गिरफ्तारी से बरेली के लोगों में मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोग इसे न्याय मानते हैं और कहते हैं कि अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए चाहे वह कितना भी पुराना मामला हो। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इतने पुराने मामले को फिर से उठाना सही नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब शहर में शांति है और पुराने मामलों को उठाने से फिर से तनाव हो सकता है। लेकिन पुलिस का कहना है कि न्याय के लिए यह जरूरी है। कानून के अनुसार कोई भी अपराधी बच नहीं सकता चाहे वह कितना भी समय बीत जाए।
आगे की रणनीति
अब बरेली पुलिस इस मामले को अदालत में पेश करेगी। सभी सबूत और गवाही अदालत के सामने रखी जाएगी। फिर अदालत फैसला करेगी कि आरोपी दोषी हैं या नहीं। यह प्रक्रिया कुछ समय ले सकती है लेकिन न्याय जरूर होगा।
इस बीच फरहत की बेटियों का मामला भी अदालत में चल रहा है। उन्होंने अपील दायर की है कि उनके घर को न गिराया जाए। यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला देती है।