बरेली शहर कुछ दिनों पहले एक बड़े बवाल की चपेट में आ गया था। उस दिन शहर के रास्तों पर दहशत का माहौल था। अब तक सामने आई पुलिस जांच में यह साफ हो गया है कि यह कोई अचानक हुआ विवाद नहीं था, बल्कि पूरी तरह से सोची-समझी साजिश थी। पुलिस को शुरूआती पड़ताल में जो तथ्य मिले हैं, वे हैरान कर देने वाले हैं।
फोन कॉल्स का खेल, 55 लोगों तक ही नहीं रुकी साजिश
पुलिस की जांच के अनुसार, बवाल के पीछे जिस शख्स का नाम सबसे आगे आ रहा है, वह है पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां। पुलिस के मुताबिक, नदीम खां ने आपसी संपर्क के लिए व्हाट्सएप कॉल का सहारा लिया और 55 लोगों से सीधा संवाद कर उन्हें खास दिशा-निर्देश दिए। यही 55 लोग आगे चलकर अपने-अपने इलाके के लोगों को सूचना देते रहे। यानि, पूरे मामले की डोर एक ही हाथ में थी और बाकी सब उसके इशारों पर काम कर रहे थे।
1600 उपद्रवियों की भीड़, कब और कैसे जुटाईं गई
जांच में सामने आया है कि नदीम खां और उसके साथियों ने सिर्फ 55 लोगों को नहीं, बल्कि उन 55 लोगों की मदद से शहर के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 1600 उपद्रवी जुटा लिए। सभी को तय समय और स्थान पर पहुंचने को कहा गया था। इनमें कुछ लोग न सिर्फ शहर से, बल्कि आस-पास के गांवों से भी बुलाए गए थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में लोगों को अचानक एक जगह लाना, यही दिखाता है कि योजना काफी समय पहले से बनी थी।
मौलाना का ज्ञापन या शक्ति प्रदर्शन की आड़
हिंसा के बाद हुई पूछताछ में यह भी सामने आया है कि मौलाना की ओर से केवल ज्ञापन देने का कोई इरादा नहीं था। असली योजना अनिश्चितकालीन धरना देकर भीड़ और शक्ति का प्रदर्शन करना था। पूरी घटना में मौलाना केवल एक चेहरा थे, जबकि असली संचालन पीछे से नदीम खां कर रहा था। बड़े स्तर पर माहौल बिगाड़ने की मंशा शुरू से थी, और भीड़ को इसीलिए इकट्ठा किया गया था।
पूर्व जिलाध्यक्ष पर आरोप, हिंसा की असली कड़ी
पुलिस जांच में IMC के पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां की भूमिका सबसे अहम पाई गई है। आरोप है कि उन्होंने ही इस पूरी कार्रवाई के पीछे सबसे बड़ा रोल निभाया और योजनाबद्ध तरीके से लोगों को इकट्ठा किया। शहर में हिंसा की लहर चलाने और तनाव फैलाने की साजिश रचने का दोषी भी उन्हें ही ठहराया जा रहा है। पुलिस ने नदीम खां के फोन रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स और उनके व्हाट्सएप ग्रुप की जांच शुरू कर दी है।
कई कॉल रिकॉर्ड, पुराने फोन की जांच में छिपे कई राज
पुलिस टीम ने जब जमीन पर जांच की तो कई कॉल रिकॉर्ड और चैट्स हाथ लगे। कई फोन डेटा बरामद किए गए हैं, जिनमें व्हाट्सएप कॉल डिटेल्स, फोटो और वीडियो भी थे। यही कंटेंट हिंसा की प्लानिंग का सबूत बन रहा है। पुराने कॉल लॉग से यह भी साफ हुआ कि बवाल से एक दिन पहले तक लगातार बातचीत चल रही थी और अलग-अलग ग्रुप बनाए गए थे।
पुलिस की रणनीति, अब और कितनी गिरफ्तारी संभव
पुलिस की टीमें लगातार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं। अब तक कई नाम सामने आ चुके हैं और कुछ मुख्य अभियुक्तों को हिरासत में ले लिया गया है। अधिकारी कह रहे हैं कि हिंसा फैलाने वाले और ऐसी साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस के पास कई पुख्ता सबूत आ गए हैं और आगे और गिरफ्तारी होना पूरी तरह से तय है।
शहर में सामान्य माहौल की तरफ लौट रहा है जीवन
बरेली में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन लोगों के मन में डर और नाराजगी अब भी है। पुलिस का कहना है कि अब शहर में शांति व्यवस्था कायम है। बाजार खुलने लगे हैं, स्कूल-कॉलेज खुल चुके हैं और लोग अब रोज़मर्रा के कामों में लौट रहे हैं। हालांकि पुलिस की निगरानी लगातार बनी हुई है, ताकि दोबारा कोई घटना न घट सके।