Betul Crime: स्कॉर्पियो में नाबालिग से गैंगरेप दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरा अब भी फरार

Betul Crime मध्यप्रदेश के बैतूल में स्कॉर्पियो कार में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरा फरार, पुलिस की जांच जारी।

Betul Crime: स्कॉर्पियो में नाबालिग से गैंगरेप दो आरोपी गिरफ्तार, तीसरा अब भी फरार

Betul Crime: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक नाबालिग लड़की के सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है। यह घटना न केवल प्रदेश को हिला देने वाली है, बल्कि समाज के नैतिक पतन की दर्दनाक तस्वीर भी दिखाती है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरा आरोपी  जो वाहन चला रहा था. अभी फरार है। यह Betul Crime मामला राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा करता है।

 

कैसे हुआ बैतूल में यह भयावह अपराध?

यह मामला आमला थाना क्षेत्र का है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 31 अक्टूबर की शाम करीब 5 बजे 14 वर्षीय किशोरी अपनी सहेलियों के साथ नेहरू पार्क घूमने गई थी। इस दौरान तीन युवकों ने उसे झांसा देकर स्कॉर्पियो में बैठा लिया। युवकों ने कहा कि वे उसे घर छोड़ देंगे, लेकिन गाड़ी को सुनसान इलाके में मोड़कर, कमानी पुलिया के पास दो आरोपियों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया और चालक ने उसके साथ छेड़छाड़ की। वारदात के बाद डरी-सहमी पीड़िता को रात 8:30 बजे आमला रेलवे स्टेशन के पास छोड़ दिया गया। उसने पूरी रात वहीं बिताई। सुबह होने पर जीआरपी को उसकी जानकारी मिली और मामला आमला पुलिस थाना को सौंपा गया।

 

पुलिस की कार्रवाई और जांच की स्थिति

जानकारी के अनुसार पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में इस्तेमाल स्कॉर्पियो को जब्त किया गया है। फरार चालक की तलाश में विशेष टीम लगाई गई है। शुरुआती जांच में सामने आया कि दोनों गिरफ्तार आरोपियों का पहले से आपराधिक रिकॉर्ड मौजूद है। एसपी वीरेंद्र जैन ने बताया कि आरोपियों ने किशोरी को मोबाइल पर बात करने के बहाने झांसा दिया और घर छोड़ने का झूठा वादा कर स्कॉर्पियो में बैठाया। जांच में डीएनए सैंपल और डिजिटल एविडेंस इकट्ठे किए जा रहे हैं ताकि अदालत में सख्त सजा सुनिश्चित की जा सके।

 

समाज और कानून के लिए चेतावनी

इस बैतूल क्राइम ने एक बार फिर प्रदेश में बढ़ते अपराधों की ओर ध्यान दिलाया है। madhya pradesh में आए ऐसे कई केस समाज में महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं। पुलिस और प्रशासन लगातार दावा करते हैं कि अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे अलग नजर आती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में “Fast Track Court” के जरिए सख्त सजा देकर समाज को संदेश देना जरूरी है। साथ ही, अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा और देर शाम बाहर जाने पर सावधानी बरतनी चाहिए।

 

अपडेट्स और जागरूकता की ज़रूरत

मिली जानकारी के मुताबित,पीड़िता का मेडिकल कराया गया है और उसका बयान दर्ज हो चुका है।  प्रशासन ने कहा है कि पीड़िता को मनोवैज्ञानिक सहायता और सरकारी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। लोगों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें। नाबालिग से दुष्कर्म जैसे अपराधों पर समाज की चुप्पी तोड़ना और पीड़ित को न्याय दिलाना ही वास्तविक परिवर्तन की शुरुआत है।