बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घड़ी आ गई है। आज यानी 6 अक्टूबर को शाम 4 बजे चुनाव आयोग ने बिहार की 243 सीटों के लिए चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। इस बार की सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव दो चरणों में होने की संभावना है, जबकि पिछली बार 2020 में तीन चरणों में मतदान हुआ था।
छठ पूजा के बाद होगा मतदान
चुनाव आयोग की योजना के अनुसार, इस बार छठ पूजा के तुरंत बाद मतदान कराया जाएगा। इसके पीछे एक खास वजह है। छठ के दौरान दूसरे राज्यों में काम करने वाले लाखों प्रवासी बिहारी अपने घर लौटते हैं। अगर चुनाव छठ के बाद होगा तो ये सभी लोग अपना मत डाल सकेंगे। राज्य की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म हो रहा है, इसलिए इससे पहले ही नई सरकार बनानी होगी।
दो चरण की रणनीति क्यों
पहले तीन चरणों में होने वाले चुनाव अब दो चरणों में क्यों हो रहे हैं? इसके पीछे कई ठोस वजह हैं। सबसे पहली बात यह है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। नक्सली हिंसा की समस्या भी अब पहले जितनी गंभीर नहीं है। दूसरी बात यह है कि सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से कम चरणों में चुनाव कराने की मांग की है।
जदयू के नेता संजय कुमार झा ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकता है तो बिहार में क्यों नहीं। भाजपा के राज्य अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी इसी बात का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि कम चरणों से उम्मीदवारों और मतदाताओं दोनों का खर्च कम होगा।
नई व्यवस्था की शुरुआत
इस बार के बिहार चुनाव में कई नई व्यवस्थाएं देखने को मिलेंगी। चुनाव आयोग ने 17 नए सुधार लागू करने का फैसला किया है। सबसे पहले, हर मतदान केंद्र पर लाइव वेबकास्टिंग होगी। यानी पूरी मतदान प्रक्रिया को लाइव देखा जा सकेगा। दूसरे, किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे।
एक और खास बात यह है कि ईवीएम मशीन में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें होंगी। मतदाताओं के मोबाइल फोन के लिए मतदान केंद्र के बाहर विशेष काउंटर बनाए जाएंगे। इससे मतदान प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।
मतदाता सूची में बड़े बदलाव
इस बार विशेष गहन संशोधन के बाद मतदाता सूची में बड़े बदलाव हुए हैं। कुल 38 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। जनवरी में जहां कुल 7.8 करोड़ मतदाता थे, वहीं अब यह संख्या 7.4 करोड़ रह गई है। इसमें सबसे ज्यादा प्रभाव महिला मतदाताओं पर पड़ा है। पुरुष मतदाताओं में 3.8 फीसदी की कमी आई है जबकि महिलाओं में 6.1 फीसदी की गिरावट आई है।
राजनीतिक समीकरण
इस बार का चुनाव एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा। एनडीए में भाजपा और जदयू शामिल है, जबकि महागठबंधन में राजद और कांग्रेस प्रमुख दल हैं। वर्तमान में एनडीए के पास 131 सीटें हैं और महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी मैदान में है, जो चुनाव को और दिलचस्प बना सकती है।
सुरक्षा के विशेष इंतजाम
चुनाव आयोग ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारी की है। केंद्रीय अर्धसैनिक बल की पर्याप्त तैनाती की जाएगी। खासकर पिछड़े इलाकों में कुछ दिन पहले से ही सुरक्षा बलों का फ्लैग मार्च कराया जाएगा। इससे मतदाताओं में विश्वास की भावना पैदा होगी और वे बेझिझक अपना मत डाल सकेंगे।
भाजपा के नेताओं ने विशेष रूप से बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि मतदान के समय इनकी सही पहचान सुनिश्चित करनी होगी ताकि केवल असली मतदाता ही अपना मत डाल सकें।
चुनावी खर्च में कमी
दो चरणों में चुनाव से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि चुनावी खर्च कम हो जाएगा। उम्मीदवारों को कम समय के लिए प्रचार करना होगा और मतदाताओं को भी कम परेशानी होगी। चुनाव आयोग ने इस बार बूथ लेवल ऑफिसर और अन्य कर्मचारियों का मेहनताना भी दोगुना कर दिया है।
इस तरह देखें तो बिहार चुनाव 2025 कई मायनों में अलग होगा। दो चरणों में मतदान, नई तकनीक का इस्तेमाल, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और मतदाता सूची में सुधार - ये सभी बातें इसे पहले से अलग बनाती हैं। अब देखना यह है कि छठ के बाद प्रवासी मजदूरों की वापसी से किस गठबंधन को फायदा होता है।