बिहार विधानसभा 2025 को लेकर बिहार में फिर फैला जंगलराज विधानसभा चुनाव में एक बार फिर फैला जंगलराज बिहार की राजनीती मे ऐसा कभी हुआ नहीं है कि बिहार में चुनाव हो और किसी की जान न जाये ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ JDU के प्रत्याशी अनंत सिंह ने दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या करा दी है और इस हत्या के बीच अनंत सिंह का बड़ा बयान सामने आया है.
सूरजभान पर लगाया अनंत सिंह ने आरोप
घटना के संबंध में बाहुबली अनंत सिंह ने बताया कि हम लोग टाल पर वोट मांग रहे थे लगभग 100 - 150 गाड़ियां खड़ी थी। मुझे देखकर वे लोग मुर्दाबाद मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए थे. लेकिन हम लोगों ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। हमलोग लगभग 40 गाड़ियों से आगे बढ़ते गए।इसी दौरान जब हमारी 10 गाड़िया निकलने के लिए रह गई थी,तभी हमारे समर्थनों के साथ उन लोगों ने मारपीट शुरु कर दी। वह हमारी गाड़ियों को तोड़ने लगे उन्होंने बताया कि सबसे पहले दुलारचंद ने ही तोड़फोड़ शुरू करी थी। जिसके बाद यह घटना हुई ।अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह पर आरोप लगाया है कि वह चाहता था कि तगड़ा झगड़ा हो जाए, ताकि चुनावी माहौल खराब हो सके। अनंत सिंह ने बताया है दुलारचंद को सूरजभान ने अपना शिष्य बना रखा था। वह दिन भर सूरजभान की गाड़ी चलाता था।
जन स्वराज ने दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह पर लगाया
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि यह घटना लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या की तरह है और हर प्रत्याशी को जनता से संपर्क करने का अधिकार है इस दौरान उन पर हमला करना दबगई दिखाते हुए गोली मारना और गाड़ी चलाकर समर्थन की हत्या कर देना यह बहुत ही जघन्य अपराध है आगे उन्होंने कहा कि बड़ी विडंबना तो यह है कि यह हमला उन लोगों के इशारों पर किया गया है जो अपने आप को सुशासन समर्थक कहते हैं और जंगल राज का विरोध करने के नाम पर वोट मांग रहे हैं जनसुराज पार्टी अपने उम्मीदवार के काफिले पर हमला करने और उनके समर्थन की हत्या की घटना की कड़े शब्दों में विरोध किया है उन्होंने कहा कि मैं बिहार पुलिस से अपील करता हूं कि ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो। और इसके साथ ही पुलिस प्रशासन से जनसुराज उम्मीदवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित करे.
प्रत्यक्षदर्शी ने क्या बताया?
मोकामा विधानसभा की रास्ते पर गांव से मोकामा के पूर्व विधायक आनंद सिंह काफिला जनसंपर्क के लिए गया था जन स्वराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी भी जनसंपर्क के लिए उजगरा से होकर खुशहालचक से मोकामा लौट रहे थे इसी दौरान दोनों के काफिले मे गाड़ी आपस में टकरा गई देखते ही देखते इस मामले ने आग पकड़ ली इसके बाद दुलारचंद यादव के पैर में गोली लग गई. हमें मिली जानकारी के मुताबित इसी दौरान किसी ने उनको गाड़ी से कुचल दिया जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
कौन थे दुलारचंद यादव ?
दुलारचंद यादव लालू यादव के बेहद करीबी थे. और राजनीतिक प्रभाव के पीछे उनका अपराधिक इतिहास भी रहा है टाल क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती थी साल 2019 में पटना पुलिस ने दुलारचंद यादव को कुख्यात बदमाश बताकर गिरफ्तार किया था। लालचंद यादव की हत्या तारतर गांव में हुई है उनका जन्म भी इसी गांव में हुआ था लेकिन वह अभी बाढ़ में रहते थे पटना जिले के घोषबरी और बाढ़ थानो में उनके ऊपर कई मामले दर्ज है ।दुलारचंद यादव को पहलवानी का भी शौक़ रखते थे।






