भाकपा (माले) की पहली उम्मीदवार सूची जारी, भोजपुर से धनंजय और आरा से कयूमुद्दीन अंसारी मैदान में
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भाकपा (माले) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। भाकपा (माले) की इस सूची में 20 नाम शामिल हैं, जिनमें भोजपुर से धनंजय, दरौली से सत्यदेव राम और आरा से कयूमुद्दीन अंसारी जैसे नाम प्रमुख हैं। भाकपा (माले) का कहना है कि ये उम्मीदवार जमीनी संघर्ष से जुड़े हुए हैं।
भाकपा (माले) की 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी
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- भाकपा (माले) ने बिहार चुनाव के लिए 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।
- पार्टी ने पुराने और नए चेहरों का मिश्रण किया है, अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताया।
- भोजपुर से धनंजय को टिकट मिला, मजबूत गढ़ों पर अनुभवी उम्मीदवारों को उतारा गया।
भाकपा (माले) की 20 उम्मीदवारों की सूची जारी, भोजपुर से धनंजय और आरा से अंसारी को मिला टिकट
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आज बिहार चुनाव की एक और सूची आ गई। भाकपा (माले) ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। बीस नाम, बीस इलाके। हर कहीं अलग कहानी। पार्टी दफ्तर में खुशी का माहौल था। कुछ लोग मुस्कुरा रहे, कुछ फोन पर व्यस्त। यह सूची महीनों की मेहनत का नतीजा है।
पुराने सिपाहियों का दोबारा मैदान में उतरना
माले ने इस बार एक दिलचस्प खेल खेला है। कुछ पुराने, कुछ नए चेहरे। भोजपुर, आरा, दरौली जैसे इलाकों में जहां पार्टी की जड़ें मजबूत हैं, वहां अनुभवी लोगों को मौका दिया गया। लेकिन कुछ जगहों पर नए लड़ाकों को भी मैदान सौंपा गया है। रणनीति साफ है — जहां जीत के चांस हैं, वहां पुराने खिलाड़ी।
भोजपुर में धनंजय का दांव
धनंजय का नाम सुनते ही भोजपुर के लोगों के चेहरे चमक जाते हैं। "अरे वो तो हमारे साथ खड़ा रहता है," एक किसान ने कहा। धनंजय सिर्फ नेता नहीं, बल्कि एक साथी जैसे लगते हैं लोगों को। खेतों में, फैक्ट्रियों में, जहां भी समस्या — धनंजय वहीं मिलते हैं। अब उन्हें भोजपुर से चुनाव लड़ना है। यहां मुकाबला आसान नहीं होगा। पर उनके समर्थकों को यकीन है — "धनंजय जीतेगा।"
दरौली में सत्यदेव राम की वापसी
दरौली की बात अलग है। यहां सत्यदेव राम फिर मैदान में हैं। लोग कहते हैं, "सत्यदेव भाई का काम देखा है हमने।" वो सिर्फ चुनाव के समय नहीं, बल्कि साल भर गांव आते रहते हैं। कभी स्कूल की समस्या, कभी सड़क का मसला — हर जगह उनकी आवाज़ सुनाई देती है।
इस बार दरौली में उनके जीतने की संभावना अच्छी लग रही है। क्योंकि जनता उन्हें पहचानती है। और राजनीति में पहचान सबसे बड़ी ताकत होती है।
वारिसनगर और आरा के नए समीकरण
वारिसनगर से फूलबाबू सिंह उतर रहे हैं। शिक्षक रहे हैं, अब नेता बनने जा रहे हैं। "पढ़ाई-लिखाई की समस्या समझते हैं," ग्रामीणों का कहना है। गांव में स्कूल ठीक से नहीं चलते, बच्चों को दूर जाना पड़ता है। फूलबाबू इन मसलों को जानते हैं।
आरा में कयूमुद्दीन अंसारी का नाम आया है। पुराने कार्यकर्ता हैं। संगठन के काम में हमेशा आगे रहते हैं। आरा में अंसारी की पहचान है — "वो हमारे बीच का आदमी है।" यह बात चुनाव में काम आ सकती है।
बाकी सीटों पर नज़र और रणनीति
कटिहार, बेतिया, गया, नवादा... यह सब नाम भी सूची में हैं। कुछ जगह जीत के पक्के चांस हैं, कुछ जगह मुश्किल लड़ाई होगी। लेकिन माले का मानना है — "हर जगह लड़ना जरूरी है।" पार्टी नेता कहते हैं, "यह केवल चुनाव नहीं, जनसंघर्ष है।" उनका मतलब साफ है — जीत या हार से ज्यादा, मुद्दे उठाना जरूरी है।
कार्यकर्ताओं में जोश और गांवों में हलचल
सूची आते ही पार्टी दफ्तरों में जश्न का माहौल। भोजपुर में छोटी सी रैली निकली। लोगों ने नारे लगाए — "धनंजय जिंदाबाद!" आरा में भी अंसारी के समर्थकों ने मिठाई बांटी। यह खुशी दिखाती है कि माले में अब भी जान है। हार-जीत अलग बात, पर जुनून कम नहीं हुआ।
गांवों में लोग अब चर्चा कर रहे हैं — "इस बार कौन अच्छा काम करेगा?" चुनावी हवा अब तेज हो रही है। हर चाय की दुकान पर, हर खेत के किनारे — बात सिर्फ एक ही।
गठबंधन की अटकलें और राजनीतिक गणित
अब सवाल यह है — क्या माले अकेले लड़ेगा या किसी के साथ गठबंधन करेगा? आरजेडी से बातचीत चल रही है। कांग्रेस भी कुछ सीटों पर तालमेल चाहती है। लेकिन माले का रुख अभी साफ नहीं। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "पहले अपनी ताकत देख लेते हैं, फिर बात करते हैं।"
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं — "माले अब भी बिहार में एक factor है।" उसके वोट किसी को भी हरा-जीता सकते हैं।
आगे का इंतजार और जनता की उम्मीदें
यह पहली सूची है। आगे और भी नाम आएंगे। माले कहती है — "40 से ज्यादा सीटों पर लड़ेंगे।" यह संख्या कम लग सकती है, पर पार्टी का मानना है कि चुनिंदा सीटों पर बेहतर लड़ाई लड़ना ज्यादा समझदारी है।
गांवों में लोग कहते हैं — "जो हमारे काम आएगा, उसे वोट देंगे।" यह आम आदमी की सोच है। और शायद यही सोच इस चुनाव में काम आएगी। भाकपा (माले) ने अपनी बात रख दी है। अब देखते हैं — बिहार की जनता क्या फैसला करती है।
भाकपा (माले) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 20 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। यह सूची दो चरणों के चुनाव को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। उम्मीदवारों के नाम इस प्रकार हैं:
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धनंजय – भोर
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अमरजीत कुशवाहा – जीरादेई
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सत्यदेव राम – दरौली
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अमरनाथ यादव – दरौंदा
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रंजीत कुमार राम – कल्याणपुर
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फूलबाबू सिंह – वारिसनगर
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विश्वनाथ चौधरी – राजगीर
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दिव्या गौतम – दीघा
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गोपाल रविदास – फुलवारी
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संदीप सौरभ – पालीगंज
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कयूमुद्दीन अंसारी – आरा
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शिव प्रकाश रंजन – अलीगांव
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मदन सिंह – तरारी
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अजीत कुमार सिंह – डुमरांव
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वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता – सिकटा
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अनिल कुमार – पिपरा (सुपौल)
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महबूब आलम – बलरामपुर
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अरुण सिंह – करकट
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महानंद सिंह – अरवल
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राम बली सिंह यादव – घोसी
यह सूची भाकपा (माले) के 14 उम्मीदवार पहले चरण के लिए हैं और 6 उम्मीदवार दूसरे चरण के लिए घोषित किए गए हैं।
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