Vote Chori: क्या वाकई हो रही है वोट चोरी? राहुल गांधी के बयान से मचा सियासी हड़कंप

बिहार चुनाव से पहले राहुल गांधी ने उठाया Vote Chori का मुद्दा, हरियाणा में गड़बड़ी के आरोप, भाजपा ने बताया निराधार।

Vote Chori: क्या वाकई हो रही है वोट चोरी? राहुल गांधी के बयान से मचा सियासी हड़कंप

Vote Chori: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक 24 घंटे पहले राहुल गांधी ने “Vote Chori” का मुद्दा फिर से उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी कर कांग्रेस की संभावित जीत को हार में बदला गया। राहुल गांधी ने अपनी “एच फाइल्स” के ज़रिए ये दावा किया कि चुनाव आयोग मतदाता सूची को लेकर पूरी तरह सतर्क नहीं रहा। वहीं, भाजपा ने इन दावों को निराधार बताते हुए कहा कि राहुल गांधी केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।

 

राहुल गांधी के आरोप और भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया

इस बयान ने बिहार की सियासत को नई दिशा दे दी है। भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हर बूथ पर सभी दलों के एजेंट मौजूद रहते हैं, जो किसी भी तरह की फर्जी वोटिंग को रोकते हैं। रिजिजू ने सवाल उठाया कि यदि फर्जी मतदान हुआ, तो कांग्रेस के एजेंटों ने शिकायत क्यों नहीं की? उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह चुनाव आयोग की साख पर सवाल खड़े कर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

 

क्या चुनाव आयोग पर सवाल उठाना सही है?

राहुल गांधी ने पहले भी हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में इसी तरह के आरोप लगाए थे। मगर इन दावों की पुष्टि के लिए कांग्रेस ने न तो चुनाव आयोग से कोई औपचारिक शिकायत की और न ही अदालत का रुख किया। वहीं, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया था कि यदि किसी मतदाता का नाम सूची से हट गया है, तो वह या राजनीतिक दल शिकायत दर्ज करा सकता है। चुनाव आयोग का कहना है कि वह पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है।

 

बिहार पर असर या सिर्फ राजनीतिक रणनीति?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान बिहार के मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। हालांकि, ज़मीनी हकीकत यह बताती है कि राज्य में मतदाता सूची को लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं है। भाजपा प्रवक्ता एसएन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी हार से पहले ही “बहाने” खोजने में जुट गए हैं। वहीं, कांग्रेस का दावा है कि यह लोकतंत्र की रक्षा का मामला है। बिहार में चुनावी तापमान बढ़ने के साथ यह “वोट चोरी” बहस अभी कुछ दिन और सियासी सुर्ख़ियों में रहने वाली है।

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