Bihar Elections 2025 : हर मतदान केंद्र पर मतदाता सहायता बूथ और बुजुर्गों के लिए रैम्प की सुविधा, आयोग ने दिए निर्देश

Bihar Elections 2025 के लिए तैयारी जोरों पर है और इस बार हर मतदान केंद्र पर मतदाता सहायता बूथ और बुजुर्गों के लिए रैम्प की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। चुनाव आयोग ने कहा कि हर बूथ पर मतदाताओं के लिए सहायता केंद्र, पानी, शौचालय और बैठने की व्यवस्था होगी ताकि वोटिंग प्रक्रिया आसान और सुचारू बने।

Bihar Elections 2025 : हर मतदान केंद्र पर मतदाता सहायता बूथ और बुजुर्गों के लिए रैम्प की सुविधा, आयोग ने दिए निर्देश

बिहार चुनाव में नई पहल, हर बूथ पर मतदाता सहायता बूथ और बुजुर्गों के लिए रैम्प की सुविधा

 

बिहार चुनाव अब कुछ ही हफ्तों दूर हैं और तैयारियां पूरे जोर पर हैं। इस बार आयोग का फोकस सिर्फ व्यवस्था पर नहीं, बल्कि मतदाताओं की सुविधा पर है। हर बूथ पर मतदाता सहायता बूथ और बुजुर्गों के लिए रैम्प की सुविधा का इंतजाम किया जा रहा है। चुनाव आयोग का कहना है, “इस बार कोई भी वोटर असुविधा का सामना नहीं करेगा।”

 

हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए मदद केंद्र

 

अब हर मतदान केंद्र पर एक अलग बूथ होगा — मतदाताओं के लिए, उनकी सहायता के लिए। अगर किसी को वोटर लिस्ट में नाम ढूंढने में दिक्कत हो, या मतदान प्रक्रिया समझ न आए, तो यह बूथ उसकी मदद करेगा। यहां तैनात कर्मचारी मतदाताओं को न सिर्फ जानकारी देंगे, बल्कि लाइन व्यवस्था भी बनाए रखेंगे। लोगों का कहना है कि यह सुविधा खासकर ग्रामीण इलाकों में बहुत जरूरी थी।

 

बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैम्प जरूरी

पहले कई मतदान केंद्रों पर बुजुर्गों को सीढ़ियों से चढ़ने में मुश्किल होती थी। लेकिन अब चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि हर बूथ पर रैम्प की व्यवस्था होगी। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और स्वयंसेवक भी तैनात रहेंगे। कई जगहों पर स्कूल और पंचायत भवन में रैम्प बन चुके हैं। गांवों में लोग कह रहे हैं — “अब हमारी मां भी बिना डर के वोट डाल पाएगी।”

 

महिलाओं के लिए खास पिंक बूथ योजना

इस बार चुनाव आयोग ने महिला मतदाताओं के लिए ‘पिंक बूथ’ भी बनाने का निर्णय किया है। इन बूथों पर सभी कर्मी महिलाएं होंगी। साफ-सफाई और गोपनीयता का ध्यान रखा जाएगा। महिलाओं में भी उत्साह है कि “अब हमारी पहचान भी बूथ तक पहुंचेगी।” यह पहल बिहार की पहली महिला केंद्रित योजना मानी जा रही है।

 

युवाओं और पहली बार वोट डालने वालों के लिए विशेष प्रयास

पहली बार वोट डालने वाले युवाओं के लिए बूथ पर अलग व्यवस्था होगी। हर बूथ पर पोस्टर और खास जागरूकता कैम्प लगाए जा रहे हैं — “मेरा पहला वोट, देश के नाम।“ बूथ के कर्मचारी ऐसे मतदाताओं को सुविधाजनक माहौल देंगे ताकि उन्हें किसी तरह की झिझक न महसूस हो। हाल के सर्वे में पता चला है कि 18 से 25 वर्ष के वोटरों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

 

गांवों में भी आसान होगा मतदान

गांवों में जहां पहले बूथ तक पहुंचने में परेशानी होती थी, अब वहां सड़क और बिजली की व्यवस्था देखी जा रही है। कुछ बूथों पर सोलर लाइट लगाई जा रही है ताकि बिजली की कमी के बावजूद मतदान बाधित न हो। आयोग ने कहा है कि जल्द ही ये सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी। ग्रामीण मतदाता भी अब कह रहे हैं – “पहले घंटों लगते थे, अब सब आसान होगा।”

 

पीने के पानी, शौचालय और छांव की व्यवस्था

हर बूथ पर अब जरूरी सुविधाएं होंगी। शुद्ध पीने का पानी, शौचालय और इंतजार के लिए छांव का इंतजाम हर जगह किया जा रहा है। कुछ बूथों पर कुर्सियां और तंबू भी लगाए जा रहे हैं ताकि लाइन में लगने वालों को परेशानी न हो। जिलों के अधिकारियों को खुद इस व्यवस्था की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे मतदान दिन को ज्यादा आरामदायक बनाया जाएगा।

 

आयोग ने दी निगरानी पर सख्त चेतावनी

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिला अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे बूथों की तैयारियों की खुद निगरानी करें। अगर किसी केंद्र पर सुविधा की कमी मिली, तो जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई होगी। बूथों की तैयारियों की एक विस्तृत रिपोर्ट रोजाना मानीटर की जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहली बार इस स्तर की सख्ती बरती जा रही है।

 

मतदाता जागरूकता अभियान जारी

सिर्फ व्यवस्था नहीं, मतदाताओं की जागरूकता पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य के हर जिले में “हर वोट जरूरी है” अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि घर बैठे रहने से लोकतंत्र कमजोर होता है। युवाओं और महिलाओं को खास तौर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। मकसद यही है कि 100 प्रतिशत मतदान को साकार किया जा सके।

 

लोकतंत्र का पर्व और सुविधा की नई शुरुआत

इस बार का बिहार चुनाव आधुनिक और संवेदनशील दोनों रूपों में अलग होगा। मतदाता सहायता बूथ और बुजुर्गों के लिए रैम्प की सुविधा जैसी योजनाएं लोकतंत्र को और मानवीय बनाती हैं। चुनाव आयोग का मकसद साफ है – हर नागरिक तक पहुंचना, बिना भेदभाव और बिना बाधा। चुनाव अब सिर्फ राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि भागीदारी का उत्सव बनता जा रहा है। बिहार एक बार फिर दिखा रहा है कि अगले कदम की शुरुआत जनता से होती है।