बिहार चुनाव 2025: 7.4 करोड़ मतदाता करेंगे नई सरकार का चुनाव, पुरुष मतदाता महिलाओं से तीन गुना अधिक
मतदाता सूची का बड़ा अपडेट: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई गहन समीक्षा
बिहार में चुनावी माहौल गर्म है। बोर्डों और पोलिंग बूथों का इंतजाम जोरशोर से चल रहा है। मगर ये भी जानना जरूरी है कि आखिर कितने मतदाता अपनी पसंद से नई सरकार चुनेंगे? इस बार कुल मतदाता संख्या बढ़कर 7.4 करोड़ हो गई है। यह आंकड़ा बताता है कि लोकतंत्र कितना मजबूत है। और यह संख्या किसी भी बड़े चुनाव के लिए उपयुक्त है। राज्य के हर कोने से मतदाता इसमें शामिल हैं।
पुरुष मतदाता बनाम महिला मतदाता: आंकड़ों की कहानी जो कुछ सोचने पर मजबूर करती है
इस सूची में एक बात साफ है। पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग 3.9 करोड़ है, जबकि महिलाओं की संख्या 3.4 करोड़ के आस-पास है। पर दिलचस्प बात यह है कि पिछले पांच साल में पुरुष मतदाता तीन गुना बढ़े हैं, महिलाओं की तुलना में। यह कटु सच्चाई कई नए सवाल खड़े करती है। क्या महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ाने की कोशिशें सही दिशा में हैं? क्या महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी सीमित है? यह सब सोचने वाली बातें हैं।
मतदाता संख्या में वृद्धि का राजनीतिक हालात पर असर
जब संख्या इतनी बढ़ जाती है तो राजनीति में हलचल स्वाभाविक है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे अपनी रणनीति को फिर से परखा। नए मतदाताओं की आकांक्षाएं समझें, युवाओं की उम्मीदों का सम्मान करें। इस बार चुनाव और भी सशक्त होने वाला है। चुनाव प्रक्रिया में ये नए आंकड़े बदलेंगे तस्वीर। प्रत्याशी नई सोच के साथ सामने आएंगे, और जनता भी नए बदलाव की उम्मीद लगाएगी।
महिलाओं की भागीदारी कम क्यों दिख रही है, इसके पीछे के कारण
महिलाएं, जिनका हिस्सा लोकतंत्र में बढ़ना चाहिए, इस बार अधिक नहीं बढ़ी हैं। इसका कारण सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाएं हो सकती हैं। शिक्षा में असमानता और सामाजिक प्रतिबंध महिलाओं को रोकते हैं। यह बड़ी चुनौती है जिसे हल किया जाना आवश्यक है। सरकार कई योजनाएँ चला रही है, लेकिन जमीन पर नतीजे अभी साफ नहीं। जागरूकता ही इस समस्या का समाधान हो सकती है।
मतदाता सूची को अपडेट करने की कवायद और इसे बेहतर बनाना क्यों जरूरी था
चुनाव आयोग ने इस बार मतदाता सूची को ठीक करने के लिए मेहनत की। वे मरे हुए या डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाने में लगे रहे। साथ ही नए मतदाताओं को शामिल किया। यह प्रक्रिया न केवल चुनौतीपूर्ण थी बल्कि समय लेने वाली भी। इसका मकसद था कि मतदान सही और निष्पक्ष हो। जागरूकता अभियान भी छेड़ा गया ताकि हर नागरिक को मतदान का महत्व समझ आए।
चुनावी तैयारियों का रुख, मतदान की दिशा और सुरक्षा के कदम
बिहार चुनाव 2025 की तैयारियां किसी युद्ध से कम नहीं। बूथ बनाए जा रहे हैं, सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। चुनाव कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हर मतदाता के लिए आसान मतदान सुनिश्चित करने के प्रयास हो रहे हैं। तनाव कम से कम रखा जाए, ताकि हर कोई आराम से वोट डाल सके। ये सब बातें चुनाव को सफल बनाने में बहुत अहम हैं।