Bihar News : चुनाव के दौरान खुली गन फैक्ट्री, पूरा परिवार चला रहा था हथियारों का धंधा
चुनाव के दौरान खुली गन फैक्ट्री ने पूरे बिहार को हिला दिया। पुलिस ने इस खौफनाक मामले में एक ऐसे परिवार को पकड़ा, जो महीनों से हथियारों का कारोबार कर रहा था। पिता, बेटा और पत्नी सभी <b>चुनाव के दौरान खुली गन फैक्ट्री</b> से जुड़े थे। जांच में कई हथियार, मशीनें और गोला‑बारूद बरामद हुए। यह खुलासा बिहार की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
Bihar News चुनाव के दौरान खुली गन फैक्ट्री, पूरा परिवार चला रहा था हथियारों का धंधा
Related Articles
कुछ खबरें इतनी हैरान कर देती हैं कि भरोसा करना मुश्किल हो जाए। बिहार का चुनावी मौसम, गहमागहमी अपने चरम पर। चुनाव से कुछ ही दिन पहले खबर आई — गन फैक्ट्री चल रही थी, और वो भी परिवार के बीचोंबीच। किसी को अंदाजा नहीं था कि मासूम‑सा दिखता एक घर, पुलिस की नजर में बड़े अपराध का अड्डा बनेगा।
चौंक उठी पुलिस, जब एक ही छत के नीचे मिला हथियारों का जखीरा
शाम का वक्त था। गली में हल्का सा सन्नाटा। अचानक पुलिस की गाड़ियाँ, शोर और डर मिला। अधिकारी पहले तो चुपचाप सर्च कर रहे थे, लेकिन जैसे ही भीतर पहुंचे, चेहरों की रंगत बदल गई। लोहे की मशीनें, हथियार के पुर्जे, और एक बूढ़ा आदमी, उसकी बीवी, बेटा — सब अपने अपने काम में लगे। सब ठगे रह गए। सोचो — रसोई में सब्जी जैसी आम बात, वहाँ ‘पिस्तौल’ तैयार हो रही थी।
कई रिवॉल्वर, दर्जनों अधबनी गन बरामद। मशीनें भी मिलीं — चलती हुईं। पुलिस भी हैरान, मोहल्ला भी। बच्चे तक सवाल पूछते रह गए — “क्या सच में ये सब यहीं बनता था?”
मुख्य कारोबारी ने कुबूला – भाई से सीखी थी गन बनाना
पुलिस जब उसे ले गई, तो गांव भर में चर्चा थी — “असल में ट्रेनिंग अपने बड़े भाई से मिली थी।” उसने पुलिस को बताया, “भाई अवैध धंधे में था, मैंने भी सीख लिया। थोड़े पैसे और तेज दिमाग से घर बना लिया फैक्ट्री।”
मगर फैक्ट्री का ये धंधा अब चुप नहीं रह पाया। घर‑घर फैली इसकी चर्चा। और जब पता चला बीवी‑बेटा भी शामिल थे, लोग और दहल गए। पुलिस के सवालों में बार-बार यही आता — “क्यों किया?” जवाब वो ही — “पैसे के लिए।”
हथियार, कारतूस, और मशीनें — कितना कुछ था जमा
कोणों में पड़े दर्जनों हथियार, कई खुले पुर्जे, पैकिंग की प्लास्टिक, तीन बड़ी मशीन — एक वक्त में तीन‑चार गन तैयार हो सकती थीं। पुलिस ने गिनती तक गड़बड़ा दी। अफसर बोले — “ऐसा जखीरा जल्दी नहीं देखा।” हाथ लगे कच्चे ढांचे, कारतूस तक। लगता है कोई बहुत पुरानी योजना थी।
पूरे केस की सबसे चौंकाने वाली बात — इस पूरे कारोबार में बेटा भी बराबर का साथी था। कई मोहल्लेवाले बोले — “हम तो यकीन नहीं करेंगे, पर पुलिस ने जो दिखाया, वो तो सच है।”
पड़ोसी बोले – ‘रात में आवाज़ें आती थीं, पर सोचा नहीं था…’
बगल वाले मकान में रहने वाली बूढ़ी अम्मा बोलीं, “बहुत साल से जानते थे, सीधा‑सादा परिवार लगता था।” एक बच्चे ने कहा – “बचपन में कभी गया नहीं, अब डर लगता है।” मोहल्ले में बेचैनी, औरतें आपस में फुसफुसाती रहीं। सब अभी भी हैरानी में — सब के सब।
पूछताछ में कबूला, ‘हथियार चुनाव में बेचने थे’
जांच में मुख्य आरोपी ने माना, “दो‑चार बंदूक इधर‑उधर भेज दिए, बाकी चुनाव से पहले बेचने की तैयारी थी।” पुलिस ने अब पूछताछ और तेज कर दी है। कोई गिरोह या बड़ी सप्लाई लाइन भी सामने आ सकती है — अफसर अब आसपास के जिलों में दबिश दे रहे हैं।
अफसर बोले — “चुनाव के वक्त खास अलर्ट हैं। अवैध हथियार घुसेंगे तो हिंसा की आशंका बढ़ जाती है। हमें कोई रिस्क नहीं लेना था।”
पुलिस ने कही सख्त चेतावनी, ‘छुपाओगे तो फँस जाओगे’
जिला एसपी ने खुलेआम कहा है कि “अब किसी ने भी ऐसी गतिविधि छुपाई, तो जेल भेजा जाएगा।” सारे थाने अलर्ट पर हैं। गांव‑गांव, बस्ती‑बस्ती निगरानी चल रही है। वोट से पहले कोई खतरा न रहे — यही टारगेट है।
साथ ही चुनाव आयोग के नियम भी सख्त हो गए हैं। पुलिस ने सोशल मीडिया तक पर पहरा बढ़ा दिया है। किसी को भरोसा नहीं, अब क्या खबर आ जाए।
राजनीति ने पकड़ी हवा, नेताओं में बयानबाजी तेज
फैक्ट्री का खुलासा जैसे ही मीडिया में आया, सियासी दल कूद पड़े। विपक्ष सरकार को घेर रहा, सत्ताधारी बोले — “पुलिस सजग है, इसलिए पकड़ा।” दोनों तरफ बहस तेज। टीवी चैनल की बहस से लेकर चाय की दुकान तक, चर्चा एक ही — “बिहार में क्या हो रहा है?”
फिर भी, राहत का पहलू है कि बड़ा खेल वक्त रहते पकड़ में आ गया। मोहल्ले के कुछ लोगों ने हीरो बन गई पुलिस टीम को मिठाई खिलाई।
अंत में सोचिए, परिवार ही अपराधी बन जाए तो समाज कैसे बचेगा?
यह सिर्फ पुलिस केस नहीं। परिवार से जुड़ा यह काला सच है। गली की दूसरी तरफ बैठी एक अम्मा ने पूरी घटना पर आह भरी — “क्या जमाना आ गया बेटा, घर में बंदूक बनती है…”
बिहार की इस खबर ने सबको चौंका दिया। चुनाव का मौसम, हथियारों की फैक्ट्री, और पूरा परिवार — ये कहानी एक समाज की नई तस्वीर है। कहीं सब कुछ ठीक है? या फिर, अब सच सामने आ रहा है?
ये भी पढ़ें
- Bihar News : सीतामढ़ी में बागमती नदी में हादसा, छठ घाट निर्माण के दौरान पांच युवक डूबे, तीन की मौत, एक लापता
- Bihar Election 2025 : मुंगर की रैली में बोले अमित शाह. NDA पांडवों की तरह एकजुट, लालू‑राबड़ी ने बिहार को तहस‑नहस कर दिया
- Bihar Election : खगड़िया में आरजेडी MLC कारी शोएब बोले, तेजस्वी सीएम बने तो खत्म करेंगे वक्फ कानून, BJP ने कहा यही जंगलराज की वापसी
मैं गौरव झा, GCShorts.com पर संपादकीय दिशा, SEO और प्लेटफ़ॉर्म के तकनीकी संचालन का नेतृत्व करता हूँ। मेरा फोकस तेज़, मोबाइल-फर्स्ट अनुभव, स्पष्ट सूचना संरचना और मज़बूत स्ट्रक्चर्ड डेटा पर है, ताकि पाठकों तक भरोसेमंद खबरें शीघ्र और साफ़ तरीके से पहुँचें। पाठकों और समुदाय से मिलने वाले सुझाव/फ़ीडबैक मेरे लिए अहम हैं उन्हीं के आधार पर कवरेज, UX और परफ़ॉर्मेंस में लगातार सुधार करता रहता हूँ।
-
Bihar Election 2025 : अमित शाह बोले, अब 100 बख्तियार खिलजी भी आ जाएं, तो नालंदा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता -
Bihar Election 2025 : नीतीश कुमार ने की बड़ी कार्रवाई, 11 बागी नेताओं को पार्टी से बाहर किया, जेडीयू में मचा हड़कंप -
Bihar News : सीतामढ़ी में बागमती नदी में हादसा, छठ घाट निर्माण के दौरान पांच युवक डूबे, तीन की मौत, एक लापता -
Bihar Election 2025 : मुंगर की रैली में बोले अमित शाह. NDA पांडवों की तरह एकजुट, लालू‑राबड़ी ने बिहार को तहस‑नहस कर दिया -
Bihar Election : खगड़िया में आरजेडी MLC कारी शोएब बोले, तेजस्वी सीएम बने तो खत्म करेंगे वक्फ कानून, BJP ने कहा यही जंगलराज की वापसी -
Bihar Election 2025 : छपरा की रैली में खेसारी लाल यादव बोले, मैं रवि भैया से पूछना चाहता हूं, युवाओं से विकास पर वोट की अपील