Bihar Politics : मुंगेर रैली में अमित शाह बोले एक बेटा सीएम बनने में लगा, दूसरा पीएम बनने की दौड़ में
मुंगेर रैली में अमित शाह बोले एक बेटा सीएम बनने में लगा, दूसरा पीएम बनने की दौड़ में। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के इस गर्म माहौल में अमित शाह ने लालू‑राबड़ी परिवार और कांग्रेस पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि बिहार अब विकास चाहता है, वंशवाद नहीं। जनता तय करेगी कि अगला जनादेश कौन पाएगा — विकास या परिवारवाद।
Bihar Politics: मुंगेर रैली में अमित शाह बोले — एक बेटा सीएम बनने में लगा, दूसरा पीएम बनने की दौड़ में
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मुंगेर की हवा में आज हल्की ठंडक थी लेकिन मंच पर गर्मी कुछ और ही थी। अमित शाह का भाषण शुरू होते ही लोगों की भीड़ खासी जोश में दिखी। बीजेपी और एनडीए के झंडे लहरा रहे थे। बच्चों तक के हाथों में पोस्टर थे। नारे वही पुराने, पर सुर इस बार और ऊँचा।
भाषण की शुरुआत में शाह ने कहा कि बिहार अब फैसला करने के लिए तैयार है — क्या फिर जंगलराज चाहिए या विकास का रास्ता। भीड़ से जवाब आया, “विकास।” और यहीं से माहौल एकदम बदल गया।
अमित शाह बोले – एक बेटा सीएम, दूसरा पीएम बनने के पीछे
मंच पर माइक संभालते ही अमित शाह ने अपनी पुरानी शैली में तंज कसा। बोले, “अब राजनीति सेवा के लिए नहीं, बेटे-बहू और खानदान के लिए रह गई है। एक बेटा मुख्यमंत्री बनने में लगा है, दूसरा प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में।”
उनकी यह बात सुनते ही भीड़ ठहाकों में गूंज उठी। शाह के चेहरे पर वही मुस्कान थी जो किसी अनुभवी खिलाड़ी के चेहरे पर मैच जीतने के बाद दिखती है। उन्होंने बिना नाम लिए ही साफ कर दिया कि इशारा किस ओर था — लालू यादव, राबड़ी देवी और कांग्रेस परिवार की ओर।
राबड़ी शासन को बताया बिहार का अंधेरा दौर
शाह ने कहा कि “राबड़ी शासन के समय जिस बिहार में हर दिन खून बहता था, उस बिहार को एनडीए ने फिर से रोशनी दी।” उन्होंने कहा कि जनता को याद रहना चाहिए कि उस दौर में बिहार भय और भ्रष्टाचार में डूबा था। “अब वो युग खत्म हो गया है,” उन्होंने कहा, माइक पर जोर देते हुए।
कई पुराने कार्यकर्ता सिर हिलाते दिखे। भीड़ में कुछ बुजुर्ग बोले – “सही कहा, वो समय डर का था।” इस भीड़ का मूड देखकर लग रहा था कि जनता अपने अनुभव से सुन रही है, सिर्फ तालियाँ बजाने से नहीं।
राहुल गांधी और सोनिया गांधी को भी घेरा
भाषण के बीच अमित शाह ने कांग्रेस परिवार पर भी हमला बोला। बोले, “वो पहले मां-बेटे की पार्टी थी, अब बेटा खुद को प्रधानमंत्री समझ बैठा है।” लोग हँसे, नारों की आवाज़ बढ़ी। यह वही शाह हैं, जो हर बार चुनावी सभा को युद्ध जैसा बना देते हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को भारत की मिट्टी से कोई रिश्ता नहीं। “विदेश घूमने से राजनीति नहीं सीखी जा सकती,” उन्होंने कहा। और जोड़ा – “कांग्रेस अब जनता की नहीं, खानदान की राजनीति में उलझी है।”
एनडीए की एकजुटता का दावा, जनता से मांगा भरोसा
शाह ने कहा कि Bihar Politics का चेहरा एनडीए की एकता से ही मजबूती पा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे बीच कोई मतभेद नहीं, बस लक्ष्य एक है – बिहार को देश के शीर्ष राज्यों में लाना।”
उनकी आवाज़ में भरोसा था। और जनता की तरफ़ से समर्थन भी दिख रहा था। भीड़ में से एक महिला बोली, “इस बार फिर मोदी।” सामने खड़े लोगों ने भी हामी भरी। यह दृश्य किसी भाषण से ज्यादा, एक जनसंवाद जैसा दिख रहा था।
लालू यादव पर हमला – विकास रोकने की राजनीति नहीं चलेगी
शाह बोले कि लालू यादव की राजनीति हमेशा जातिवाद और परिवारवाद के इर्द-गिर्द घूमती रही। “जब जनता को नौकरी चाहिए थी, तब उन्होंने नौकरियाँ बेच दीं,” शाह ने कहा। उन्होंने जनता से अपील की कि बिहार को अब उन हाथों में न लौटाएं जिन्होंने इसे कभी अंधेरे में धकेल दिया था।
भीड़ खामोश थी, फिर जयकारों की आवाज़ आने लगी। जैसे हर कोई पुरानी यादों में खो गया हो। शायद हर किसी को वो दौर याद आया जब शाम ढलते ही लोग घरों में बंद हो जाते थे। शाह ने कहा – “वो डर अब खत्म हो गया है, अब बिहार का दम पूरे भारत सुन रहा है।”
भीड़ में उत्साह, शाह की आवाज में दृढ़ता
मुंगेर के मैदान में लोगों की भीड़ लहरों की तरह उठती गिरती रही। “जय मोदी,” “जय बिहार” के नारे चारों और गूंजते रहे। शाह का भाषण बार-बार रुकता, फिर शुरू होता — जैसे किसी थियेटर के सीन बदल रहे हों।
स्थानीय नेताओं ने भी मंच से दावा किया कि बिहार में एनडीए का ग्राफ ऊपर है। अगले कुछ मिनटों में शाह ने अपने भाषण का समापन करते हुए जनता से पूछा, “क्या बिहार वापस अंधेरे की ओर जाएगा?” भीड़ चीखी, “नहीं…” जवाब इतना जोरदार था कि माइक की आवाज़ खो गई।
अमित शाह बोले – बिहार ने तय कर लिया है रास्ता
अंत में शाह ने कहा, “अब बिहार ने ठान लिया है कि केवल विकास की राजनीति ही चलेगी। जो जनता को डराएगा, वो बाहर जाएगा।”
उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में Bihar Politics का नेतृत्व फिर से एनडीए के हाथों में जाएगा। भाषण खत्म हुआ, पर सभा का जोश कम नहीं हुआ। हजारों लोग वही नारे लगाते हुए निकल गए — “एक बेटा सीएम बनने में लगा, दूसरा पीएम बनने में।”
मुंगेर की रैली ने छेड़ दिया नया चुनावी सुर
यह रैली किसी राजनीतिक आयोजन से ज्यादा एक संदेश थी — कि बिहार में अब राजनीति विकास से तय होगी, न कि वंश से। अमित शाह का यह बयान आने वाले दिनों में हर चर्चा का केंद्र बनने वाला है।
और शायद यही बिहार की राजनीति की सबसे दिलचस्प बात है — यहां हर भाषण सिर्फ बयान नहीं, बल्कि चुनाव की नई कहानी की शुरुआत होता है।
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