Bilaspur Train Accident: मौत की पटरियों पर हड़कंप, बिलासपुर में टकराईं दो ट्रेनें, मचा हाहाकार!
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मेमू ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में 11 की मौत, 20 घायल। पढ़ें पूरी Bilaspur Train Accident की कहानी।
Bilaspur Train Accident: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार देर रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। पैसेंजर मेमू ट्रेन और मालगाड़ी की भीषण टक्कर में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, लोग मदद के लिए चिल्लाते रहे। यह Bilaspur Train Accident एक ऐसी त्रासदी बन गई जिसने कई परिवारों की दुनिया उजाड़ दी।
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हादसे की दर्दनाक कहानी प्रत्यक्षदर्शी ने बताया डरावना मंजर
बिलासपुर छत्तीसगढ़ ट्रेन हादसा के चश्मदीद संजय विश्वकर्मा ने जो देखा, वो किसी भयावह फिल्म से कम नहीं था। 35 वर्षीय संजय अपने ससुराल अकालतरा से लौट रहे थे और पैसेंजर ट्रेन के पहले डिब्बे में बैठे थे। उन्होंने बताया कि कुछ ही सेकंड में सब कुछ खत्म हो गया. ट्रेन हिली, जोरदार धमाका हुआ और लोग चीखने लगे। संजय खुद सीट के नीचे फंस गए थे। जब उन्हें होश आया, तब सामने तीन शव पड़े थे.
रेलवे के सूत्रों अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मेमू ट्रेन के चालक ने लाल सिग्नल को नजरअंदाज कर दिया, जिससे यह ट्रेन हादसा हुआ। रेलवे बोर्ड ने बताया कि विस्तृत जांच जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
राहत और बचाव कार्य प्रशासन ने तुरंत की कार्रवाई
जैसे ही हादसे की खबर मिली, राहत टीम और NDRF ने मौके पर पहुंचकर बचाव अभियान शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। जानकारी के मुताबिक, देर रात तक बचाव कार्य जारी रहा। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि कुछ यात्री कोच में फंसे हुए थे, जिन्हें बाहर निकालने में घंटों लग गए।
रेलवे प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹5 लाख और मामूली रूप से घायल यात्रियों को ₹1 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं, रेलवे ने यह भी बताया कि ट्रैक की मरम्मत और जांच कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
हादसे से उठे सवाल सुरक्षा और लापरवाही पर बहस
यह हादसे की कहानी सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। क्या तकनीकी सिस्टम फेल हुआ? या मानव भूल ने 11 जिंदगियां निगल लीं? यह जांच का विषय है।
रेल मंत्रालय ने कहा है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए "ऑटोमैटिक सिग्नल कंट्रोल सिस्टम" लागू किया जाएगा। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि देशभर में रेलवे नेटवर्क को आधुनिक तकनीक से जोड़ना जरूरी है।
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