राजनीतिक माहौल में नया विवाद
देशभर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं और इसी बीच एक नया विवाद सामने आया है। बीजेपी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का कहना है कि खेड़ा की पत्नी के पास एक नहीं बल्कि दो सक्रिय वोटर आईडी हैं। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब चुनावी माहौल पहले से ही काफी गर्म है और हर पार्टी दूसरी पार्टी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
क्या है मामला
बीजेपी प्रवक्ताओं के अनुसार चुनावी अभिलेखों की जांच के दौरान सामने आया कि पवन खेड़ा की पत्नी का नाम दो अलग-अलग जगहों के वोटर लिस्ट में दर्ज है। दोनों ही आईडी सक्रिय बताई गई हैं। पार्टी का आरोप है कि यह सीधे तौर पर चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है और ऐसी स्थिति पर सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
बीजेपी का रुख
बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ तकनीकी गलती नहीं है बल्कि एक सुनियोजित कदम है। पार्टी का दावा है कि वोटर सूची में नाम दर्ज कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया के बिना दो सक्रिय आईडी बनाना मुमकिन नहीं है। उनका आरोप है कि यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सीधा हमला है। बीजेपी ने इस मामले में चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि पूरी जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने इस आरोप को राजनीतिक साजिश बताया है। पार्टी का कहना है कि बीजेपी विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए ऐसे मुद्दों को उछाल रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वोटर सूची में तकनीकी गलतियां पहले भी सामने आती रही हैं और यह किसी परिवार या व्यक्ति की साजिश नहीं हो सकती। कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी इस मामले को तूल देकर जनता का ध्यान मूलभूत मुद्दों से भटकाना चाहती है।
चुनाव आयोग की भूमिका
मामला अब चुनाव आयोग तक पहुंचाया गया है। आयोग से उम्मीद की जा रही है कि वह इस विवाद पर उचित जांच करेगा। नियमों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के पास केवल एक ही सक्रिय वोटर आईडी हो सकती है। अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित नामों को वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है और जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है। आगामी चुनावों के मद्देनज़र यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने चर्चा का विषय बना दिया है। कई उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की है कि वोटर लिस्ट में त्रुटियां आम बात हैं और कई बार एक ही व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज हो जाता है। वहीं बीजेपी समर्थकों का कहना है कि जब मामला एक वरिष्ठ नेता के परिवार का हो तो इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। कांग्रेस के समर्थकों ने इसे बदनाम करने की कोशिश बताया है।
क्या कहता है कानून
भारतीय चुनावी कानून के अनुसार, हर व्यक्ति केवल एक विधानसभा क्षेत्र में ही पंजीकृत हो सकता है और एक ही वोटर आईडी होनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अपनी जानकारी देकर अलग-अलग स्थानों पर वोटर आईडी बनवाता है तो यह अवैध माना जाता है। इसके तहत कार्रवाई और सज़ा का भी प्रावधान है। हालांकि, वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के चलते कई बार नाम दो जगह दर्ज हो जाते हैं जो गलती मानी जाती है। असली चुनौती यह साबित करने की होती है कि यह गलती है या जानबूझकर किया गया कृत्य।
राजनीतिक असर
यह आरोप आगामी चुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति पहले से ही तेज है और अब यह नया मामला दोनों दलों के समर्थकों के बीच भी बहस का कारण बन गया है। ऐसे विवाद न केवल चुनावी माहौल को गरमाते हैं बल्कि आम जनता के बीच राजनीतिक माहौल पर भी असर डालते हैं।
क्या होगा आगे
अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग पर हैं। अगर आयोग इस मामले की जांच तेजी से करता है और स्पष्ट करता है कि यह गलती है या साजिश, तभी इस विवाद पर विराम लग सकता है। दोनों दल इस मुद्दे को अपने-अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना रोचक होगा कि यह मामला राजनीतिक बहस में कितना बड़ा स्थान लेता है।