BMW की iX एक ऐसी इलेक्ट्रिक SUV है जो दिखने में शांत लगती है, लेकिन जब सड़क पर पैर रखती है, तो लगता है जैसे कोई अदृश्य ताकत उसे धक्का दे रही हो। मैंने कई बार इसे चलाया है, और हर बार वही एहसास — शुरू में खामोशी, फिर अचानक वो झटका जो आपको सीट से पीछे धकेल देता है। कंपनी कहती है कि इसकी टॉप स्पीड 200 km/h है, पर असली कहानी उस रफ्तार तक पहुंचने की है।
रफ्तार का एहसास – ना इंजन की दहाड़, ना गियर की आवाज़
पहली बार जब मैंने इसे एक्सप्रेसवे पर 150 से ऊपर पहुंचाया, तो अजीब सी शांति थी। कोई इंजन नहीं, कोई vibration नहीं। बस हवा की सरसराहट और टायर की धीमी गूंज। ऐसा लगता था जैसे कार नहीं, कोई स्पेसशिप चल रही हो। पर मजेदार बात ये कि 180 km/h के बाद भी iX उतनी ही स्थिर लगती है जितनी 80 पर। यही फर्क है BMW की इंजीनियरिंग में — रफ्तार का thrill तो है, पर डर नहीं।

एक बार नोएडा से आगरा जाते वक्त एक Audi e-tron पीछे से आई। दोनों गाड़ियां कुछ देर साथ चलीं। e-tron ने पहले ओवरटेक किया, लेकिन iX ने जो pickup दिया, वो देखकर Audi वाला खुद पीछे हो गया। उस दिन मुझे समझ आया कि electric torque सिर्फ आंकड़ों की चीज़ नहीं होती — वो एक एहसास है, जो पेट्रोल इंजन दे ही नहीं सकता।
Performance का असली जादू
iX का power delivery linear है, पर deceptively fast। आपको पता भी नहीं चलता और needle 100 के पार। Official figure है 0 से 100 km/h में करीब 4.6 सेकंड, पर BMW वाले थोड़ा conservative बताते हैं। असल में ये SUV 4 सेकंड के आसपास ही पहुंच जाती है, बस traction control थोड़ा दिमाग लगाता है ताकि टायर फिसले नहीं।
Aur haan, ek baat aur — कई बार लोग पूछते हैं कि “EV में वो thrill नहीं होता।” मैं साफ कहता हूं, iX को एक बार चलाओ, फिर कहो। पेट्रोल की दहाड़ नहीं सही, पर जो push ये देती है, वो किसी भी V6 को चुनौती दे सकता है।
टॉप स्पीड का मतलब सिर्फ नंबर नहीं
200 km/h का आंकड़ा सुनने में आसान लगता है, पर EVs में ये कोई छोटी बात नहीं। बैटरी गर्म होती है, मोटर पर लोड बढ़ता है, और software लगातार control कर रहा होता है कि overheating ना हो। मैंने एक बार लगातार 180 पर लगभग पांच मिनट तक iX चलाई थी। Cabin पूरी तरह stable, steering tight और कोई wobble नहीं। पर हां, battery percentage आंखों के सामने गिरता दिखा — पांच मिनट में 8% gone।
यही जगह है जहां EV और petrol गाड़ियों में फर्क दिखता है। रफ्तार तो दोनों में आती है, लेकिन EV में वो limited होती है, practical sense के साथ। BMW ने iX को highway queen नहीं बनाया, उसे smooth urban cruiser की तरह tune किया है।
Handling और Stability – भारी लेकिन समझदार
iX करीब 2.5 टन की है, और फिर भी corner में झुकती नहीं। Weight low है क्योंकि बैटरी नीचे लगी है। Steering थोड़ा numb जरूर लगता है, लेकिन highway पर वही comfort factor बन जाता है। एक बार दिल्ली-जयपुर हाईवे पर 170 पर थी, और एक अचानक curve आया — कार ने बिना brake के भी balance नहीं खोया। यही confidence BMW को बाकी EVs से अलग बनाता है।
मेरी राय – 200 की स्पीड से आगे कुछ नहीं चाहिए
Seedhi baat kahoon to, iX को 200 पर चलाने की जरूरत ही नहीं लगती। क्योंकि 120-140 पर ही ऐसा लगता है जैसे आप किसी luxury capsule में बैठे हों। Speed सिर्फ excitement नहीं, अब एक art बन गई है — controlled, silent, powerful art।
BMW iX की टॉप स्पीड कोई record तोड़ने वाली बात नहीं, पर जिस refinement के साथ ये उस speed तक पहुंचती है, वो काबिल-ए-तारीफ है। और अगर आपने इसे रात के खाली highway पर एक बार full-throttle किया, तो समझ जाएंगे — electric future सिर्फ eco-friendly नहीं, pure adrenaline भी है।


