ब्राजील ने स्वास्थ्य के मोर्चे पर एक बड़ा कदम उठाया है। कुरितिबा शहर में दुनिया की सबसे बड़ी मच्छर फैक्ट्री शुरू की गई है। यह कोई आम फैक्ट्री नहीं, बल्कि यहां ऐसे मच्छर तैयार किए जा रहे हैं, जो इंसानों को नुकसान पहुँचाने की बजाय उनकी जान बचाएंगे। इन मच्छरों के शरीर में वोल्बैकिया बैक्टीरिया होता है। इस बैक्टीरिया की खासियत यह है कि यह डेंगू, जिका और चिकनगुनिया जैसे खतरनाक वायरस को फैलने से रोकता है।
कैसे काम करती है यह तकनीक
इस फैक्ट्री में मच्छरों को वोल्बैकिया नाम के प्राकृतिक बैक्टीरिया से संक्रमित किया जाता है। जब ये मच्छर बाहर छोड़े जाते हैं और सामान्य मच्छरों से मिलते हैं, तो आने वाली नई पीढ़ी भी वोल्बैकिया से संक्रमित होती है। इससे धीरे-धीरे ऐसे मच्छरों की संख्या बढ़ती है जिनके अंदर डेंगू फैलाने की क्षमता नहीं होती। परिणामस्वरूप, बीमारी फैलने की संभावना काफी कम हो जाती है। यानी यह मच्छरों के जरिए ही मच्छरों को मात देने की योजना है।
The world's largest biofactory for breeding mosquitoes infected with Wolbachia bacteria, a method researchers use to combat dengue, hopes to protect some 140 million people from the disease in Brazil over the coming years https://t.co/AEfq5QVMt5pic.twitter.com/XW0Plvy9Zb
— Reuters (@Reuters) September 19, 2025
हर हफ्ते तैयार होंगे 10 करोड़ अंडे
कुरितिबा में खुली यह फैक्ट्री हर हफ्ते करीब 10 करोड़ मच्छरों के अंडे तैयार करेगी। यह संख्या सुनने में भले ही डरावनी लगे, लेकिन वास्तव में यही अंडे आने वाले समय में लाखों जिंदगियों को बचाने का काम करेंगे। अनुमान है कि इस परियोजना से करीब 1.4 करोड़ लोग डेंगू से सुरक्षित रहेंगे। ब्राजील का स्वास्थ्य मंत्रालय इस काम को बड़े पैमाने पर संचालित कर रहा है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में इसका असर पूरे देश में दिखाई देगा।
डेंगू और अन्य बीमारियों से जंग
ब्राजील में लंबे समय से डेंगू, जिका और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। हर साल लाखों लोग इन बीमारियों से प्रभावित होते हैं और कई बार मौत भी हो जाती है। यह फैक्ट्री ऐसे समय में शुरू हुई है जब डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस फैक्ट्री से तैयार मच्छरों को सही तरीके से इस्तेमाल किया गया, तो आने वाले समय में बीमारी फैलने की रफ्तार आधी से भी कम की जा सकेगी।
क्या है वोल्बैकिया बैक्टीरिया?
वोल्बैकिया एक तरह का प्राकृतिक बैक्टीरिया है जो दुनिया में पाए जाने वाले 45% कीड़ों के शरीर में पहले से मौजूद होता है। यह इंसानों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। यह बैक्टीरिया मच्छरों के शरीर में जाकर वायरस को बढ़ने से रोक देता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका उपयोग किसी दवा या इंजेक्शन की तरह नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के अनुकूल तरीके से बीमारियों पर रोक लगाने का उपाय है।
फैक्ट्री की खासियत और भविष्य की योजना
कुरितिबा की यह मच्छर फैक्ट्री दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी यूनिट है। यहां पूरी तरह वैज्ञानिक तरीके से अंडों को तैयार कर उन्हें सुरक्षित जगह पर भेजा जाएगा। इन अंडों से बाहर आने वाले मच्छरों को अलग-अलग इलाकों में छोड़ा जाएगा। सरकार की योजना है कि आने वाले कुछ सालों में हर राज्य में मच्छरों की इस नई नस्ल को फैलाया जाए, ताकि देश भर में डेंगू और अन्य वायरस जनित बीमारियों को खत्म किया जा सके।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कुरितिबा के स्थानीय लोग इस परियोजना से उम्मीद और जिज्ञासा दोनों लेकर देख रहे हैं। कई लोग इसे विज्ञान का चमत्कार मानते हैं, तो कुछ लोग सवाल भी उठाते हैं कि क्या इतने बड़े पैमाने पर मच्छरों को छोड़ा जाना जोखिम भरा तो नहीं होगा। हालांकि वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात को साफ कर चुके हैं कि यह पूरी तरह सुरक्षित कदम है और इसका किसी इंसान या जानवर पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
भारत और बाकी दुनिया के लिए सबक
डेंगू आज केवल ब्राजील या दक्षिण अमेरिका तक सीमित समस्या नहीं है। एशिया के कई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, हर साल लाखों लोग डेंगू के प्रकोप से प्रभावित होते हैं। ऐसे हालात में ब्राजील की यह पहल उन देशों के लिए प्रेरणा बन सकती है जो डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भारत में भी यदि इसी तरह की मच्छर फैक्ट्रियां स्थापित की जाती हैं, तो आने वाले समय में डेंगू जैसी बीमारियों से लाखों लोगों को बचाया जा सकता है।