अक्तूबर महीने में दुनियाभर में पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाती है। आज भी हमारे समाज में लोग सोचते हैं कि स्तन कैंसर सिर्फ औरतों को होता है। यह बात पूरी तरह गलत है। मर्दों में भी स्तन के ऊतक होते हैं और उन्हें भी यह बीमारी हो सकती है।
डॉक्टरों के मुताबिक हर सौ स्तन कैंसर के मरीजों में से एक आदमी होता है। यह संख्या कम लगती है लेकिन फिर भी यह एक गंभीर समस्या है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मर्द इस बीमारी के बारे में कम जानते हैं और देर से डॉक्टर के पास जाते हैं।
शुरुआती चेतावनी के संकेत
मर्दों में स्तन कैंसर के लक्षण बिल्कुल वैसे ही होते हैं जैसे औरतों में होते हैं। सबसे पहला और मुख्य लक्षण है छाती में या बगल में एक सख्त गांठ का बनना। यह गांठ आमतौर पर दर्द नहीं करती इसलिए लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
इसके अलावा निप्पल से खून या कोई और तरल पदार्थ निकलना भी एक खतरनाक संकेत है। कई बार निप्पल अंदर की तरफ धंस जाता है या उस पर पपड़ी जम जाती है। छाती की त्वचा में भी बदलाव होते हैं जैसे कि वह संतरे केछिलके जैसी दिखने लगती है या उसमें गड्ढे पड़ जाते हैं।
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो फौरन डॉक्टर से मिलें। शर्म या झिझक की वजह से देरी न करें क्योंकि समय पर इलाज से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है।
किन आदमियों को ज्यादा खतरा
कुछ मर्दों को पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। सबसे पहले तो उम्र का बढ़ना एक बड़ा कारक है। साठ साल से ज्यादा उम्र के आदमियों में यह बीमारी ज्यादा देखी जाती है।
अगर परिवार में किसी को स्तन कैंसर हुआ है तो बाकी सदस्यों को भी खतरा रहता है। यह बात सिर्फ औरतों के लिए नहीं बल्कि मर्दों के लिए भी सच है। खासकर अगर आपके पिता, भाई या दादा को यह बीमारी हुई है तो आपको ज्यादा सावधान रहना चाहिए।
मोटापा भी एक बड़ा कारण है। जिन मर्दों का वजन ज्यादा होता है उनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ जाता है जो स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। लिवर की बीमारी भी इसी तरह हार्मोन के संतुलन को बिगाड़ देती है।
कुछ आनुवंशिक बदलाव भी इस बीमारी का कारण बनते हैं। BRCA2 जैसे जीन में खराबी होने से स्तन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
जल्दी पहचान क्यों जरूरी
सबसे बड़ी समस्या यह है कि मर्द अपनी छाती में गांठ या किसी बदलाव को महीनों तक नजरअंदाज करते रहते हैं। वे सोचते हैं कि यह कोई छोटी-मोटी चोट है या फिर कोई इंफेक्शन है जो अपने आप ठीक हो जाएगा।
यह सोच बहुत खतरनाक है क्योंकि इस देरी में कैंसर पास के लिम्फ नोड्स में फैल जाता है। एक बार फैलने के बाद इलाज मुश्किल हो जाता है और सफलता की दर भी कम हो जाती है।
कई बार सामाजिक शर्म की वजह से भी मर्द डॉक्टर के पास जाने से कतराते हैं। उन्हें लगता है कि लोग क्या कहेंगे अगर पता चला कि उन्हें स्तन की समस्या है। यह सोच बिल्कुल गलत है क्योंकि स्वास्थ्य से बड़ी कोई चीज नहीं।
बचाव और इलाज
सबसे अच्छा बचाव यह है कि आप नियमित रूप से अपनी छाती की जांच करते रहें। नहाते समय साबुन लगाकर धीरे-धीरे पूरी छाती को दबाकर देखें कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है।
अगर आपके परिवार में किसी को स्तन कैंसर हुआ है तो डॉक्टर से सलाह लेकर नियमित जांच कराते रहें। कुछ खास टेस्ट जैसे कि अल्ट्रासाउंड या मैमोग्राफी से शुरुआती चरण में ही बीमारी का पता लग जाता है।
स्वस्थ जीवनशैली भी बहुत मदद करती है। संतुलित खाना खाएं, नियमित व्यायाम करें और वजन को काबू में रखें। शराब और धूम्रपान से बचें क्योंकि ये चीजें कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं।
इलाज की संभावनाएं
अच्छी बात यह है कि अगर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआती चरण में चल जाए तो इसका इलाज पूरी तरह संभव है। डॉक्टर सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं।
कई बार हार्मोन थेरेपी भी दी जाती है जो कैंसर सेल्स के बढ़ने को रोकती है। आजकल नई दवाएं भी आ गई हैं जो इस बीमारी से लड़ने में बहुत कारगर हैं।
सबसे जरूरी बात यह है कि हिम्मत न हारें और पूरे इलाज में डॉक्टर का साथ दें। परिवार और दोस्तों का सहारा भी बहुत मदद करता है।
याद रखें कि स्तन कैंसर सिर्फ औरतों की बीमारी नहीं है। मर्दों को भी इसके बारे में जानकारी रखनी चाहिए और अपने शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना चाहिए। शर्म या झिझक की वजह से अपनी जान को खतरे में न डालें।