ब्रिटेन की जानी-मानी सांसद प्रीति पटेल ने इस बार नवरात्रि के मौके पर भारतीय अंदाज में शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह पारंपरिक भारतीय पोशाक, बिंदी और कलावा पहने हुए नजर आईं। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा कि वह अपने दोस्तों और सभी भारतीय मूल के लोगों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देती हैं। तस्वीर में उनका चेहरा मुस्कुराता हुआ और आत्मविश्वास से भरा दिख रहा था।
शुभकामनाओं के बीच शुरू हुआ विवाद
जहां भारतीय मूल के लोगों और उनके समर्थकों ने इस पहल का स्वागत किया, वहीं ब्रिटेन के कुछ वर्गों को यह बात खटक गई। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया। कुछ ने उन पर धार्मिक भावनाओं का उपयोग कर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगाया। तो कुछ ने सवाल उठाए कि ब्रिटेन की सांसद को इस तरह के उत्सव का हिस्सा बनने की क्या जरूरत है।
🙏 Today marks the beginning of Navratri, a sacred Hindu festival honouring Goddess Durga and the triumph of good over evil.
— Priti Patel MP (@pritipatel) September 22, 2025
Wishing you all peace, prosperity, and blessings this Navratri. pic.twitter.com/y35IWoj1La
ट्रोलिंग के बावजूद मिले समर्थन
हालांकि प्रीति पटेल को इस पूरे विवाद के बीच बड़ा समर्थन भी मिला। भारतीय समुदाय के कई संगठनों और लोगों ने कहा कि यह गर्व की बात है कि ब्रिटेन में बैठा कोई सांसद भारतीय संस्कृति और परंपरा का सम्मान कर रहा है। लोगों ने लिखा कि नवरात्रि सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसे पूरे विश्व में भारतीय समुदाय धूमधाम से मनाता है। ऐसे में एक सांसद का बधाई देना स्वाभाविक है और इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
नवरात्रि का महत्व और ब्रिटेन में इसका जश्न
नवरात्रि भारत का एक बड़ा पर्व है, जो देवी दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग व्रत रखते हैं, गरबा और डांडिया जैसे सांस्कृतिक आयोजन करते हैं। भारतीय मूल के लाखों लोग हर साल ब्रिटेन में भी इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। लंदन और अन्य शहरों में सामूहिक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें न केवल भारतीय बल्कि अन्य समुदायों के लोग भी शामिल होते हैं। प्रीति पटेल का यह संदेश इन्हीं लोगों के लिए था।
सोशल मीडिया पर तीखी बहस
प्रीति पटेल की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। एक तरफ लोग कह रहे थे कि यह उनकी निजी पसंद है और हर किसी को अपनी जड़ों से जुड़े पर्व को मनाने का अधिकार है। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग यह तर्क दे रहे थे कि एक सांसद को इस तरह से किसी खास धर्म का प्रचार नहीं करना चाहिए। इस बहस में कई बार शब्दों की मर्यादा भी टूट गई और उन्हें निजी तौर पर ट्रोल किया जाने लगा।
Priti, the monster you helped create has turned on you. pic.twitter.com/esWS9dF5o8
— A'ish (@JuwayriyyahAlam) September 22, 2025
भारतीय मूल की पहचान और राजनीति
प्रीति पटेल भारतीय मूल की हैं और अक्सर अपने भाषणों में अपनी जड़ों का जिक्र करती रही हैं। उनका परिवार सालों पहले भारत से ब्रिटेन गया था। राजनीति में आने के बाद उन्होंने हमेशा कहा कि वे भारतीय संस्कृति का सम्मान करती हैं। यही कारण है कि जब उन्होंने नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं, तो उनके समर्थक इसे गर्व की बात मानते हैं। लेकिन आलोचक इसे राजनीति से जोड़कर देखते हैं और कहते हैं कि वह समुदाय विशेष को खुश करने की कोशिश कर रही हैं।
सांसद ने चुप्पी साधी
विवाद के बावजूद प्रीति पटेल ने इस पूरे मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने केवल शुभकामनाएं दी थीं और उसके बाद किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उनके नजदीकी सूत्रों का कहना है कि सांसद ने यह संदेश पूरी निष्ठा और सम्मान के साथ साझा किया था और इसमें राजनीति खोजने की कोई जरूरत नहीं है। वे नहीं चाहतीं कि इस पर अनावश्यक बहस हो।
भारतीय समुदाय का रुख
ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय ने साफ कहा है कि वे सांसद के इस कदम का स्वागत करते हैं। उनके मुताबिक यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने नवरात्रि या दिवाली पर शुभकामनाएं दी हों। ब्रिटेन में बसे लाखों भारतीय इन त्योहारों को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं और ऐसे में नेताओं का इसमें शामिल होना सामान्य बात है। समुदाय के कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सांसद को ट्रोल करने वाले लोग भारतीय संस्कृति को समझ ही नहीं पाते।