कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियाँ बढ़ती जा रही हैं और इसका असर भारत तक दिखाई देने लगा है। हाल ही में आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के सरगना पन्नू के बॉडीगार्ड इंद्रजीत को कनाडा की अदालत से सिर्फ छह दिन में जमानत मिल गई। जैसे ही वह जेल से बाहर आया, उसने अदालत के बाहर मीडिया के सामने भारत के खिलाफ खुली चेतावनी दी और खालिस्तान आंदोलन के समर्थन की बात कही। इस घटना ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं और बढ़ा दी हैं।
आतंकी इंद्रजीत की गिरफ्तारी और बेल पर सवाल
इंद्रजीत को कनाडा पुलिस ने गंभीर आरोपों के तहत पकड़ा था। माना जा रहा था कि उसके तार कई आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हैं। लेकिन वहां की अदालत ने इंद्रजीत को केवल छह दिन बाद ही बेल दे दी। उसकी बेल मिलते ही उसको लेकर कई सवाल उठने लगे कि आखिर कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों को इतनी आसानी से राहत क्यों मिल रही है। यह बात भारतीय समुदाय और अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
खालिस्तान आंदोलन और पन्नू का नेटवर्क
पन्नू ने लंबे समय से कनाडा में अपना नेटवर्क फैला रखा है। वहां के कई शहरों में उसके लोग खुले तौर पर अलग खालिस्तान देश की मांग कर रहे हैं। इंद्रजीत भी इसी नेटवर्क का हिस्सा है और सबूतों के मुताबिक वह पन्नू के साथ भारत विरुद्ध बयानबाजी और वॉयलेंट एक्टिविटी में शामिल रहता है। जिस तरह उसे बेल मिली और वह बाहर आते ही भारत को खुली धमकी देता है, उससे साफ है कि खालिस्तान समर्थकों को कनाडा में किसी तरह की रोकटोक नहीं है।
भारत सरकार की चिंता और अंतरराष्ट्रीय राजनीति
भारत सरकार ने कई बार कनाडा को खालिस्तानियों की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए कहा है। भारत का कहना है कि वहां से देश के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं, जिससे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। कनाडा बार-बार अनुसंधान का भरोसा दिलाता है लेकिन अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। इंद्रजीत की बेल के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने फिर चिंता जताई है। भारतीय नागरिक अब सवाल कर रहे हैं कि कनाडा में आतंक के आरोपी को इतनी जल्दी कैसे राहत मिल जाती है।
कनाडा सरकार पर उठते सवाल
कनाडा सरकार का रवैया इन घटनाओं के बाद कटघरे में है। हर बार जब वहां खालिस्तान समर्थक गिरफ्तार किए जाते हैं, उन्हें जल्दी बेल मिल जाती है। स्थानीय मीडिया में भी इस पर बहस चल रही है कि कनाडा सरकार असल में उनकी मदद कर रही है या वाकई सिस्टम में खामी है। कनाडा की संसद में भी भारत-कनाडा रिश्तों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
इंद्रजीत ने अदालती परिसर में क्या बयान दिया
जमानत मिलते ही इंद्रजीत कोर्ट के बाहर मीडिया से रूबरू हुआ। उसने कहा कि वह अब और मजबूती से खालिस्तान आंदोलन में शामिल रहेगा, और पन्नू के साथ मिलकर भारत सरकार को चुनौती देगा। उसके इस बयान के बाद भारतीय प्रवासी और वहां के इंडियन कम्यूनिटी में डर पैदा हो गया है। इंद्रजीत का कहना है कि कनाडा में खालिस्तानी हक की लड़ाई को कोई नहीं रोक सकता। उसकी सार्वजनिक धमकी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
भारतीय समुदाय में डर और नाराजगी
कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। जब उन्हें पता चला कि इंद्रजीत जैसे आतंकी को इतनी जल्दी बेल मिल गई, तो वे चौंक गए। उन लोगों को अब खुद की सुरक्षा को लेकर भी डर सताने लगा है। कम्यूनिटी लीडर्स ने कनाडा सरकार से मांग की है कि ऐसे आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो और उन्हें बेल देने से पहले सोच-समझकर फैसला लिया जाए।
खालिस्तानियों के बढ़ते हौसले और भारत के लिए खतरा
कनाडा में जिस तरह खालिस्तान आंदोलन और उसके समर्थकों को राहत मिल रही है, उससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भविष्य में भारत के लिए खतरा और बढ़ सकता है। अगर सरकारें ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं लेंगी तो भारत विरोधी साजिशें और मजबूत हो सकती हैं। इंद्रजीत की बेल सिर्फ एक मिसाल है, असली खतरा इस बेल के बाद बढ़ते खालिस्तानी हौसले में छुपा है।
भारत कनाडा रिश्तों पर पड़ सकता है असर
इन घटनाओं का सीधा असर भारत और कनाडा के रिश्तों पर भी पड़ सकता है। भारत कनाडा से लगातार कार्रवाई की मांग करता रहा है, लेकिन ठोस जवाब न मिलने पर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। इंडियन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर कनाडा खालिस्तानियों पर काबू नहीं करता, तो भारत और व्यापक स्तर पर रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।
कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों को मिल रही छूट भारत के लिए खतरे की घंटी
कनाडा की अदालत से इंद्रजीत को मिली जल्दी बेल ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहां के सिस्टम का खालिस्तानियों को खुली छूट देना भारत के लिए संपूर्ण खतरे की तरह है। भारतीय प्रशासन और समुदाय इसीलिए अब और सतर्क हो गए हैं। भविष्य में खालिस्तानी गतिविधियों के बढ़ने से भारत-कनाडा संबंधों और भारत की सुरक्षा को सीधे खतरा हो सकता है।