लोकसभा में पारित केंद्रीय उपकर संशोधन विधेयक: तंबाकू, पान मसाला पर नया टैक्स
लोकसभा ने पारित किया केंद्रीय उपकर संशोधन विधेयक 2025, जिससे तंबाकू, पान मसाला और अन्य ‘सिन गुड्स’ पर नया टैक्स ढांचा लागू होगा। यह बिल GST मुआवजा उपकर समाप्त होने के बाद भी उच्च कराधान सुनिश्चित करता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य व राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए फंड उपलब्ध कराता है।
लोकसभा में पारित नया केंद्रीय उपकर संशोधन विधेयक: तंबाकू, पान मसाला और अन्य ‘सिन गुड्स’ पर बदलेगा टैक्स ढांचा
भारत सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 पेश करके उन उत्पादों पर नया टैक्स ढांचा लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है जिन्हें 'सिन गुड्स' कहा जाता है। इसमें मुख्य रूप से तंबाकू, पान मसाला, जर्दा, सिगरेट और निकोटिन उत्पाद शामिल हैं। यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इन वस्तुओं पर लगने वाला GST मुआवजा उपकर जल्द समाप्त होने वाला है।
हमें किस तरह के उत्पादों पर नया टैक्स लगेगा?
लोकसभा में पारित विधेयक के अनुसार अब तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों पर नया केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा, जबकि पान मसाला और अन्य तय उत्पादों पर विशेष हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस लागू होगा। इन उत्पादों पर पहले लगने वाला मुआवजा उपकर अब चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। सरकार के अनुसार, तंबाकू पर लगने वाला नया उत्पाद शुल्क राज्यों और केंद्र के बीच विभाज्य कर राजस्व का हिस्सा होगा। वहीं, हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस से प्राप्त राशि राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर खर्च की जाएगी। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि ‘सिन गुड्स’ पर उच्च कराधान जारी रहे।
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कौन-कौन से उत्पाद होंगे शामिल?
विधेयक के अनुसार अब जिन उत्पादों पर नया उत्पाद शुल्क लगेगा, उनमें सिगरेट, चेविंग टोबैको, सिगार, हुक्का, जर्दा, सुगंधित तंबाकू और निकोटिन और इनहेलेशन उत्पाद शामिल हैं। सरकार इन वस्तुओं पर उच्च कराधान जारी रखते हुए जन स्वास्थ्य और राजस्व स्थिरता को मजबूत करना चाहती है।
कितना लगेगा नया टैक्स?
नई दरों के अनुसार सिगरेट, सिगार और चेरूट पर 1,000 स्टिक पर ₹5,000 से ₹11,000 तक उत्पाद शुल्क लगेगा। कच्चे तंबाकू पर 60-70% तक शुल्क लागू होगा और निकोटिन आधारित इनहेलेशन उत्पादों पर 100% शुल्क लगेगा। यह नए शुल्क मौजूदा 40% GST दर के अतिरिक्त होंगे। वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28% GST + मुआवजा उपकर लगता है, लेकिन अब सरकार मुआवजा उपकर समाप्त करके नए कर ढांचे को लागू करेगी।
GST मुआवजा उपकर खत्म क्यों हो रहा है?
2017 में GST लागू होने के बाद राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 5 वर्षों के लिए मुआवजा उपकर लगाया गया था। बाद में महामारी के दौरान राज्यों को भुगतान करने के लिए केंद्र ने ऋण लिया, जिसे चुकाने के लिए उपकर को 2026 तक बढ़ाया गया। GST परिषद के फैसले के अनुसार पान मसाला और तंबाकू पर मुआवजा उपकर तब तक जारी रहेगा जब तक महामारी के दौरान लिया गया ऋण पूरा चुक नहीं जाता। अन्य लग्जरी वस्तुओं पर यह उपकर पहले ही सितंबर 2022 में समाप्त हो चुका है। अब नए विधेयक यह सुनिश्चित करेंगे कि मुआवजा उपकर हटने के बाद भी तंबाकू और पान मसाला पर टैक्स का बोझ समान बना रहे।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम न सिर्फ राजस्व संतुलन बनाए रखने के लिए है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी है। नए नियमों से यह सुनिश्चित होगा कि तंबाकू, पान मसाला और अन्य 'सिन गुड्स' पर उच्च कराधान जारी रहे, ताकि इनके इस्तेमाल को नियंत्रित किया जा सके और स्वास्थ्य क्षेत्र को अतिरिक्त फंड मिल सके।
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