Ashram scandal: कैसे यूपी के होटल में रात तीन बजे पकड़ा गया चैतन्यानंद सरस्वती, जानिये गिरफ्तारी की पूरी कहानी

दिल्ली पुलिस ने आगरा के होटल रूम 101 में चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार किया। छात्राओं के साथ अश्लील हरकत और मानसिक उत्पीड़न के आरोप में हाईप्रोफाइल मामला सुलझा।

Ashram scandal: कैसे यूपी के होटल में रात तीन बजे पकड़ा गया चैतन्यानंद सरस्वती, जानिये गिरफ्तारी की पूरी कहानी

 

रूम नंबर 101, रात का सन्नाटा और दिल्ली पुलिस का छापा

देश की राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में आश्रम में पढ़ रही 17 छात्राओं से छेड़छाड़ और अश्लील हरकत के आरोप में फरार चल रहे मैनेजर चैतन्यानंद सरस्वती का छिपना आखिरकार लंबा नहीं चला। शनिवार की रात दिल्ली पुलिस की टीम ने यूपी के ताजगंज, आगरा स्थित एक होटल के रूम नंबर 101 में पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। होटल स्टाफ के मुताबिक, आरोपी ने शनिवार की शाम होटल में चेक-इन किया था और बाद में रेस्टोरेंट से खाना मंगवाया था। रात तीन बजे के करीब सादा कपड़ों में दिल्ली क्राइम ब्रांच के अफसर होटल में आए, रजिस्टर देखा और सीधे कमरे तक पहुंचे। पूरे 15 मिनट तक भीतर पूछताछ हुई और फिर पुलिस चैतन्यानंद को साथ ले गई।

होटल कर्मचारी अपना अनुभव बताते हैं कि क्राइम ब्रांच की टीम ने अपने तरीके से सबूत जांचे। रजिस्टर में आरोपी का नाम 'स्वामी पार्थ सारथी' के तौर पर दर्ज था। पुलिस को पहले ही आगरा में उसकी लोकेशन मिलने की सूचना थी। होटल के कर्मचारी भी उस वक्त पूरी तरह हैरान रह गए थे। घटना के बाद होटल स्टाफ और स्थानीय पुलिस भी हड़कंप में आ गए, लेकिन दिल्ली पुलिस अपने मिशन में पूरी तैयारी के साथ आई थी।

 

आश्रम में छात्राओं के साथ हुई छेड़छाड़ और उनका दर्द, छात्राओं की शिकायत बनी गिरफ्तारी की वजह

श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च, वसंत कुंज के मैनेजर चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी के खिलाफ छात्राओं ने जो शिकायतें दर्ज कराई थीं, वे काफी गंभीर थीं। छात्राओं का आरोप था कि उनसे बार-बार अश्लील बातें की जाती थीं, गलत मैसेज भेजे जाते थे और विरोध करने पर दबाव डाला जाता था। एक छात्रा ने अपनी प्राथमिकी में लिखा कि संस्थान में सिर्फ आठ महीने ही पढ़ पाई, क्योंकि यह दौर उनकी जिंदगी का सबसे बुरा रहा।

छात्रा के मुताबिक, संस्थान ज्वाइन करते ही चैतन्यानंद की अश्लील हरकतें शुरू हो गई थीं, वह कभी 'स्वीट गर्ल' बुलाता, कभी कमरे में बुलाता और डरा-धमकाकर यहां तक कहता कि तुम्हें दुबई ले जाकर पढ़ाऊंगा। छात्रा को रात में अकेले हॉस्टल में रखा गया, मोबाइल छीन लिया गया और किसी से बात नहीं करने दी गई। कई बार फोन पर और कार्यालय बुलाकर परेशान किया जाता था। डिनर या होटल में रुकवाने की बात होती थी, अश्लीलता का हर तरीका आजमाया गया था।

 

छात्राओं का दर्द जबरन छूने की कोशिश, धमकी और मानसिक उत्पीड़न

आरोपित पर यह भी आरोप है कि वह लड़कियों को जबरन छूने की कोशिश करता था और यदि विरोध होता तो शारीरिक संपर्क के लिए डराने-धमकाने लगा देता था। छात्राओं ने अपनी शिकायत में बताया है कि संस्थान के कुछ फैकल्टी सदस्य भी इस काम में जुड़े थे या चुप्पी साधे हुए थे। शिकायतें दबाने के लिए आरोपी अपनी ताकत और संस्थान में पद का खूब इस्तेमाल करता था, ताकि छात्राओं की आवाज लिखी-पढ़ी नहीं रह जाए।

छात्राएं मानसिक दबाव और डर के माहौल में रही। किसी ने अपने परिवार को बताया, किसी ने पुलिस में शिकायत दी और अंततः मामला दर्ज हुआ। केस दर्ज होते ही चैतन्यानंद फरार हो गया था और पुलिस उसकी तलाश में थी।

 

कैसे हुआ आरोपी की गिरफ्तारी, होटल तक पहुंची पुलिस की पूरी रणनीति

आरोपी के फरार होने के बाद उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। बुधवार को उसकी लोकेशन यूपी के आगरा में मिली। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अलर्ट हो गई और शनिवार रात गुप्त तरीके से ताजगंज इलाके के होटल फर्स्ट तक पहुंच गई। अफसरों ने होटल का रजिस्टर चेक किया, रूम नंबर 101 में जाकर पूछताछ की और आरोपी को अपने साथ ले गई।

थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक को इस बात की जानकारी तब मिली, जब दिल्ली पुलिस टीम वापस जा चुकी थी। होटल कर्मचारियों ने पुलिस टीम को पहचानने में कोई गलती नहीं की। घटना के बाद होटल, स्थानीय पुलिस और मीडिया में हलचल मच गई थी।

 

आखिर कौन है चैतन्यानंद सरस्वती, किस आश्रम में था बड़ा पद

चैतन्यानंद उर्फ पार्थ सारथी, श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट का मैनेजर था। आश्रम कांड के सामने आने के बाद उसे संस्थान से हटा दिया गया। श्री शारदा संस्थान श्रृंगेरी पीठ के अधीन चलता है, और वहीं से चैतन्यानंद को मैनेजमेंट की जिम्मेदारी मिली थी। करियर और प्रतिष्ठा के नाम पर उसने कई छात्राओं को डरा-धमकाकर गलत हरकतें कीं, लेकिन आखिरकार वह कानून के शिकंजे में फंस गया।

यह मामला हर उस परिवार, छात्र और संस्था के लिए बड़ी सीख है जो अपने बच्चों को सिखाता है कि चुप रहना नहीं है—अन्याय और अपराध को जरूर उजागर करें। बहरहाल, दिल्ली पुलिस की तत्परता से इस हाईप्रोफाइल मामले में गिरफ्तारी हो सकी और पीड़ित बच्चों को न्याय की पहली किरण मिल सकी है।

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