शाहरुख खान नहीं, इस बॉक्स ऑफिस किंग को पहले ऑफर हुई थी चक दे इंडिया
कैसे ‘चक दे इंडिया’ ने बदली महिला हॉकी की छवि और क्यों शाहरुख खान बने इस फिल्म के सबसे यादगार कोच
शाहरुख खान नहीं, इस बॉक्स ऑफिस किंग को पहले ऑफर हुई थी ‘चक दे इंडिया’
नई दिल्ली: साल 2007 में रिलीज़ हुई ‘चक दे इंडिया’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह एक भावनात्मक सफर थी जिसने भारतीय खेलों, खासकर हॉकी, को नई पहचान दिलाई। फिल्म के रिलीज़ होते ही इसने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया और देशभर में महिला हॉकी टीम के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ी।
महिला हॉकी के संघर्ष की कहानी
फिल्म की कहानी एक महिला हॉकी टीम और उसके कोच की है, जो तमाम मुश्किलों और सामाजिक पूर्वाग्रहों से लड़ते हुए वर्ल्ड कप जीतने का सपना पूरा करते हैं। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह समाज में महिला खिलाड़ियों को कम आंका जाता है और कैसे सही मार्गदर्शन, अनुशासन और टीमवर्क से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
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वास्तविक घटना से प्रेरणा
फिल्म की प्रेरणा असल जिंदगी के हॉकी खिलाड़ी मिरंजन नेगी से ली गई थी। 1982 एशियाई खेलों में पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार के बाद नेगी पर देशद्रोही होने के आरोप लगे थे। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और बाद में महिला हॉकी टीम को कोच के रूप में वर्ल्ड कप जिताया। यही कहानी फिल्म में कबीर खान के किरदार के रूप में दिखाई गई।
शाहरुख खान की तैयारी
जब यह रोल शाहरुख खान को ऑफर हुआ, तो उन्होंने बिना देरी हां कर दी। कॉलेज के दिनों में हॉकी खेलने का अनुभव उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ। शूटिंग से पहले उन्होंने हॉकी की ट्रेनिंग भी ली ताकि उनका खेल पर्दे पर असली लगे।
टीम की तैयारी
फिल्म में महिला खिलाड़ियों की भूमिका निभाने वाली सभी अभिनेत्रियों को 3 से 4 महीने का हॉकी कैंप कराया गया। इसका मकसद यह था कि मैदान पर उनका खेल नेचुरल और प्रोफेशनल लगे।
शाहरुख नहीं थे पहली पसंद
कम ही लोग जानते हैं कि IMDB के अनुसार इस फिल्म के लिए शाहरुख खान पहली पसंद नहीं थे। यह रोल पहले सलमान खान को ऑफर किया गया था, लेकिन किसी कारणवश बात आगे नहीं बढ़ पाई। नतीजतन, यह रोल शाहरुख को मिला और उन्होंने इसे अपने करियर का एक यादगार प्रदर्शन बना दिया।
फिल्म का प्रभाव
रिलीज़ के बाद ‘चक दे इंडिया’ का प्रभाव सिर्फ सिनेमाघरों तक सीमित नहीं रहा।
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देश में हॉकी स्टिक्स और किट्स की बिक्री 30% तक बढ़ गई।
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टाइटल ट्रैक “चक दे इंडिया” खेल आयोजनों का प्रतीक बन गया।
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फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड और कई फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जीते।
बॉक्स ऑफिस और पुरस्कार
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रिलीज़ वर्ष: 2007
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निर्देशक: शिमित अमीन
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निर्माता: यशराज फिल्म्स
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बॉक्स ऑफिस कलेक्शन: ₹100 करोड़ से अधिक (वैश्विक)
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अवॉर्ड्स: नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट पॉपुलर फिल्म, फिल्मफेयर अवॉर्ड्स, और शाहरुख खान का सातवां बेस्ट एक्टर अवॉर्ड
‘चक दे इंडिया’ की विरासत
आज भी यह फिल्म स्पोर्ट्स ड्रामा के लिए एक बेंचमार्क मानी जाती है। इसकी कहानी, संगीत और अभिनय ने इसे अमर बना दिया है। कबीर खान का डायलॉग “सत्तर मिनट…” भारतीय सिनेमा के सबसे आइकॉनिक संवादों में से एक है।
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