Chhath Puja 2025 : इस पवित्र पर्व के बारे में 10 रोचक बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे
Chhath Puja 2025 सूर्य देव और छठी मइया की उपासना का सबसे प्राचीन और पवित्र पर्व है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार सादगी, संयम और शुद्धता की मिसाल है। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी Chhath Puja 2025 के गीत, अनुष्ठान और आस्था की गूंज सुनाई देती है। जानिए इससे जुड़ी 10 दिलचस्प बातें।
छठ पूजा के बारे में 10 रोचक बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे
Related Articles
सुबह की पहली किरण जब गंगा या सोन नदी के पानी पर गिरती है, तो आसमान का रंग जैसे बदल जाता है। हवा में लोकगीतों की मीठी आवाज़। यही संकेत है कि छठ पूजा आ चुकी है। यह त्योहार सिर्फ पूजा नहीं, एक अनुशासन है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई इलाकों में यह पर्व घर-घर मनाया जाता है। और अब तो दिल्ली, मुंबई से लेकर विदेशों तक इसकी छवि फैल चुकी है।
1. छठ पूजा की शब्द यात्रा
छठ पूजा का नाम संस्कृत शब्द ‘षष्ठी’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है — छठा दिन। लोक बोली में यह “छठ” बन गया। छठ शब्द अपने आप में छोटा है लेकिन इसमें सदियों का इतिहास छिपा है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि संस्कृति का प्रतीक है।
2. वैदिक काल से जुड़ा रिश्ता
माना जाता है कि यह पर्व वैदिक युग का हिस्सा रहा है। तब ऋषि-मुनि सूर्य की ऊर्जा से चिकित्सा करते थे। यह विचार था कि सूर्य देव की किरणों में जीवन शक्ति छिपी होती है। छठ पूजा उसी परंपरा की याद है। कहते हैं, ये सबसे प्राचीन त्योहारों में एक है, जो आज भी अपनी सादगी में वही पुराना रूप लिए हुए है।
3. सूर्य और छठी मइया का संगम
छठ मइया को सूर्य देव की बहन कहा जाता है। दोनों के बीच यह भाई-बहन का संबंध आस्था का प्रतीक है। मान्यता है कि जो व्रती सच्चे मन से पूजा करती है, उसके घर सुख और संतान का आशीर्वाद आता है। छठ पूजा का यही भाव इसे और खास बनाता है।
4. कर्ण और छठ की कहानी
महाभारत में कर्ण का नाम आपने सुना ही होगा। कहा जाता है, वे हर सुबह सूर्य की आराधना करते थे। जल चढ़ाते थे, शक्ति और ज्ञान की कामना करते थे। वही परंपरा धीरे-धीरे लोगों के जीवन में घुल गई — और बन गई छठ पूजा। एक राजा, एक योद्धा और एक भक्त – तीनों का संगम इस एक पर्व में झलकता है।
5. चार दिन का अनुशासन और सादगी
छठ महापर्व को पूरा करना आसान नहीं। चार दिन का उपवास, बिना नमक, बिना तेल और बिना अशुद्धता। पहला दिन – नहाय-खाय, दूसरा खरना, फिर संध्या अर्घ्य और अंत में उषा अर्घ्य। हर दिन में भावना गहरी है। छठ पूजा में किसी चीज़ की चमक नहीं, बस मन की सच्चाई है।
6. क्यों दी जाती है डूबते सूरज को अर्घ्य
आपने देखा होगा कि हम ज्यादातर उगते सूरज की पूजा करते हैं, लेकिन छठ पूजा में पहली अर्घ्य शाम को दी जाती है। डूबते सूरज को प्रणाम करना इस बात का संदेश है कि जीवन के हर चरण में सम्मान होना चाहिए — चाहे वो शुरुआत हो या अंत। यह एक गहरा दर्शन है, जो सिर्फ छठ सिखाती है।
7. पर्यावरण का त्योहार भी है छठ
यह पर्व प्रकृति से जुड़ा है। इसमें प्लास्टिक, मशीन या किसी कृत्रिम चीज़ की जगह नहीं। सब कुछ मिट्टी से बना, पेड़ों से लिया गया, और जल में समर्पित। छठ पूजा हमें बताती है कि जब हम प्रकृति के साथ रहते हैं, तभी जीवन सच्चा लगता है। शायद यही कारण है कि यह पर्व इतना पवित्र माना जाता है।
8. महिलाएं हैं पर्व की आत्मा
इस व्रत का केंद्र महिलाएं हैं। वे पूरे संयम, सादगी और दृढ़ता के साथ यह व्रत निभाती हैं। बिना खाए-पिए दिन बिताना, घंटों जल में खड़े रहना — आसान नहीं। लेकिन उनके चेहरे पर वही भक्ति की चमक रहती है। छठ पूजा उनकी शक्ति का सशक्त प्रमाण है।
9. गीतों और लोक संस्कृति की गूंज
घाटों पर गूंजते गीतों की अपनी दुनिया होती है। “केलवा जे फरेला…” या “पाहन पात करेला पूजा” — ये सिर्फ गीत नहीं, पीढ़ियों से चली आ रही भक्ति की भाषा है। छठ पूजा के गीतों में वो मिठास है जो किसी और पर्व में नहीं मिलती। ये गाने लोगों के दिल से उठते हैं और आसमान तक पहुंचते हैं।
10. सीमाओं से परे त्योहार
आज छठ पूजा सिर्फ बिहार की नहीं रही। अब यह दिल्ली, मुंबई से लेकर अमेरिका और लंदन तक मनाई जाती है। जहां भी बिहारी हैं, वहां घाट बनता है, टोकरी सजाई जाती है और व्रती जल में उतर जाती हैं। जैसे बिहार का सूरज वहां भी उग आया हो। यह हमारी संस्कृति की ताकत है।
ये भी पढ़ें
- पहली बार कर रहे हैं छठ पूजा? जानिए पूरे नियम, विधि और आस्था के चार दिनों की पूजा का महत्व
- छठ पूजा क्यों मनाई जाती है? जानिए इसका धार्मिक महत्व, इतिहास और पुराणों से जुड़ी कहानियां
- Chhath Puja 2025 : इस चार दिवसीय पवित्र पर्व के बारे में 10 बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए
- Chhath Puja 2025 : आपके 10 सवाल और उनके सच्चे जवाब आस्था और परंपरा की अनकही कहानी
-
Bihar Accident: दानापुर में घर की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोगों की दर्दनाक मौत -
Bihar Election 2025: सीमांचल के 24 सीटों पर टकराव तेज, कौन मारेगा बाजी? -
Bihar Election: 20 साल बाद भीमबांध में लोकतंत्र की वापसी,जहां कभी गोलियां चलीं, अब गूंजे वोट! -
Bihar Chunav Voter Turnout: पहले चरण में टूटा 75 साल का रिकॉर्ड, जानिए किन जिलों ने मारी बाजी -
Vote Chori: क्या वाकई हो रही है वोट चोरी? राहुल गांधी के बयान से मचा सियासी हड़कंप -
Bihar Election: अब बिहार की राजनीति में डिग्री की एंट्री! जानिए कौन-कौन पढ़े-लिखे नेता मैदान में उतरे हैं