Chhath Puja 2025 : सुरक्षा के लिए पटना जंक्शन की मुख्य पार्किंग 2 नवंबर तक बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश

छठ पर्व के दौरान यात्रियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के लिए पटना जंक्शन की मुख्य पार्किंग को 2 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। रेलवे प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए बताया कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए उठाया गया है। लोग अब वैकल्पिक पार्किंग स्थलों का उपयोग करेंगे।

Chhath Puja 2025 : सुरक्षा के लिए पटना जंक्शन की मुख्य पार्किंग 2 नवंबर तक बंद, प्रशासन ने जारी किया आदेश

छठ पूजा पर पटना जंक्शन की मुख्य पार्किंग बंद, यात्रियों को हुई दिक्कतें, 2 नवंबर तक रहेगा आदेश लागू

 

इस बार Chhath Puja की आहट के साथ ही पटना की सड़कों पर भीड़ साफ दिख रही है। बाजारों में चहल-पहल और स्टेशन पर लोगों का आना-जाना तेज हो गया है। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया। पटना जंक्शन की मुख्य पार्किंग को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। आदेश सीधा है – 2 नवंबर तक कोई भी गाड़ी जंक्शन के अंदर पार्क नहीं होगी। यह कदम सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण दोनों के लिए बताया जा रहा है।

 

भीड़ इतनी कि कदम रखना मुश्किल

पटना स्टेशन के बाहर इस वक्त नजारा कुछ अलग है। लोग सामान के साथ भीड़ में फंसे हुए दिखते हैं, ऑटो और टैक्सी लगातार हॉर्न बजा रहे हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है, “छठ पूजा में स्टेशन पर रोज़ाना लाखों लोग आते हैं, ऐसे में पार्किंग खुली रखने से हालात बिगड़ सकते हैं।” इसलिए Chhath Puja के दौरान फिलहाल मुख्य पार्किंग बंद रहेगी। शायद यही सही फैसला भी है।

 

रेलवे ने कहा – सुरक्षा पहले

रेलवे प्रशासन का तर्क साफ है। त्योहारों में भीड़ का अंदाज़ा पहले से ही था, इसलिए एहतियात जरूरी है। पटना डीआरएम ऑफिस से एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। “पार्किंग में गाड़ियां खड़ी रहने से आने-जाने में परेशानी होती है,” उन्होंने कहा। अब अधिकारी खुद पार्किंग क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं और किसी भी तरह की भीड़भाड़ रोकने की कोशिश है।

 

यात्रियों को हुई परेशानी, पर समझ भी दिखी

लोगों को थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है। जो यात्री अपने रिश्तेदारों को छोड़ने स्टेशन तक आ रहे हैं, उन्हें बाहर ही गाड़ी रोकनी पड़ रही है। एक यात्री बोले, “हर साल यही हाल होता है, पर सुरक्षा भी जरूरी है।” कई लोग यह मानते हैं कि भीड़ में गलत घटनाओं से बचने के लिए यह कदम सही है। अनुभव यही कहता है कि त्योहारों में जरा सी चूक बड़ी परेशानी ला सकती है।

 

2 नवंबर तक रहेगा आदेश लागू

रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह बंदी अस्थायी है। आदेश 2 नवंबर तक लागू रहेगा और उसके बाद पार्किंग सामान्य रूप में फिर से खोली जाएगी। इस दौरान रेलवे पुलिस और आरपीएफ मिलकर स्टेशन के भीतर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। लोगों से अपील की गई है कि वे ई-रिक्शा या सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें, ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके। छठ पूजा के दौरान शहर का हर कोना भीड़भाड़ से भर जाता है, इसलिए थोड़ी सावधानी सबके लिए फायदेमंद है।

 

शहर के ट्रैफिक में भी बदलाव

पटना ट्रैफिक पुलिस ने पहले से अलर्ट जारी किया है। स्टेशन रोड पर कई लेन अब केवल यात्रियों के लिए आरक्षित हैं। ट्रैफिक विभाग का कहना है, “प्राइवेट गाड़ियों का दबाव कम करना हमारा मकसद है।” पुलिस की टीम लगातार चौक-चौराहों पर पेट्रोलिंग कर रही है ताकि कोई अनावश्यक जाम न लगे। यह सब इसलिए ताकि श्रद्धालु आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

 

छठ पूजा के लिए बन रही विशेष योजनाएँ

हर साल की तरह इस बार भी Chhath Puja पर गंगा घाटों तक पहुंचने वालों की संख्या ज्यादा रहेगी। इसलिए पटना जिला प्रशासन ने घाटों तक पहुंचने के लिए मुफ्त बस सेवाओं का प्रबंधन किया है। गांधी मैदान और कॉन्ग्रेस मैदान से सीधे घाटों तक बसें चलेंगी। रेलवे यात्रियों के लिए भी सहायता केंद्र बनाएगा जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सही दिशा और जानकारी मिल सके।

 

रेलवे की वैकल्पिक पार्किंग योजना

पटना रेलवे ने आसपास के क्षेत्रों में अस्थायी पार्किंग पॉइंट तैयार कराने का निर्देश दिया है। फ्रेजर रोड, बिस्कोमान भवन और मीठापुर बस स्टैंड के नजदीकी क्षेत्र में वाहनों के लिए सीमित स्थान निर्धारित किए गए हैं। इन इलाकों में भीड़ बढ़ने की संभावना है, लेकिन लोगों को पार्किंग शुल्क से राहत दी जा सकती है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे जनता की असुविधा को ध्यान में रखते हुए हर कदम पर सहयोग देंगे।

 

श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील

रेलवे और जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से लोगों से अपील की है कि वे प्रशासन के नियमों का पालन करें। अधिकारी कहते हैं – “त्योहार सबका है, व्यवस्था हमारे साथ मिलकर ही सफल होगी।” यह अपील हर साल की तरह इस बार भी बार-बार दोहराई जा रही है। छोटा कदम हो सकता है, पर असर बड़ा है। जब लोग खुद व्यवस्था का हिस्सा बनेंगे, तब ही भीड़ नियंत्रण आसान होगा।