चीन का स्टॉक मार्केट: घरेलू विकास और वैश्विक व्यापार के लिए चुनौती

चीन के लगभग $11 ट्रिलियन के विशाल स्टॉक मार्केट ने डेमांड-बूस्टिंग और व्यापार रणनीति दोनों पर ऐसी दीवार खड़ी कर दी है जिसे तोड़ पाना अब सत्ता की प्राथमिकता बन चुका है।

चीन का स्टॉक मार्केट: घरेलू विकास और वैश्विक व्यापार के लिए चुनौती

 

चीन का विशाल स्टॉक मार्केट, जिसकी कुल कीमत लगभग 11 ट्रिलियन डॉलर आंकी गई है, आज न केवल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि, दोनों नेताओं की चिंताओं के कारण अलग-अलग हैं। जहां शी जिनपिंग इस बाजार को घरेलू मांग बढ़ाने में बाधा मानते हैं, वहीं ट्रंप इसे चीन की वित्तीय प्राथमिकताओं के विकृत होने का संकेत मानते हैं।

पिछले एक दशक में चीनी शेयर बाजार ने निवेशकों को निराशाजनक रिटर्न दिए हैं। हालिया तेजी के बावजूद, सीएसआई-300 जैसे प्रमुख सूचकांक अभी भी उसी स्तर पर हैं, जहां वे एक दशक पहले बड़े बुलबुले के टूटने के बाद थे। तुलनात्मक रूप से, अगर कोई निवेशक 10,000 डॉलर एसएंडपी 500 में लगाता, तो आज उसकी राशि तीन गुना हो चुकी होती, जबकि सीएसआई-300 में उसी निवेश से केवल 3,000 डॉलर का मामूली लाभ ही मिल पाता।

इस कमजोर बाजार प्रदर्शन का सीधा प्रभाव चीनी उपभोक्ताओं के व्यवहार पर पड़ा है। अस्थिर और अविश्वसनीय रिटर्न के कारण परिवार अपनी बचत पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जिससे डिस्पोजेबल आय की बचत दर 35% तक पहुंच गई है। यह स्थिति शी जिनपिंग की घरेलू मांग आधारित विकास योजना के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, खासकर तब जब चीन अमेरिका के बढ़ते व्यापार शुल्कों और निर्यात में आई मंदी का सामना कर रहा है।

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इस समस्या की जड़ें चीन के स्टॉक मार्केट के मूल उद्देश्य में छिपी हैं। 1980 के दशक के अंत में स्थापित इस बाजार का मुख्य लक्ष्य सरकारी औद्योगिक परियोजनाओं, जैसे सड़कों, बंदरगाहों और कारखानों के लिए धन जुटाना था, न कि निवेशकों को लाभ पहुंचाना। इस प्राथमिकता ने कई संरचनात्मक समस्याओं को जन्म दिया, जिनमें अत्यधिक शेयर जारी करना, लिस्टिंग के बाद की अनियमित प्रथाएं और निवेशक सुरक्षा में कमजोरियां शामिल हैं।

हाल के वर्षों में सुधार के कुछ प्रयास हुए हैं। पिछले साल नई आईपीओ की संख्या एक तिहाई कम हुई है, और 2024 में सूचीबद्ध कंपनियों ने कुल 2.4 ट्रिलियन युआन (लगभग 334 बिलियन डॉलर) का लाभांश वितरित किया, जिससे निवेशकों को कुछ राहत मिली। हालांकि, मूलभूत संरचनात्मक समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं। सीएसआई-300 की कंपनियों ने 2024 में अपने बाजार पूंजीकरण का केवल 0.2% हिस्सा शेयर बायबैक पर खर्च किया, जबकि एसएंडपी 500 कंपनियों ने इस मद में लगभग 2% खर्च किया।

शी जिनपिंग के सामने मुख्य चुनौती घरेलू मांग को बढ़ावा देना है, लेकिन एक अविश्वसनीय स्टॉक मार्केट इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधा बन रहा है। वहीं, ट्रंप के लिए यह बाजार चीन की वित्तीय प्राथमिकताओं के विकृत होने का प्रतीक है, जहां तकनीकी और औद्योगिक लक्ष्यों को निवेशक हितों से ऊपर रखा जाता है।

संक्षेप में, चीन का स्टॉक मार्केट न केवल देश के आर्थिक विकास को प्रभावित कर रहा है, बल्कि वैश्विक व्यापार संबंधों में भी एक महत्वपूर्ण चुनौती बनकर उभरा है। जब तक चीन इसकी मूलभूत संरचनात्मक समस्याओं का समाधान नहीं करता, तब तक यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियां पैदा करता रहेगा।

चीन का स्टॉक मार्केट राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए क्यों चिंता का विषय है?
शी जिनपिंग के लिए चीन का स्टॉक मार्केट इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि इसकी अस्थिरता और कम निवेश रिटर्न घरेलू उपभोग को प्रभावित करते हैं। उपभोक्ता खर्च करने की बजाय बचत को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे घरेलू मांग आधारित आर्थिक विकास की रणनीति बाधित हो रही है।
डोनाल्ड ट्रंप चीन के स्टॉक मार्केट को क्यों लेकर चिंतित हैं?
डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार चीन का स्टॉक मार्केट चीन की विकृत वित्तीय प्राथमिकताओं का प्रतीक है। वह इसे इस बात का उदाहरण मानते हैं कि चीन अपने औद्योगिक और तकनीकी लक्ष्यों को निवेशकों के हितों से ऊपर रखता है, जो अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन को और बिगाड़ता है।
CSI-300 इंडेक्स और S&P 500 में निवेश रिटर्न में क्या अंतर है?
पिछले एक दशक में CSI-300 इंडेक्स में $10,000 का निवेश केवल लगभग $13,000 ही बना, जबकि उसी राशि का निवेश S&P 500 में तीन गुना बढ़कर $30,000 हो गया। इससे पता चलता है कि चीनी शेयर बाजार ने निवेशकों को कमजोर रिटर्न दिए हैं।
कमजोर स्टॉक मार्केट चीन के उपभोक्ताओं को कैसे प्रभावित कर रहा है?
स्टॉक मार्केट के खराब प्रदर्शन ने उपभोक्ताओं का विश्वास डगमगा दिया है। वे अपने पैसे निवेश करने की बजाय बचा रहे हैं, जिससे चीन में डिस्पोजेबल इनकम की बचत दर 35% तक पहुंच गई है। यह प्रवृत्ति घरेलू खपत और आर्थिक विकास को प्रभावित कर रही है।
चीन के स्टॉक मार्केट में कौन-सी संरचनात्मक समस्याएं हैं?
चीनी स्टॉक मार्केट की संरचनात्मक समस्याओं में शामिल हैं—IPO की भरमार, लिस्टिंग के बाद की अनियमितताएं, निवेशक सुरक्षा की कमी और रिटर्न से ज्यादा फंड रेजिंग पर ध्यान। ये सभी समस्याएं बाजार को अनाकर्षक बनाती हैं।
क्या चीन में हाल ही में कोई सुधार हुआ है?
हाल के वर्षों में कुछ सुधार हुए हैं, जैसे IPO की संख्या में कमी और लाभांश वितरण में वृद्धि। 2024 में सूचीबद्ध कंपनियों ने 2.4 ट्रिलियन युआन का लाभांश दिया। हालांकि, शेयर बायबैक की दर अब भी बहुत कम है और संरचनात्मक समस्याएं बनी हुई हैं।
चीन के स्टॉक मार्केट की स्थिति वैश्विक व्यापार पर क्या असर डालती है?
चीन का कमजोर स्टॉक मार्केट वैश्विक व्यापार में असंतुलन पैदा करता है, खासकर अमेरिका जैसे देशों के साथ। यह चीन की आंतरिक आर्थिक रणनीतियों को प्रभावित करता है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार वार्ताओं को जटिल बनाता है।