वायरल ई-मेल में क्या लिखा था एक कंपनी का नौकरी विज्ञापन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कर्मचारियों से सातों दिन काम करने की मांग की गई है। इस ई-मेल में साफ लिखा गया है कि कोई छुट्टी नहीं मिलेगी और कर्मचारियों को हमेशा उपलब्ध रहना होगा। कंपनी ने केवल "ए-प्लेयर्स" की मांग की है जो 24x7 काम के लिए तैयार रहें।
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चौंकाने वाला जॉब विज्ञापन: 7 दिन काम, नो छुट्टी
खबर का सार AI ने दिया · News Team ने रिव्यु किया
एक कंपनी का जॉब विज्ञापन वायरल, जिसमें कर्मचारियों से हफ्ते के सातों दिन काम करने और कोई छुट्टी न लेने की शर्त रखी गई है।
कंपनी को ऐसे "ए-प्लेयर्स" चाहिए जो 24 घंटे उपलब्ध रहें और परिवार के साथ समय बिताने की इच्छा न रखते हों।
सोशल मीडिया पर लोग इस तरह की नौकरी की शर्तों से हैरान और परेशान हैं।
आजकल की तेज़ भागती दुनिया में कंपनी का ई-मेल सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल रहा है। एक ऐसी नौकरी का विज्ञापन सामने आया है जो लोगों को हैरान कर रहा है। इस विज्ञापन में साफ लिखा है कि कर्मचारियों को हफ्ते के सातों दिन काम करना होगा और कोई छुट्टी नहीं मिलेगी।
रेडिट पर एक यूज़र ने इस नौकरी विवरण का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इस तस्वीर को देखकर लोग हैरान रह गए हैं। कंपनी ने अपने ई-मेल में साफ शब्दों में लिखा है कि उन्हें केवल "ए-प्लेयर्स" चाहिए। मतलब वो लोग जो हमेशा काम के लिए तैयार रहें और कभी ना कहने का मतलब न जानते हों।
इस ई-मेल की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सातों दिन काम करने की शर्त रखी गई है। कंपनी का कहना है कि उनके यहाँ काम करने वाले लोगों को 24 घंटे उपलब्ध रहना होगा। छुट्टी का कोई मतलब नहीं है और अगर आप परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं तो यह कंपनी आपके लिए नहीं है।
लोगों की प्रतिक्रिया
इस वायरल ई-मेल को देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी राय दी है। ज्यादातर लोग इस तरह की नौकरी की शर्तों से परेशान हैं। कई लोगों ने इसे गुलामी बताया है और कहा है कि यह इंसानियत के खिलाफ है।
एक यूज़र ने लिखा कि "यह नौकरी नहीं बल्कि जेल की सजा लग रही है।" दूसरे यूज़र ने कमेंट किया कि "अगर कोई इंसान सातों दिन काम करेगा तो वह कब आराम करेगा और कब अपने परिवार के साथ समय बिताएगा।"
कानूनी मुद्दे
भारत में श्रम कानून के अनुसार किसी भी कर्मचारी को सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं करवाया जा सकता। इसके अलावा हर कर्मचारी का हक है कि उसे साप्ताहिक अवकाश मिले। इस तरह की शर्तें रखना कानून के खिलाफ है।
मजदूर संघों का कहना है कि यह तरीका बिल्कुल गलत है। कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को इंसान नहीं समझती और उन्हें मशीन की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। यह स्थिति कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
कंपनी की सफाई
इस विवाद के बाद कंपनी ने अपनी सफाई देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह ई-मेल गलत तरीके से लिखा गया था और इसका मतलब यह नहीं था कि कर्मचारियों को कोई छुट्टी नहीं मिलेगी। लेकिन लोग इस सफाई से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि वे केवल मेहनती लोगों की तलाश में थे और ई-मेल में गलत शब्दों का इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने कर्मचारियों की भलाई का पूरा ख्याल रखते हैं।
विशेषज्ञों की राय
मानव संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कार्य संस्कृति बहुत खतरनाक है। जब कर्मचारी थक जाते हैं तो उनकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। इससे कंपनी का ही नुकसान होता है।
एक जानकार का कहना है कि "अगर आप अपने कर्मचारियों को आराम नहीं देंगे तो वे कैसे अच्छा काम कर पाएंगे। यह तो बिल्कुल उल्टी बात है।" उनका मानना है कि कंपनियों को कर्मचारियों के साथ इंसानियत से पेश आना चाहिए।
समाधान और सुझाव
इस पूरे मामले से यह साफ होता है कि आज भी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान नहीं करतीं। सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए और ऐसी कंपनियों पर जुर्माना लगाना चाहिए।
नौकरी चुनते समय लोगों को सावधान रहना चाहिए। अगर कोई कंपनी ऐसी शर्तें रखती है तो बेहतर है कि वहाँ काम न करें। आपकी सेहत और परिवार किसी भी नौकरी से ज्यादा जरूरी है।
अंत में यही कहना है कि काम जरूरी है लेकिन जिंदगी उससे भी ज्यादा जरूरी है। कोई भी कंपनी आपको अपना गुलाम नहीं बना सकती। अपने अधिकारों को जानें और उनकी रक्षा करें।
नाम है सौरभ झा, रिपोर्टर हूँ GCShorts.com में। इंडिया की राजनीति, आम लोगों के झमेले, टेक या बिज़नेस सब पर नजर रहती है मेरी। मेरा स्टाइल? फटाफट, सटीक अपडेट्स, सिंपल एक्सप्लेनर्स और फैक्ट-चेक में पूरा भरोसा। आप तक खबर पहुंचे, वो भी बिना घुमा-फिरा के, यही मकसद है।