Covid Vaccine : पर नया विवाद, हार्ट अटैक के बाद अब कैंसर के खतरे की आशंका

दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों की ताजा रिपोर्ट में कोविड वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोध में पाया गया है कि वैक्सीन लेने वालों में कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इससे पहले भी हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के मामले सामने आए थे। विशेषज्ञों ने वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रभावों पर गहरी जांच की मांग की है।

Covid Vaccine : पर नया विवाद, हार्ट अटैक के बाद अब कैंसर के खतरे की आशंका

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    कोरोना वायरस के खिलाफ बनाई गई कोविड वैक्सीन को लेकर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठ रहे हैं। दक्षिण कोरिया के एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि वैक्सीन लेने वालों में कैंसर की बीमारी होने का खतरा बढ़ सकता है। यह खबर उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जो पहले से ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर परेशान थे।

     

    कोरियाई अध्ययन में क्या मिला

    दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोविड वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों में कैंसर की कोशिकाओं में वृद्धि देखी गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन के कारण हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में कुछ बदलाव हो सकते हैं जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। हालांकि यह अध्ययन अभी भी शुरुआती चरण में है और अधिक जांच की जरूरत है।

    कोरियाई वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों में खून के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि वैक्सीन लेने के बाद नियमित जांच कराना जरूरी है।

     

    पहले भी आईं थीं हार्ट अटैक की खबरें

    यह पहला मामला नहीं है जब कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात सामने आई है। इससे पहले कई देशों में वैक्सीन लेने के बाद हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों के मामले सामने आए थे। खासकर युवाओं में हृदय की मांसपेशियों में सूजन की समस्या देखी गई थी।

    अमेरिका और यूरोप के कई देशों में वैक्सीन लेने के बाद अचानक मौत के मामले भी सामने आए थे। इन सभी घटनाओं ने लोगों के मन में वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर संदेह पैदा किया था।

     

    डॉक्टरों की राय अलग अलग

    इस नई रिपोर्ट को लेकर डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अलग अलग राय है। कुछ डॉक्टरों का कहना है कि यह अध्ययन अभी भी प्रारंभिक चरण में है और इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि कोविड वैक्सीन ने कोरोना से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    दूसरी तरफ कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस अध्ययन को गंभीरता से लेना चाहिए। उनका मानना है कि वैक्सीन के लंबे समय के प्रभावों पर और अधिक शोध की जरूरत है।

     

    सरकारी स्वास्थ्य विभागों का जवाब

    भारत सहित दुनिया के कई देशों के स्वास्थ्य विभागों ने कहा है कि वे इस नए अध्ययन की जांच कर रहे हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड वैक्सीन की सुरक्षा की निगरानी लगातार की जा रही है।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वैक्सीन के फायदे अभी भी नुकसान से कहीं ज्यादा हैं। लेकिन संगठन ने यह भी स्वीकार किया है कि वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रभावों पर और अध्ययन की जरूरत है।

     

    आम लोगों में बढ़ी चिंता

    इस नई रिपोर्ट के बाद आम जनता में चिंता बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी परेशानी व्यक्त कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा है कि उन्होंने पहले से ही वैक्सीन लगवा ली है और अब वे अपनी सेहत को लेकर चिंतित हैं।

    कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए दबाव बनाया गया था और अब वे इसके परिणाम भुगत रहे हैं। हालांकि डॉक्टर कहते हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है और नियमित जांच कराते रहना चाहिए।

     

    अब क्या करना चाहिए

    विशेषज्ञों की सलाह है कि कोविड वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को नियमित रूप से अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए। खासकर खून की जांच और कैंसर की स्क्रीनिंग जरूरी है।

    अगर किसी व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने के बाद कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। थकान, बुखार, सांस लेने में तकलीफ या दिल की धड़कन तेज होना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

     

    भविष्य में क्या हो सकता है

    इस नए अध्ययन के बाद संभावना है कि दुनिया भर में कोविड वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर और भी शोध किए जाएंगे। वैज्ञानिक समुदाय अब वैक्सीन के लंबे समय के प्रभावों पर विशेष ध्यान देगा।

    यह भी संभावना है कि भविष्य में वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किए जाएं ताकि साइड इफेक्ट को कम किया जा सके। फिलहाल यह जरूरी है कि लोग अपनी सेहत का खयाल रखें और डॉक्टर की सलाह को गंभीरता से लें।

    कोविड वैक्सीन पर कैंसर अध्ययन कितना गंभीर?

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