CP Radhakrishnan :उपराष्ट्रपति शपथ ग्रहण पीएम मोदी और धनखड़ ने किया अभिवादन
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने राजग उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर उपराष्ट्रपति चुने गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, और अन्य गणमान्य लोग शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे।
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महाराष्ट्र राज्यपाल पद से इस्तीफा
उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। गुरुवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में इसकी पुष्टि की गई। इसके बाद गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। अब देवव्रत दोनों राज्यों के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभालेंगे।
जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद चुनाव
संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके कार्यकाल में दो साल बाकी थे। उनके इस्तीफे के कारण ही मध्यावधि चुनाव कराया गया।
उपराष्ट्रपति पद की असाधारण यात्रा
सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद तक की यात्रा बेहद असाधारण रही है। उनकी शुरुआत छात्र आंदोलन से हुई और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव के बाद उनका प्रभाव राष्ट्रीय स्तर तक फैला।
राधाकृष्णन ने संघ से सक्रिय राजनीति में कदम रखा और लंबे समय तक भाजपा संगठन में काम किया। 2004 से 2007 तक वह तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की। इस यात्रा का उद्देश्य देश की नदियों को जोड़ना, आतंकवाद का उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करना, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खतरों से निपटना था।
2020 से 2022 तक उन्होंने केरल भाजपा के प्रभारी के रूप में भी काम किया। उन्हें संगठन और प्रशासन में मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है।
विनम्र और सुलभ नेता की छवि रखने वाले राधाकृष्णन को उनके समर्थक तमिलनाडु का मोदी कहकर पुकारते हैं।
व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आने वाले राधाकृष्णन की शादी सुमति से हुई है और उनके एक बेटा व एक बेटी हैं।
राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव
उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA के प्रत्याशी चुने जाने से पहले, राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उन्हें पिछले साल जुलाई में यह जिम्मेदारी मिली थी। इसके पहले फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। झारखंड में रहते हुए उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला।
राधाकृष्णन ने दक्षिण भारत में भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका सार्वजनिक जीवन में प्रवेश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक के रूप में हुआ था। 1974 में वह भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने और 1996 में तमिलनाडु भाजपा के सचिव नियुक्त किए गए।
वे कोयंबटूर से 1998 और 1999 में दो बार लोकसभा के लिए चुने गए। हालांकि 2004, 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सांसद रहते हुए वह संसदीय स्थायी समिति (कपड़ा मंत्रालय) और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य रहे।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव
2004 में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में राधाकृष्णन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वह ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी रहे।
2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कोयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। उनके नेतृत्व में भारत से नारियल रेशे का निर्यात रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज किया गया।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक, प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य बनाता है। उनका सार्वजनिक जीवन देश सेवा, संगठनात्मक कौशल और प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण है।
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