Cricket in Olympics: अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री ने कहा कि लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 में क्रिकेट की वापसी भारत और ओलंपिक आंदोलन के रिश्ते को और मजबूत करेगी। उन्होंने इसे भारत के खेल इतिहास के लिए एक नया मील का पत्थर बताया। कोवेंट्री के अनुसार, “ओलंपिक में क्रिकेट की मौजूदगी भारतीय दर्शकों के बीच खेलों की लोकप्रियता को नई ऊंचाई देगी।”
128 साल बाद क्रिकेट फिर से ओलंपिक का हिस्सा बनेगा। आखिरी बार यह खेल 1900 के पेरिस ओलंपिक में खेला गया था, जब केवल दो टीमों ब्रिटेन और फ्रांस ने भाग लिया था। अब, Cricket in Olympics के साथ, दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदें फिर से जीवित हो गई हैं।
IOC अध्यक्ष क्रिस्टी कोवेंट्री का बड़ा बयान
IOC president Kirsty Coventry ने बताया कि भारत में ओलंपिक प्रसारण अधिकारों के लिए एक खुली निविदा प्रक्रिया जारी है। उनका कहना है कि समिति ऐसे मीडिया साझेदार की तलाश में है जो “ओलंपिक खेलों का जादू भारत के हर कोने तक पहुंचा सके।” उन्होंने भरोसा जताया कि लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028, भारतीय दर्शकों के लिए बेहद खास अनुभव होगा।
भारत ने हाल ही में 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को संभावित शहर के रूप में प्रस्तावित किया है। अगर यह बोली सफल रहती है, तो भारत के खेल इतिहास में यह पहली बार होगा जब देश ओलंपिक की मेजबानी करेगा।
2028 ओलंपिक में टी20 फॉर्मेट में खेला जाएगा क्रिकेट
ओलंपिक 2028 में क्रिकेट एक बार फिर वापसी करने जा रहा है, और इस बार यह टी20 फॉर्मेट में खेला जाएगा, जिससे रोमांच कई गुना बढ़ जाएगा। पुरुषों और महिलाओं दोनों वर्गों में टीमें हिस्सा लेंगी। क्रिकेट के शामिल होने से उम्मीद है कि ओलंपिक की व्यूअरशिप में भारी इजाफा होगा, खासकर भारत जैसे देशों में, जहां क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि एक जुनून माना जाता है।
कई क्रिकेट बोर्ड अपनी संभावित टीमों की रणनीति पर पहले ही काम शुरू कर चुके हैं। इसी बीच, खबर है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) मिलकर टूर्नामेंट के नियमों और शेड्यूल को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
भारत के लिए ओलंपिक का नया युग
क्रिकेट की ओलंपिक में वापसी सिर्फ एक खेल की नहीं, बल्कि एक भावना की वापसी है। भारत में करोड़ों क्रिकेट प्रेमी इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जैसे-जैसे 2028 नजदीक आ रहा है, भारत के खेल बाजार में भी ओलंपिक से जुड़ी गतिविधियाँ बढ़ रही हैं।
भारत की इस बढ़ती भागीदारी से ओलंपिक खेलों को वैश्विक स्तर पर नई ऊर्जा मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला खेलों के लिए “एशियन रीबर्थ” जैसा साबित होगा, जहां भारत की भूमिका निर्णायक होगी।
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