कांग्रेस का बड़ा बयान सीईसी ज्ञानेश कुमार के खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है पार्टी
कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने सोमवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस लोकतंत्र के सभी संवैधानिक और कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकती है।
यह बयान उस समय आया है जब चुनाव आयोग प्रमुख ने राहुल गांधी को "वोट चोरी" संबंधी आरोपों पर हलफनामा या सार्वजनिक माफी देने का अल्टीमेटम दिया था।
विपक्ष का महाभियोग पर विचार
जब हुसैन से पूछा गया कि क्या विपक्ष सीईसी के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकता है, तो उन्होंने कहा –
"अभी इस पर चर्चा नहीं हुई है, लेकिन जरुरत पड़ी तो लोकतंत्र के सभी हथियार हमारे पास हैं।"
सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल मानसून सत्र के दौरान ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने पर विचार कर सकते हैं।
राहुल गांधी बनाम चुनाव आयोग
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में “वोट चोरी” हुई है। इस पर सीईसी कुमार ने उनके आरोपों को संविधान का अपमान बताया और साफ कहा कि राहुल या तो हलफनामा जमा करें या फिर सात दिनों के भीतर देश से माफी मांगें।
उन्होंने कहा –
"तीसरा कोई विकल्प नहीं है।"
इसके जवाब में राहुल गांधी ने भाजपा नेता अनुराग ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे भी वही आरोप लगाते हैं तो उनसे हलफनामा क्यों नहीं मांगा जाता?
कांग्रेस का आरोप: चुनाव आयोग भाजपा का प्रवक्ता
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा –
"आज चुनाव आयोग नहीं, बल्कि भाजपा बोल रही थी।"
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने सीसीटीवी फुटेज केवल 45 दिन तक रखने का नियम बनाकर सबूत नष्ट करने का काम किया है।
विपक्षी दलों का समर्थन
इस मुद्दे पर कांग्रेस को विपक्ष के अन्य दलों का भी समर्थन मिला है। राजद और झामुमो नेताओं ने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के दस्तावेज़ों और आरोपों पर स्पष्ट स्पष्टीकरण देना चाहिए। विपक्षी खेमे का मानना है कि आयोग को निष्पक्ष बने रहने के लिए पारदर्शी रवैया अपनाना होगा।
चुनाव आयोग का रुख
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दोहराया कि आयोग मतदाताओं के साथ "चट्टान की तरह खड़ा" है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी आरोप निराधार हैं और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
क्या होगा अगला कदम?
इस पूरे विवाद ने चुनाव आयोग और विपक्ष के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है। कांग्रेस का महाभियोग की धमकी देना एक बड़ा संकेत है कि आने वाले सत्र में संसद में इस पर गरमा-गरम बहस हो सकती है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर विपक्ष एकजुट हुआ तो यह मुद्दा सरकार और चुनाव आयोग दोनों के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।