आज देहरादून में फिर से प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। देर रात सहस्त्रधारा क्षेत्र में अचानक बादल फटने के कारण अचानक तेज बारिश हुई, जिससे नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ गया। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और प्रशासन और रेस्क्यू टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
बादल फटने के कारण हुई भारी तबाही और नुकसान
देर रात बादल फटने से सहस्त्रधारा, मालदेवता, टपकेश्वर महादेव मंदिर समेत आसपास के इलाकों में पानी का भयंकर उफान आया। देहरादून क्लाउडबर्स्ट से नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए आस-पास के घरों और दुकानों को जलमग्न कर दिया। सड़कों पर नदी उतर आई और राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई प्रमुख मार्ग बंद हो गए। कई दुकाने और होटल मलबे में बह गए। खास तौर पर सहस्त्रधारा के मुख्य बाजार में भारी मलबा आ गिरा जिससे 7-8 दुकानें पूरी तरह टूट गईं।
लोगों ने जीवन बचाने के लिए खंभों पर चढ़कर पाया सहारा
जलस्तर बढ़ने और अचानक आई भारी बारिश से लोग बुरी तरह फंसे हुए थे। कई लोग जैसे मजदूर, होटल और दुकान के कर्मचारी जान बचाने के लिए बिजली के खंभों पर चढ़ गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ लोग रस्सी की मदद से ऊपर चढ़कर अपनी जान बचा पाए। टपकेश्वर महादेव मंदिर के गुफा में पानी का स्तर 10 से 12 फीट तक बढ़ गया था। शिवलिंग के ऊपर तक पानी पहुंच गया लेकिन भगवान के गर्भगृह को सुरक्षित रखा गया।
मौके पर बचाव और राहत कार्य जारी, प्रशासन लगा रहा पूरी ताकत
घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने तत्काल बचाव और राहत अभियान शुरू किया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और लोक निर्माण विभाग की टीमें जेसीबी मशीनों के साथ सड़क खोलने और फंसे हुए लोगों को बचाने में जुटी हैं। अपने दम पर कई गांवों से करीब 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लापता लोगों की खोज जारी है।
प्रमुख इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी, अगले कुछ दिनों में बारिश का खतरा बना हुआ
मौसम विभाग ने देहरादून समेत आसपास के जिलों में अगले 3-4 दिन भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। संभागीय अधिकारी और जिला प्रशासन ने भूस्खलन और बाढ़ को देखते हुए सतर्कता बरतने की अपील की है। पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा सीमित करने और सुरक्षित जगहों पर रहने की सलाह दी गई है।
देहरादून के बाद आसपास के पहाड़ी इलाकों में भी बारिश से खतरा बरकरार
देहरादून के साथ-साथ मसूरी, चमोली, चंपावत, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जैसे जिलों में भी तेज बारिश होने की संभावना बनी हुई है। मसूरी में भारी बारिश और मलबा गिरने से एक मजदूर की मौत हुई है। इलाके में मलबा आने से कई मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रशासन पूरे क्षेत्र में बचाव कार्य को तेज कर रहा है।
देश के उच्चतम अधिकारी भी रहे घटना पर नजर बनाए हुए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और केंद्र सरकार के मंत्री उनसे लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए सभी संभव मदद का आश्वासन दिया है।
यह घटना हमें पर्यावरण के प्रति सजग करती है
यह बड़ा हादसा हमें यह याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाएं हमारे जीवन का हिस्सा बनती जा रही हैं, खासकर बढ़ते जलवायु परिवर्तन के कारण। देहरादून बादल फटना और इससे जुड़ी बाढ़, भूस्खलन जैसी घटनाएं हमें प्रकृति के गुस्से के प्रति हमेशा सतर्क रहने की जरूरत जताती हैं। हमें अपनी सावधानियों और तैयारियों को और मजबूत करना होगा ताकि अगली आपदा में कम से कम जान-माल का नुकसान हो।
आसपास के इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तेजी
अधिकांश प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम प्रशासन द्वारा तेजी से किया जा रहा है। स्कूल और कॉलेजों को बंद किया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा हो सके। वहीं, राहत शिविर भी बनाए जा रहे हैं जहां प्रभावित लोग ठहराए जा सकते हैं।