Dehradun : में सरकारी नौकरी पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड को STF ने दबोचा

देहरादून में एक बड़ा खुलासा हुआ है जहां सरकारी नौकरी का सपना बेचने वाले पेपर लीक मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके साथी को STF ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने लाखों रुपये लेकर अभ्यर्थियों को परीक्षा पास कराने का वादा किया था। STF की इस कार्रवाई से न केवल युवाओं की उम्मीदें सुरक्षित हुईं बल्कि प्रशासन की साख बचाने की कोशिश भी दिखाई दी। अब आगे की जांच में कई और नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

Dehradun : में सरकारी नौकरी पेपर लीक करने वाले मास्टरमाइंड को STF ने दबोचा

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सरकारी नौकरी का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे ऐंठने वाले पेपर लीक गिरोह का मास्टरमाइंड आखिरकार STF के हत्थे चढ़ गया है। इस बार मामला इतना गंभीर है कि इसमें सिर्फ पैसे का खेल ही नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ भी शामिल है। पकड़ा गया आरोपी और उसका सहयोगी युवाओं को 12 से 15 लाख रुपये में नौकरी दिलाने की गारंटी दे रहे थे।

 

देहरादून में STF के जाल में फंसा पेपर लीक मास्टरमाइंड हाकम सिंह और सहयोगी पंकज गौड़

शनिवार देर रात राजधानी देहरादून से एक बड़ी कार्रवाई हुई। स्पेशल टास्क फोर्स ने सरकारी भर्ती परीक्षा से पहले पेपर लीक करने की पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया। इस गिरोह का मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके सबसे करीबी साथी पंकज गौड़ को दबोच लिया गया। आरोप है कि दोनों ने परीक्षा से पहले ही छह उम्मीदवारों से डील पक्की कर ली थी। रकम तय हुई थी 12 से 15 लाख रुपये तक। बदले में यह दोनों उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी की सीट पक्की कराने का वादा कर रहे थे।

 

कैसे काम करता था पेपर लीक का यह पूरा खेल और क्यों STF को लगाना पड़ा जाल

फर्जीवाड़े के इस खेल का तरीका बेहद चालाकी भरा था। मास्टरमाइंड और उसका गिरोह सबसे पहले अभ्यर्थियों को भरोसे में लेते थे और फिर संपर्क बनाकर पैसों की डील तय करते। पैसों की रकम इतनी बड़ी होती थी कि ज्यादातर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के बच्चे इसकी कल्पना भी नहीं कर पाते। लेकिन जिन अभ्यर्थियों के पास साधन होते, उनके परिवार इस लालच में फंस भी जाते। STF को जब इसकी भनक लगी तो तुरंत ही पूरी प्लानिंग बनाई गई और गिरफ्तारी के लिए टीम भेजी गई। आखिरकार, दोनों आरोपी रंगे हाथों जाल में फंस गए।

 

करीब छह उम्मीदवारों से की गई लाखों की वसूली, STF की कार्रवाई के बाद खुला राज

जांच में सामने आया है कि गिरोह ने अब तक छह अभ्यर्थियों से पैसे वसूले थे। हर उम्मीदवार से 12 लाख से 15 लाख रुपये के बीच रकम ली गई थी। STF के पास इसकी पुख्ता जानकारी थी और इसीलिए कार्रवाई तेज कर दी गई। जैसे ही सबूत मिले, टीम ने पटेलनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया और फिर धर-पकड़ शुरू हुई। गिरोह पर लगे आरोप साबित करने के लिए मोबाइल रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन और गुप्त बातचीत से भी जानकारियां निकाली जा रही हैं।

 

सरकारी नौकरी के नाम पर कैसे बिगड़ रहा है युवाओं का भविष्य और समाज पर इसका असर

सरकारी नौकरी को लेकर युवाओं में हमेशा से काफी आकर्षण रहा है। स्थायी वेतन, सम्मानित पद और परिवार के लिए सुरक्षित भविष्य इसके पीछे बड़े कारण हैं। लेकिन जब परीक्षा का पेपर ही लीक कर दिया जाता है और पैसे से नौकरी बिकने लगती है, तो मेहनती छात्रों का मनोबल टूट जाता है। जो छात्र महीनों तक पढ़ाई करते हैं, दिन-रात तैयारी में लगे रहते हैं, उनके सपने ऐसे घोटालों से चकनाचूर हो जाते हैं। समाज में गलत संदेश जाता है कि बिना पैसा दिए कोई सरकारी नौकरी पाना संभव नहीं है। यह स्थिति न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है बल्कि प्रशासन की साख पर भी बुरा असर डालती है।

 

सरकार और पुलिस के सामने बड़ी चुनौती, कैसे रोका जाए हर बार हो रहा पेपर लीक

देश के अलग-अलग हिस्सों से आए दिन पेपर लीक की खबरें सुनने को मिलती हैं। कहीं शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक होती है तो कहीं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के सवाल सोशल मीडिया पर पहले से घूमते नजर आते हैं। उत्तराखंड का यह मामला भी उसी कड़ी का हिस्सा है। STF की तेजी से कार्रवाई करना काबिले तारीफ जरूर है, लेकिन सवाल यही है कि आखिर कब तक युवाओं के सपनों के साथ ऐसे खिलवाड़ होते रहेंगे? हर बार कार्रवाई होती है, कुछ आरोपी पकड़ लिए जाते हैं लेकिन फिर नया गिरोह सामने आ जाता है। यह सरकार और पुलिस विभाग दोनों के लिए बड़ी चुनौती है।

 

आगे की कार्रवाई और आरोपी पर बन रहे हालात, अदालत तक पहुंचेगी मामला

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा। STF ने साफ किया है कि आरोपी को किसी भी हाल में कानून के अनुसार सख्त सजा मिलेगी। अभी तक जो रकम बरामद की गई है और जिन सबूतों पर जांच चल रही है, उससे साफ है कि यह मामला गहराई तक जुड़ा हुआ है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मास्टरमाइंड के पीछे और भी लोग हो सकते हैं। जल्द ही इस पर और खुलासे किए जाएंगे।

 

सवाल बरकरार, सरकारी नौकरी का सपना क्या अब सिर्फ पैसे वालों तक सीमित हो रहा?

आज जब लाखों युवा कड़ी मेहनत करके नौकरी पाने की होड़ में हैं, तब ऐसे पेपर लीक घोटाले उन मेहनती छात्रों के लिए चुभन बन जाते हैं। यह सवाल हर किसी के मन में गूंजता है कि कहीं सरकारी नौकरी सिर्फ उन्हीं के पास तो नहीं चली जाएगी, जिनके पास पैसे हैं। STF की इस कार्रवाई ने युवाओं के बीच उम्मीद जरूर जगाई है कि सिस्टम को साफ किया जा सकता है, लेकिन असली चुनौती अब इस गंदे खेल को जड़ से खत्म करने की है।