Vijay Malhotra Passes Away: दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष वीके मल्होत्रा का निधन, AIIMS में ली अंतिम सांस

दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता वीके मल्होत्रा का निधन, राजनीति, शिक्षा और समाज सेवा में दिए योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, नेताओं और जनता ने दी श्रद्धांजलि।

Vijay Malhotra Passes Away: दिल्ली भाजपा के पहले अध्यक्ष वीके मल्होत्रा का निधन, AIIMS में ली अंतिम सांस

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    दिल्ली की राजनीति के वीके मल्होत्रा आज हमारे बीच नहीं रहे। भारतीय जनता पार्टी के पहले दिल्ली अध्यक्ष वीजय कुमार मल्होत्रा ने मंगलवार की सुबह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतिम सांस ली। 95 वर्षीय इस वरिष्ठ नेता का निधन दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा खालीपन छोड़ गया है। पिछले कई दिनों से वे बीमार चल रहे थे और AIIMS में भर्ती थे।

    डॉक्टरों के अनुसार मल्होत्रा जी की तबीयत कल रात से ज्यादा खराब हो गई थी। सुबह करीब 8 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके परिवार के सदस्य और भाजपा के कई नेता अस्पताल में मौजूद थे। मल्होत्रा जी के निधन की खबर मिलते ही पार्टी कार्यालय में शोक की लहर दौड़ गई।

     

    राजनीतिक सफर की शुरुआत

    वीके मल्होत्रा का राजनीतिक सफर बहुत लंबा और दिलचस्प रहा है। वे शुरू में जन संघ से जुड़े थे और बाद में भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल हुए। जब 1980 में भारतीय जनता पार्टी बनी तो उन्हें दिल्ली का पहला अध्यक्ष बनाया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने पार्टी को दिल्ली में एक मजबूत आधार दिया।

    मल्होत्रा जी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पद संभाले। वे दिल्ली विधानसभा के सदस्य भी रहे और लोकसभा में भी जनता का प्रतिनिधित्व किया। दक्षिण दिल्ली से वे कई बार सांसद चुने गए। उनकी वक्तृता कला और संगठनात्मक क्षमता के लिए वे जाने जाते थे।

     

    शिक्षा जगत में योगदान

    राजनीति के अलावा मल्होत्रा जी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाई। वे भारतीय विद्या भवन के अध्यक्ष थे और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निरंतर काम करते रहे। उनका मानना था कि अच्छी शिक्षा ही देश की तरक्की का आधार है। इसीलिए वे हमेशा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते थे।

    दिल्ली के कई कॉलेजों और स्कूलों से उनका गहरा नाता था। वे अक्सर शिक्षा संस्थानों में जाकर छात्रों से मिलते थे और उन्हें प्रेरणा देते थे। भारतीय विद्या भवन में उनके नेतृत्व में कई नई योजनाएं शुरू हुईं जिससे हजारों बच्चों को फायदा हुआ।

     

    सामाजिक कार्यों में सक्रियता

    वीजय मल्होत्रा सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि एक समाज सेवक भी थे। वे गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उन्होंने दिल्ली में कई धर्मार्थ संस्थानों की स्थापना की और उनके संचालन में सक्रिय भूमिका निभाई। बुजुर्गों और विधवा महिलाओं के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों में वे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे।

    महामारी के दौरान भी मल्होत्रा जी ने जरूरतमंद लोगों की सहायता की। उनकी संस्थाओं ने हजारों परिवारों को राशन और दवाई मुहैया कराई। वे मानते थे कि राजनीति का असली मकसद लोगों की सेवा करना है।

     

    भाजपा नेताओं की श्रद्धांजलि

    मल्होत्रा जी के निधन पर भाजपा के तमाम नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एक महान व्यक्तित्व बताया और कहा कि उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने शोक संदेश में कहा कि भाजपा ने एक अनुभवी नेता खो दिया है।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मल्होत्रा जी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि वे एक सच्चे जनसेवक थे और उनकी मृत्यु से दिल्ली का नुकसान हुआ है। भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मल्होत्रा जी के बिना पार्टी का दिल्ली कार्यालय सूना लग रहा है।

     

    राजकीय सम्मान मिलेगा

    दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वीके मल्होत्रा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यालय में रखा जाएगा ताकि लोग अंतिम दर्शन कर सकें। कल उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर होगा जहां तमाम राजनीतिक हस्तियां शामिल होंगी।

    भाजपा की दिल्ली इकाई ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। इस दौरान पार्टी के सभी कार्यक्रम रद्द रहेंगे। मल्होत्रा जी की स्मृति में एक स्मारक भी बनाने की योजना है।

     

    विरासत जो रह जाएगी

    वीजय कुमार मल्होत्राकी मृत्यु से दिल्ली की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। वे एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा में लगा दिया। उनकी ईमानदारी और सादगी के लिए विरोधी दल के नेता भी उनका सम्मान करते थे। आज के समय में ऐसे नेता कम ही मिलते हैं।

    उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे हमेशा आम लोगों से जुड़े रहे। कोई भी व्यक्ति उनसे मिल सकता था और अपनी समस्या बता सकता था। मल्होत्रा जी की यादें हमेशा दिल्लीवासियों के दिलों में रहेंगी और उनका काम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

    वीके मल्होत्रा का निधन: दिल्ली राजनीति पर असर?

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