दिल्ली में 'डर्टी बाबा' चैतन्यानंद की फरारी का पर्दाफाश
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की जांच में कथित 'डर्टी बाबा' चैतन्यानंद की फरारी से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गिरफ्तारी से पहले वह लगातार ठिकाने बदलता रहा और संस्थान की गतिविधियों पर नजर रखता रहा। पुलिस के अनुसार, फरारी के दौरान उसने कई ऐसे ठिकाने चुने जहाँ निगरानी कम थी।
बिना सीसीटीवी वाले होटलों में ठहरना
जांच में पता चला है कि फरारी के दिनों में चैतन्यानंद ने दिल्ली और आसपास के लगभग 15 सस्ते होटलों में रुकना पसंद किया। वह हमेशा ऐसे होटल चुनता था जहाँ सीसीटीवी कैमरे न लगे हों। होटल बुकिंग उसके चेले और करीबी सहयोगी कराते थे ताकि उसका नाम सामने न आए। पुलिस अब उन सहयोगियों की तलाश कर रही है जिन्होंने उसे छिपने में मदद की।
साधुओं और भीड़ में छिपना
पुलिस के मुताबिक, फरारी के दौरान वह कई बार साधुओं के बीच जाकर छिपता रहा और आम भीड़ में घुलने-मिलने की कोशिश करता ताकि पहचान में न आए।
पूछताछ में बेचैनी और टालमटोल
गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में चैतन्यानंद ने निरंतर बेचैनी और घबराहट दिखाई। वह बार-बार यह बताता रहा कि उसे घबराहट हो रही है और डिजिटल सबूतों की जांच में सहयोग नहीं कर रहा। वह यह भी कहता रहा कि उसे अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड याद नहीं है।
आश्रम और अन्य स्थलों पर पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी को उन जगहों पर भी लेकर गई जहाँ वह छात्राओं को अपनी महंगी कारों में ले जाता था। उसके आश्रम में भी तलाशी ली गई। जांच का मकसद है कि उसके खिलाफ पुख्ता सबूत तैयार किए जाएँ।
डिजिटल उपकरण जब्त और जांच के लिए भेजे गए
पुलिस ने चैतन्यानंद से मिले तीन मोबाइल फोन और एक iPad जब्त कर लिए हैं। सभी डिवाइसों को फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) भेजा गया है, जहाँ से उसकी गतिविधियों और संपर्कों की असल तस्वीर सामने आने की उम्मीद है।
बचाव में वकील का बयान
चैतन्यानंद के वकील ने हिरासत में पूछताछ की मांग का विरोध करते हुए कहा कि सभी छात्राओं के बयान पहले ही दर्ज हो चुके हैं और संदिग्ध के फोन व अन्य सामान जब्त कर लिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को डायबिटीज है और वह बेचैनी की समस्या से जूझ रहे हैं।
POLL ✦
बाबा का सीसीटीवी से बचना क्या दर्शाता है?
Gaurav Jha
मैं गौरव झा, GCShorts.com पर संपादकीय दिशा, SEO और प्लेटफ़ॉर्म के तकनीकी संचालन का नेतृत्व करता हूँ। मेरा फोकस तेज़, मोबाइल-फर्स्ट अनुभव, स्पष्ट सूचना संरचना और मज़बूत स्ट्रक्चर्ड डेटा पर है, ताकि पाठकों तक भरोसेमंद खबरें शीघ्र और साफ़ तरीके से पहुँचें। पाठकों और समुदाय से मिलने वाले सुझाव/फ़ीडबैक मेरे लिए अहम हैं उन्हीं के आधार पर कवरेज, UX और परफ़ॉर्मेंस में लगातार सुधार करता रहता हूँ।