शनिवार सुबह, जब उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र के मूंगा नगर में लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मशगूल थे, तभी यहां एक बेहद चौंकाने वाली घटना घटित हुई। इस इलाके में आम घरों की तरह अब्दुल का भी घर था, लेकिन आज उनके घर से कभी न भूलने वाली खबर निकली। अब्दुल, जो कि जहांगीरपुरी का रहने वाला बताया जा रहा है, ने अपनी पत्नी और 17 साल के बेटे पर गोली चला दी।
गंभीर रूप से जख्मी पत्नी और बेटे अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं
अब्दुल की पत्नी और बेटा दोनों को गंभीर चोटें आई हैं। गोली लगने के बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर उनकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल दोनों आईसीयू में भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

मूंगा नगर में क्यों हुआ इतना खौफनाक मामला
मूंगा नगर जैसे शांत इलाके में ऐसा हादसा कैसे हो गया, यह सवाल पूरे पड़ोस में सन्नाटा छोड़ गया है। कुछ लोगों का कहना है कि अब्दुल के परिवार में पिछले कुछ समय से अनबन चल रही थी। हालांकि, इस अनबन ने आज किस हद तक घटना को अंजाम दिया, यह जानकर पूरा इलाका सन्न रह गया है।
स्थानीय लोगों की पहली प्रतिक्रिया
हादसा होते ही आसपास के लोग दौड़कर अब्दुल के घर पहुंचे। उनकी पत्नी और बेटे को बेसुध हालत में देखकर हर कोई दहशत में था। लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और दोनों को अस्पताल पहुंचाया। जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और पूरे इलाका को घेरकर आरोपी की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और प्रारंभिक जांच
पुलिस को मिली सूचना के बाद, दयालपुर थाना की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में यह बात सच साबित हुई कि आरोपी अब्दुल ने ही अपनी पत्नी और बेटे को गोली मारी है। पुलिस अब्दुल की गिरफ्तारी के लिए लगातार जगह-जगह दबिश दे रही है।
बार-बार घरेलू विवाद बनता जा रहा है बड़ी घटनाओं की वजह
दिल्ली जैसे बड़े शहरों में घरेलू विवाद बढ़ते जा रहे हैं। इस घटना ने फिर एक बार सोचने को मजबूर कर दिया है कि आखिर घर के अंदर ही लोग अपने सबसे करीबियों के साथ कैसे हिंसा कर बैठते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव या क्रोध के चलते परिवार में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
पड़ोसियों ने बताया डर और सदमे का माहौल
पड़ोसी बताते हैं कि अब्दुल का परिवार आम परिवारों की तरह ही था। किसी ने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना हो सकती है। लोग कहते हैं कि उनकी पत्नी और बेटे हमेशा मिलनसार रहते थे। इस हादसे के बाद पूरा इलाका डर और सदमे में है।
आगे की कार्रवाई और उम्मीदें
पुलिस अब इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। डीसीपी उत्तर-पूर्वी दिल्ली ने खुद टीम बनाई है, ताकि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके और जांच पूरी हो सके। लोगों की यही उम्मीद है कि पीड़ित पत्नी और बेटा जल्द स्वस्थ हो जाएं और इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
दिल्ली में इस तरह की घटनाओं पर प्रशासन की सख्ती जरूरी
अब सवाल उठता है कि आखिर दिल्ली जैसे शहर में डबल मर्डर जैसी घटनाएं क्यों बढ़ती जा रही हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रशासन को ऐसे मामलों में पहले ही सख्ती बरतनी चाहिए। घरेलू हिंसा के मामले अगर समय रहते पकड़ लिए जाएं तो इस तरह की भयावह घटनाओं को रोका जा सकता है।
मीडिया और समाज की भूमिका
मीडिया का काम है सही खबर लोगों तक पहुंचाना ताकि लोग सतर्क रह सकें। समाज भी जागरूक तभी हो सकता है जब ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए। दिल्ली पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे परिवारों को सुरक्षा का भरोसा दें।