तड़के साढ़े पाँच बजे की वह घड़ी जब पूरे मोहल्ले को गोलियों की खड़खड़ाहट ने जगा दिया nगुरुवार सुबह अभी अंधेरा पूरी तरह छँटा भी नहीं था कि पश्चिमी दिल्ली के द्वारका सेक्टर-23 से अचानक फायरिंग की तेज़ आवाज़ें आने लगीं. लोग खिड़कियाँ खोलकर समझ ही रहे थे कि मामला पटाखों का नहीं है, तभी एक के बाद एक गाड़ियों के सायरन गूँज उठे. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल एनकाउंटर की ख़बर कुछ ही मिनटों में पूरे शहर में फैल गई. सामने था गैंगस्टर रोहित गोदारा का शॉर्प शूटर, और दूसरी तरफ़ थी राजधानी की सबसे तेज़ रिएक्शन टीम.
खाली सड़कों पर बिखरे कारतूस और थमी हुई साँसें: शुरुआती पाँच मिनट का रोमांच
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कुल मिलाकर पाँच से सात मिनट तक रुक-रुक कर गोलियाँ चलती रहीं. पुलिस की ओर से करीब 25 राउंड दागे गए, जबकि बदमाशों ने भी बेझिझक जवाब दिया. इसी दौरान एक गोली सीने पर बुलेट-प्रूफ जैकेट लगने से उछलकर पास खड़ी कार के बोनट से टकराई, जिससे तेज़ चिंगारी निकली. एनकाउंटर समाप्त होने के बाद सड़क पर दर्जनों खाली खोखे, एक टूटे हुए मोबाइल का बैक कवर और एक काले रंग की कैप पड़ी मिली, जो बाद में उस शॉर्प शूटर की निकली.
कौन है रोहित गोदारा और क्यों बन गया उसका यह निशानेबाज़ पुलिस की हिट लिस्ट
रोहित गोदारा पश्चिमी राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर है, जिसका नाम हरियाणा-दिल्ली-राजस्थान की तिकड़ी में चलने वाले रंगदारी रैकेट से जुड़ता रहा है. बताया जाता है कि घायल शॉर्प शूटर पिछले छह महीनों में तीन सुपारी हत्याओं में शामिल रहा. दिल्ली पुलिस की फाइलों में उसकी पहचान ‘एक्सपर्ट पिलियन फायरर’ के तौर पर दर्ज है, यानी बाइक के पीछे बैठकर सटीक निशाना साधने वाला. इस बार वह किसी बड़े वारदात की फिराक में था, लेकिन स्पेशल सेल ने पहले ही दबोच लिया.
मोबाइल लोकेशन से लेकर सीसीटीवी क्लू तक: खुफिया तार ने कैसे खोला पूरा जाल
पुलिस सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह जयपुर एयरपोर्ट के बाहर से एक संदिग्ध कॉल इंटरसेप्ट हुई थी, जिसमें गोदारा गिरोह के दो सदस्यों ने ‘दिल्ली में माल गिराने’ की बात कही. क्राइम ब्रांच ने कॉल डेटा रिकॉर्ड निकाला, तो शॉर्प शूटर की मोबाइल लोकेशन बार-बार द्वारका सेक्टर-23 के पास पिंग कर रही थी. इसके बाद इलाक़े के आठ प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी फुटेज खँगाले गए. सोमवार रात एक सफेद i20 कार में बैठे चार युवकों की संदिग्ध गतिविधि पकड़ी गई. यही वह धागा था, जिस पर खींचते-खींचते अधिकारियों ने पूरा जाल तैयार कर लिया.
ऑपरेशन की प्लानिंग: तीन टीमों का घेरा, रैपिड फायर और बैकअप की बारीक रणनीति
एनकाउंटर वाली सुबह इंस्पेक्टर अरुण की अगुआई में कुल 18 कमांडो तैनात किए गए. पहली टीम सादी पोशाक में बस स्टॉप के पास खड़ी थी, ताकि बदमाशों को पुलिस का अंदेशा न हो. दूसरी टीम बुलेट-प्रूफ गाड़ियों में पीछे से धीरे-धीरे सरक रही थी. तीसरी छोटी टुकड़ी सेक्टर-22 की ओर से बैकअप दे रही थी. जैसे ही संदिग्ध कार दिखी, वायरलेस पर कोड-वर्ड ‘कंचे’ बोला गया और चारों तरफ़ से घेरा कस गया. बदमाशों ने दरवाज़ा खोलते ही फायर किया, जवाब में पुलिस ने टायर निशाना बनाया. गाड़ी रुकते ही अंदर बैठा शॉर्प शूटर कंधे पर गोली लगने से ज़मीन पर गिर पड़ा.
फायरिंग थमते ही मुक़द्दमे की तैयारी: घटनास्थल से बरामद हथियारों का ब्यौरा
मौके से एक विदेशी कट्टा, दो मैगज़ीन, पंद्रह कारतूस और एक 9 एमएम पिस्तौल मिली. forensic टीम ने कार सीट-कवर से बारूद के कण, टिशू पेपर के टुकड़े और दरवाज़े के पैने कोने से फिंगरप्रिंट के नमूने इकट्ठे किए. घायल शॉर्प शूटर को पहले पास के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ प्राथमिक इलाज के बाद पुलिस कस्टडी में सफदरजंग हॉस्पिटल शिफ़्ट किया गया. डॉक्टरों ने बताया कि गोली कंधे की हड्डी छूते हुए निकल गई, इसलिए जान को ख़तरा नहीं है.
पड़ोसियों की सहमी हुई आवाज़ और सोशल मीडिया पर दौड़ती क्लिप
एनकाउंटर के तुरंत बाद इलाके के कई घरों के बाहर लगे डोरबेल कैमरों की फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. एक क्लिप में दिखता है कि कैसे दो पुलिस वाले स्कूटी के पीछे छिपकर बदमाशों पर निशाना साधते हैं, जबकि सामने कार की विंडशील्ड टूटती दिख रही है. पड़ोस में रहने वाली 62-वर्षीय रमा देवी ने बताया, “पहले लगा गैस सिलेंडर फटा है, पर जब लगातार धमाके होने लगे तो हमने बच्चों को किचन में बंद कर लिया.” शाम होते-होते ट्विटर पर #DwarkaEncounter ट्रेंड करने लगा.
दिल्ली में बढ़ते गैंग वॉर पर लगाम: स्पेशल सेल की आगे की रणनीति
पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने शाम को प्रेस-कॉन्फ़्रेंस में कहा कि रोहित गोदारा नेटवर्क के एक्टिव मेंबर अब उँगलियों पर गिने जा सकते हैं. “हमने पिछले दो साल में इनके 37 गुर्गों को गिरफ़्तार या न्यूट्रलाइज़ किया है; अगला लक्ष्य पूरे नेटवर्क की फ़ाइनेंस चेन तोड़ना है,” उन्होंने बताया. जानकारी मिली है कि जल्द ही राजस्थान, पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ एक संयुक्त टास्क फ़ोर्स बनाई जाएगी. इसका मक़सद हथियार सप्लाई, फेक सिम कार्ड और हवाला रूट पर एक साथ चोट करना है.
अदालत की राहें और कानूनी पेंच: किस धाराओं में चलेगा मुक़दमा
घायल शॉर्प शूटर पर IPC की धारा 307 (हत्या की कोशिश), Arms Act की धारा 25-27 और Organized Crime Control Act (MCOCA) लगाने की तैयारी है. पुलिस ने 48 घंटे के भीतर फोरेंसिक रिपोर्ट, हथियार की बैलिस्टिक जाँच और सीसीटीवी फुटेज अदालत में जमा करने का रोडमैप बनाया है. सूत्र बताते हैं कि सबूत पुख्ता हैं, इसलिए बेल मिलना लगभग नामुमकिन होगा. दूसरी ओर, गोदारा के वक़ील ने आरोप लगाया कि एनकाउंटर ‘फर्जी’ था, पर शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट पुलिस के दावे को पुष्ट करती है.
क्या यह अंत है या एक नई शुरुआत? दिल्ली-एनसीआर में गैंग कल्चर के भविष्य पर सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया शेखी और त्वरित ‘फेम’ ने नई पीढ़ी के अपराधियों को हवा दी है. हर हथियारबंद वीडियो कुछ ही घंटों में लाखों व्यूज़ बटोर लेता है, जिससे छोटे-छोटे गिरोह खुद को बड़ा समझने लगते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के समाजशास्त्री डॉ. अनिरुद्ध सिंह कहते हैं, “अगर युवाओं को ग़लत रास्ते से रोकना है तो परिवार, स्कूल और पुलिस—तीनों को मिलकर काम करना होगा.” इस एनकाउंटर ने साफ़ संदेश दे दिया है कि डरे बिना गोली चलाने वालों को अब शहर में पनाह नहीं मिलेगी. आगे की लड़ाई लंबी है, पर यह कार्रवाई बता रही है कि कानून की पकड़ अब और पक्की हो रही है.