दिल्ली में बाढ़ का अलर्ट: यमुना खतरे के निशान पार, NDRF मुस्तैद
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया। NDRF की टीमें राहत कार्यों के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं।
सितंबर 2025 के शुरुआती दिनों में देशभर के पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में पिछले कई दिनों से बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ है। राजधानी दिल्ली और उसके आसपास यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। इस विनाशकारी स्थिति ने प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है।
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खतरे के निशान के ऊपर यमुना का जलस्तर
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज और वजीराबाद बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। दिल्ली के ओल्ड रेलवे ब्रिज पर यमुना का जलस्तर 206.83 मीटर हो चुका है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से कहीं अधिक है। जलस्तर के बढ़ने से यमुना जलाशयों के किनारे बसे इलाके जलमग्न हो गए हैं और वहां रहने वाले लोगों का विस्थापन शुरू हो चुका है।
बाढ़ से प्रभावित दिल्ली-एनसीआर के इलाके
दिल्ली के यमुना बाजार, बुराड़ी, एमनेस्टी मार्केट, तिब्बती बाजार, बासुदेव घाट जैसे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। आईटीओ छठ घाट और यमुना खादर के पार्कों में भी जलभराव हो चुका है। कई इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। जलस्तर बढ़ने के खतरे के चलते नदी किनारे जाने पर सख्त रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं और प्रभावित लोगों को सहायता के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
NDRF और प्रशासन का सक्रिय मोर्चा
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन ने दिल्ली के बाढ़ प्रभावित इलाकों में त्वरित राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। वे प्रवासी और गरीब वर्ग के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, जरूरी वस्तुएं वितरित करने और ध्वस्त हुए मकानों का आकलन करने में लगे हैं। पुलिस ने पुल और सड़कों को बंद कर यातायात को डायवर्ट कर दिया है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
यातायात व्यवस्था एवं जनजीवन प्रभावित
बाढ़ की वजह से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर जलभराव हुआ है और कई मार्गों को बंद करना पड़ा है। पुराना लोहे का पुल 2 सितंबर से बंद कर दिया गया है, जिसके कारण यातायात अन्य रास्तों से डायवर्ट किया गया है। इस स्थिति ने आम लोगों को भारी दिक्कतों में डाल दिया है। स्कूल बंद हो गए हैं और कई कार्यालयों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी है।
मौसम विभाग और भविष्य की संभावनाएं
मौसम विभाग ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में अगले 48 घंटे भारी बारिश और बाढ़ का अलर्ट जारी किया है। यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है जो जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। विभाग ने नागरिकों को जरूरी कदम उठाने, सुरक्षित स्थानों पर रहने और नदी के किनारे जाने से परहेज करने की सलाह दी है।
पहाड़ों से लेकर मैदान तक भारी बारिश का असर
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के कारण सड़कें टूट गईं, भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं और कई पुल बह गए हैं। यह पानी बादल फटने के कारण यमुना और उसकी सहायक नदियों में पहुंच रहा है, जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ के हालात बनते जा रहे हैं। इस लगातार बारिश ने पहाड़ों से लेकर शहरों तक सभी जगह जनजीवन को प्रभावित किया है।
सरकार और नागरिकों की भूमिका
दिल्ली सरकार ने आपदा प्रबंधन को लेकर सतर्कता बरती है और लगातार जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का काम कर रही है। सहायता कार्यों के लिए विभिन्न एजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही हैं। नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे घबराएं नहीं, किन्तु सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उफनती नदियों के पास जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।
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